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कंकाली माता मन्दिर @Sasni, Uttar Pradesh
पटन देवी मंदिर @Patna, Bihar
वेणी माधव मंदिर @Prayagraj, Uttar Pradesh
सतयुग में सौ यज्ञ करने वाले एक पृथु नामक राजा हुए। उनके राज्यान्तर्गत दयादेव नामक एक ब्राह्मण रहते थे। वेदों में निष्णात उनके चार पुत्र थे।
संतोषी माता व्रत कथा | सातवें बेटे का परदेश जाना | परदेश मे नौकरी | पति की अनुपस्थिति में अत्याचार | संतोषी माता का व्रत | संतोषी माता व्रत विधि | माँ संतोषी का दर्शन | शुक्रवार व्रत में भूल | माँ संतोषी से माँगी माफी | शुक्रवार व्रत का उद्यापन
भारतवर्ष में एक राजा राज्य करता था वह बड़ा प्रतापी और दानी था। वह नित्य गरीबों और ब्राह्मणों...
दक्ष उवाच- महेशानि नमस्तुभ्यं जगदम्बे सनातनि । कृपां कुरु महादेवि सत्ये सत्यस्वरूपिणि ॥
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥
दक्ष उवाच- महेशानि नमस्तुभ्यं जगदम्बे सनातनि । कृपां कुरु महादेवि सत्ये सत्यस्वरूपिणि ॥
नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥ निरंकार है ज्योति तुम्हारी। तिहूँ लोक फैली उजियारी॥
जय सन्तोषी मात अनूपम। शान्ति दायिनी रूप मनोरम॥ सुन्दर वरण चतुर्भुज रूपा। वेश मनोहर ललित अनुपा॥
हनुमान चालीसा लिरिक्स | जय हनुमान ज्ञान गुन सागर । जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥ राम दूत अतुलित बल धामा | बुरी आत्माओं से मुक्ति के लिए, शनि के प्रकोप से बचने हेतु हनुमान चालीसा का पाठ करें
हस्तामलकाचार्य श्री आदि शंकराचार्य के तीसरे सबसे बड़े शिष्य थे। उन्हें श्री शंकराचार्य द्वारा स्थापित पश्चिमी क्षेत्र के द्वारका में शारदा मठ का प्रथम पीठाधीश नियुक्त किया गया था। कहा जाता है श्री हस्तमलक अपने पूर्व जन्म में योगी थे।
त्रोटकाचार्य 8वीं शताब्दी में आदि शंकराचार्य के शिष्य थे, जिन्हें शंकराचार्य ने ज्योतिर्मठ पीठ (बद्रीनाथ) का प्रथम जगद्गुरु बनाया था।
श्री सुरेश्वराचार्य एक प्रसिद्ध विद्वान और दार्शनिक थे जिन्होंने सनातन वैदिक धर्म के उत्कर्ष में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
पद्मपादाचार्य शंकराचार्य के प्रथम शिष्य थे। वे एक से अधिक अर्थों में प्रथम थे। उनकी अद्वितीय भक्ति ने गुरु को इतना प्रसन्न किया कि सत्य की उनकी गंभीर खोज की सराहना करते हुए, आचार्य ने उन्हें तीन बार अपने कार्यों की व्याख्या करने का कष्ट उठाया।
नई दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद और गुरुग्राम के शीर्ष मा आदि शक्ति, मां दुर्गा और मां काली मंदिरों की सूची...
दिल्ली और आस-पास के शहर नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद के प्रसिद्ध श्री गणेश मंदिर।
दिल्ली के 10 सबसे प्रसिद्ध एवं भव्य मंदिर, जहाँ भगवन के दर्शन के लिए आपको अवश्य जाना चाहिए। दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर), जिसमें नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद शामिल हैं।
एक बुढ़िया माई थी। मिट्टी के गणेश जी की पूजा करती थी। रोज बनाए रोज गल जाए। एक सेठ का मकान बन रहा था..
पक्षी बहुत दुःखी हुआ और उसने प्रतिज्ञा की कि मैं समुद्र के जल को समाप्त कर दूंगी और अपने चोंच में सागर के जल को भर भर कर फेंकने लगी ऐसा..
मैं देखती हूं लोग मंदिर परिसर मे अपने फोन से अपने व्यापार की बात करते है कुछ ने तो मंदिर को ही गपसप करने का स्थान चुन रखा है, कुछ पूजा कम पाखंड ज्यादा करते है।
ईश्वर सच्चिदानंदस्वरूप, निराकार, सर्वशक्तिमान, न्यायकारी, दयालु, अजन्मा, अनंत, निर्विकार, अनादि, अनुपम, सर्वाधार, सर्वेश्वर, सर्वव्यापक, सर्वांतर्यामी, अजर, अमर, अभय, नित्य, पवित्र और सृष्टिकर्ता है, उसी की उपासना करने योग्य है।
हिंदू पुराणों में नर्मदा परिक्रमा यात्रा का बहुत महत्व है। मा नर्मदा, जिसे रीवा नदी के नाम से भी जाना जाता है, पश्चिम की ओर बहने वाली सबसे लंबी नदी है। यह अमरकंटक से निकलती है, फिर ओंकारेश्वर से गुजरती हुई गुजरात में प्रवेश करती है और खंभात की खाड़ी में मिल जाती है।
जब भी किसी शुभ और शुभ कार्य का शुभ मुहूर्त देखा जाता है तो उसमें भद्रा का विशेष रूप से ध्यान रखा जाता है और कोई भी शुभ कार्य भद्रा के समय को छोड़कर दूसरे मुहूर्त में किया जाता है।
चैत्र शुक्ल पूर्णिमा के दिन सभी हनुमान भक्त श्री हनुमान जन्मोत्सव अर्थात हनुमान जयंती बड़ी धूम-धाम से मानते हैं। इस वर्ष यह आयोजन शनिवार, 12 अप्रैल 2025 के दिन है।