जदुद्वारा से सिरसागंज शहर की ओर जाते हुए महादेव के कालेश्वर मंदिर के अत्यंत निकट रुद्र के अवतार श्री हनुमंत लाल के बाल स्वरूप को समर्पित श्री बालाजी मंदिर, बालाजी सिरसागंज के नाम से प्रसिद्ध है।
पूर्वी दिल्ली के विशाल एवं रमणीय आध्यात्मिक शिव मंदिर मे माँ वैष्णो की गुफा भक्तों को बहुत भाती है।..
चौसठ योगिनी मितावली मंदिर प्राचीन भारतीय वास्तुकला का वृत्ताकार योजना वाला एक बहुत ही अनोखा और शानदार मंदिर है। भारत की संसद भवन इसी योगिनी मंदिर की वास्तुकला से प्रेरित है...
बाबा बटेश्वरनाथ धाम, प्राचीन 101 भगवान शिव मंदिरों की एक श्रृंखला है, इसलिए इसे धाम कहा जाता है।
बटेश्वर ग्रूप ऑफ टेंपल, बटेश्वर मंदिर मुरैना, बटेश्वर हिंदू मंदिर परिसर मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में स्थित है। भगवान शिव, विष्णु और शक्ति को समर्पित लगभग 200 मंदिर।
यह श्री वेंकटेश्वर मंदिर तमिल वैष्णव परंपरा का एक मंदिर है, जहाँ दिन के सभी धार्मिक अनुष्ठान तिरुपति बालाजी मंदिर के ही समान किए जाते हैं।
भगवान विष्णु अवतार, तिरुपति बालाजी का दिल्ली में प्रसिद्ध मंदिर श्री वेंकटेश्वर स्वामी वारी मंदिर (तेलुगु: శ్రీ వెంకటేశ్వర స్వామి వారీ ఆలయం) उद्यान-मार्ग पर स्थित है।
दुनिया के मालिक को भगवान कहते हैं, संकट के साथी को हनुमान कहते हैं॥
उड़े उड़े बजरंगबली, जब उड़े उड़े, हनुमान उड़े उड़ते ही गये, सब देख रहे है..
ऐ भई रे भई रे, ढोलीड़ा तने विनवु रे, म्हारी माता सारू, ढोल वगाडजो रे, झुमर झलके अम्बा ना, गोरा गाल पे रे ॥
मिश्री से भी मीठा नाम तेरा, तेरा जी मैया, ऊँचे पहाड़ो पर डेरा डेरा जी, तेरा मंदर सुनहरी शेरावालिये ॥
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर । जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥ राम दूत अतुलित बल धामा | हनुमान चालीसा लिरिक्स
जय गणपति सदगुण सदन, कविवर बदन कृपाल। विघ्न हरण मंगल करण, जय जय गिरिजालाल॥
जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान। कहत अयोध्यादास तुम, देहु अभय वरदान॥
हनुमान जी श्री राम के बहुत बड़े भक्त हैं और भगवान शिव के अवतार हैं। हनुमान जी के माता-पिता का नाम अंजना और केसरी है इसलिए उन्हें अंजनी-पुत्रा और केसरी-नंदन कहा जाता है।
हिन्दू धर्म में पुराणों के अनुसार स्वयं शिवजी, शिवलिंग के रूप में १२ अलग-अलग स्थानों पर स्थापित हैं, जानिए भारत के 12 ज्योतिर्लिंग के बारे मे...
नई दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद के प्रमुख भगवान शिव मंदिर:
एक सेठ ने अन्नसत्र खोल रखा था। उनमें दान की भावना तो कम थी, पर समाज उन्हें दानवीर समझकर उनकी प्रशंसा करे यह भावना मुख्य थी। उनके प्रशंसक भी कम नहीं थे।..
यमराज ने पीने के लिए व्यक्ति से पानी माँगा, बिना एक क्षण गंवाए उसने पानी पिला दिया। पानी पीने के बाद यमराज ने बताया कि वो उसके प्राण लेने आये हैं..
एक छोटा सा बोर्ड रेहड़ी की छत से लटक रहा था, उस पर मोटे मारकर से लिखा हुआ था...
घर मे कोई नही है, मेरी बूढ़ी माँ बीमार है, मुझे थोड़ी थोड़ी देर में उन्हें खाना, दवा और टायलट कराने के लिए घर जाना पड़ता है, अगर आपको जल्दी है तो अपनी मर्ज़ी से फल तौल ले...
2022 में जगन्नाथ रथ यात्रा शुक्रवार, 01 जुलाई से शुरू हो रही है।
ऑस्ट्रेलिया में हिंदुओं के लिए बड़ी संख्या में मंदिर परिसर और समुदाय हैं, जो ऑस्ट्रेलिया में आने वाले प्रत्येक भारतीय का स्वागत करते हैं। इसलिए, यदि आप घर से बाहर महसूस कर रहे हैं या पूजा करने के लिए जगह की तलाश कर रहे हैं तो ये मंदिर ऑस्ट्रेलिया में घूमने के लिए सही जगह हैं।
धुनुची नृत्य नाच दुर्गा पूजा के दौरान किया जाने वाला एक भक्ति नृत्य है और यह बंगाल की पारंपरिक नृत्य है। मां दुर्गा को धन्यवाद प्रस्ताव के रूप में पेश किया जाने वाला नृत्य शाम की दुर्गा आरती में ढाक बाजा, उलू ध्वनि की ताल पर किया जाता है।
यह एकादशी तिथियाँ केवल वैष्णव सम्प्रदाय इस्कॉन के अनुयायियों के लिए मान्य है | Friday, 24 June 2022 योगिनी एकादशी व्रत कथा - Yogini Ekadasi Vrat Katha
भोग लगाने के लिए सूजी का हलवा तैयार करने के सरल विधि...
सिंघाड़े का हलवा बन कर तैयार हो जाता है। कतलियों को अपने स्वादानुसार काजू अथवा बादाम 1-1 चम्मच से सजा लेते हैं।
अधिकतम व्रत जिसमें अन्न ग्रहण करना वर्जित होता है, उस व्रत में समा के चावल की खीर का उपयोग किया जाता है। आइए जानें इसे बनाने की विधि...