जगन्नाथ भगवान जी का भजन (Jagannath Bhagwan Ji Ka Bhajan)


जगन्नाथ जगन्नाथ जगन्नाथ जगन्नाथचारों धाम में सबसे बड़ा है ,जगन्नाथ धाम
जगन्नाथ भगवान की, महिमा अपरम्पार
भक्तों को दर्शन देते,करते उनके काम।
कर लो भक्तों ,जगन्नाथ का ध्यान बारंबार।

जगन्नाथ जगन्नाथ जगन्नाथ जगन्नाथ

भज लो रे भक्तों जगन्नाथ को
तर जाओगे भव सागर पार।
तन मन जीवन अर्पण कर दो
प्रभु की , लीला अपरम्पार।

जगन्नाथ जगन्नाथ जगन्नाथ जगन्नाथ

सात पुरियों में एक है ,जगन्नाथ पुरी धाम
जगन्नाथ के भात को ,जगत पसारे हाथ।
करलो भक्तों महाप्रभु के ,दर्शन बारंबार
जहां विराजे जगन्नाथ ,बलभद्र ,सुभद्रा साथ।

जगन्नाथ जगन्नाथ जगन्नाथ जगन्नाथ
Jagannath Bhagwan Ji Ka Bhajan - Read in English
Charon Dham Mein Sabse Bada Hai ,jagannath Dham, Jagannath Bhagwan Ki, Mahima Aparampar, Bhakton Ko Darshan Dete,karte Unke Kaam ।
Bhajan Jagannath Bhajan BhajanPuri Jagannath Bhajan Bhajan
अगर आपको यह भजन पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!


* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

हे नाम रे सबसे बड़ा तेरा नाम - भजन

हे नाम रे सबसे बड़ा तेरा नाम, ओ शेरोवाली, ऊँचे डेरों वाली,..

जयपुर से लाई मैं तो चुनरी: भजन

जयपुर से लाई मैं तो, चुनरी रंगवाई के, गोटा किनारी अपने..

भेजा है बुलावा, तूने शेरा वालिए: भजन

भेजा है बुलावा, तूने शेरा वालिए, ओ मैया तेरे दरबार, में हाँ तेरे दीदार, कि मैं आऊंगा, कभी न फिर जाऊँगा...

ऐसा प्यार बहा दे मैया: भजन

ऐसा प्यार बहा दे मैया, चरणों से लग जाऊ मैं। सब अंधकार मिटा दे मैया..

चौसठ जोगणी रे भवानी: राजस्थानी भजन

चौसठ जोगणी रे भवानी, देवलिये रमजाय, घूमर घालणि रे भवानी, देवलिये रमजाय ॥ देवलिये रमजाय म्हारे, आंगणिये रमजाय..