सत्कर्मों में सदैव आस्था रखें - प्रेरक कहानी
एक नदी के तट पर एक शिव मंदिर था, एक पंडितजी और एक चोर प्रतिदिन अपनी-अपनी आस्था के अनुरूप मंदिर आया करते थे।
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कर्ण को ही सबसे बड़ा दानी क्यों कहते हैं? - प्रेरक कहानी
एक बार की बात है कि श्री कृष्ण और अर्जुन कहीं जा रहे थे। रास्ते में अर्जुन ने श्री कृष्ण से पूछा कि प्रभु: एक जिज्ञासा है मेरे मन में, अगर आज्ञा हो तो पूछूँ..
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अपने शिल्पकार को पहचाने - प्रेरक कहानी
शिल्पकार ने थैले से छेनी-हथौड़ी निकालकर उसे तराशने के लिए जैसे ही पहली चोट की.. पत्थर जोर से चिल्ला पड़ा: उफ मुझे मत मारो।
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महाभारत के युद्ध में भोजन प्रबंधन
आर्यावर्त के समस्त राजा या तो कौरव अथवा पांडव के पक्ष में खड़े दिख रहे थे। श्रीबलराम और रुक्मी ये दो ही व्यक्ति ऐसे थे जिन्होंने इस युद्ध में भाग नहीं लिया।
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जगन्नाथ जी का खिचड़ी भोग - सत्य कथा
कर्मा बाई जी, जगन्नाथ पुरी में रहती थी और भगवान को बचपन से ही पुत्र रूप में भजती थीं।
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ईर्ष्यालु व्यक्ति, किसी को सुखी-संपन्न नहीं देख सकता है - प्रेरक कहानी
ईर्ष्यालु व्यक्ति की प्रकृति यही होती है कि वह दूसरों को सुखी-संपन्न देखकर उनके जैसा उन्नत, संपन्न और सुखी होने की प्रेरणा ग्रहण नहीं करता...
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तीन गुरु चोर, कुत्ता और छोटा बच्चा - प्रेरक कहानी
एक दिन एक शिष्य ने महंत से सवाल किया, स्वामीजी आपके गुरु कौन है? मेरे हजारो गुरु हैं! लेकिन फिर भी मै अपने तीन गुरुओ के बारे मे तुम्हे जरुर बताऊंगा...
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सेवा का समर्पण भाव - प्रेरक कहानी
एक बार एक राजा भोजन कर रहा था, अचानक खाना परोस रहे सेवक के हाथ से थोड़ी सी सब्जी राजा के कपड़ों पर छलक गई। राजा की त्यौरियां चढ़ गयीं।
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कद्दू का तीर्थ स्नान - प्रेरक कहानी
वह कद्दू ले लिया, और जहाँ-जहाँ गए, स्नान किया वहाँ-वहाँ स्नान करवाया। मंदिर में जाकर दर्शन किया तो उसे भी दर्शन करवाया।...
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भगवान की लाठी तो हमेशा तैयार है - प्रेरक कहानी
एक बुजुर्ग दरिया के किनारे पर जा रहे थे। जहरीले बिच्छु ने दरिया के अन्दर छलांग लगाई..
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हार से क्रोध का कनेक्शन - प्रेरक कहानी
बहुत समय पहले की बात है नवनीत। आदि शंकराचार्य और मंडन मिश्र के बीच सोलह दिन तक लगातार शास्त्रार्थ चला। शास्त्रार्थ की निर्णायक थीं मंडन मिश्र की धर्म पत्नी देवी भारती। ...
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भगवन नाम का प्रताप - प्रेरक कहानी
एक व्यक्ति गाड़ी से उतरा। और बड़ी तेज़ी से एयरपोर्ट में घुसा, जहाज़ उड़ने के लिए तैयार था, उसे किसी कार्यक्रम मे पहुंचना था जो खास उसी के लिए आयोजित किया जा रहा था। वह अपनी सीट पर बैठा और हवाई जहाज उड़ गया।
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तुलसीदास जी रचित श्री रामचरितमानस के प्रथम श्रोता - सत्य कथा
श्री रामचरितमानस के प्रथम श्रोता संत: मनुष्यों में सबसे प्रथम यह ग्रन्थ सुनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ मिथिला के परम संत श्रीरूपारुण स्वामीजी महाराज को।
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तुलसीदास जी द्वारा भगवान् श्रीराम, लक्ष्मण दर्शन - सत्य कथा
चित्रकूटके घाट पर, भइ संतन की भीर । तुलसिदास चंदन घिसें, तिलक देन रघुबीर ॥..
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आठवी पीढ़ी की चिन्ता - प्रेरक कहानी
आटा आधा किलो | सात पीढ़ी की चिंता सब करते हैं.. आठवी पीढ़ी की कौन करता है - एक दिन एक सेठ जी को अपनी सम्पत्ति के मूल्य निर्धारण की इच्छा हुई। लेखाधिकारी को तुरन्त बुलवाया गया।
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