नोयडा सेक्टर ६२ मेट्रो स्टेशन नोएडा

बारें में | सेवाएं और मार्ग | मंदिर दर्शन
भक्त इस मेट्रो से विशेष रूप से बाबा बालक नाथ सिद्ध पीठ के दर्शन करते हैं। नोएडा सेक्टर 62 मेट्रो स्टेशन से पास के प्रसिद्ध मंदिर हैं नोएडा अयप्पा मंदिर, श्री विनायक मंदिर, शनि मंदिर, शांतन श्री दुर्गा मंदिर, त्रिकुट्टा हिल्स मंदिर, शिव मंदिर, हनुमान मंदिर, नर्मदेश्वर मंदिर, साई मंदिर, शनि मंदिर, श्री विनायक और श्री कार्तिकेय मंदिर। नोएडा सेक्टर 62 मेट्रो स्टेशन ब्लू लाइन मेट्रो में भीड़-भाड़ वाले मेट्रो स्टेशनों में से एक है। यह मेट्रो स्टेशन नॅशनल हाइवे के निकट होने के कारण गाज़ियाबाद से भी कनेक्टेड है।

नोयडा सेक्टर ६२ के निकट मंदिर - Mandir Near Noida Sector 62 Metro Station

श्री विनायक मंदिर, नोयडा-62 @Noida Uttar Pradesh

जेएसएस एकेडमी ऑफ टेक्निकल एजुकेशन के परिसर से जुड़ा हरी-भरी आभा के साथ, स्वच्छ वातावरण से पोषित श्री विनायक मंदिर को नोयडा के सबसे साफ मंदिरों मे से एक कहा जा सकता है।


बाबा बालकनाथ सिद्ध पीठ @Noida Uttar Pradesh

बाबाजी के भक्तों के आर्थिक सशक्तीकरण द्वारा आध्यात्मिक उत्थान और आत्म-विकास के साथ-साथ अन्य जरूरतमंद लोगों ने बाबा बालक नाथ सिद्ध पीठ की स्थापना की।


सेवाएं और मार्ग जानकारियां

Blue Line

Noida Electronic City | elevated | side | 2019 | Noida Sector 59


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आरती ›
श्री चित्रगुप्त आरती

ॐ जय चित्रगुप्त हरे, स्वामी जय चित्रगुप्त हरे। भक्तजनों के इच्छित, फल को पूर्ण करे॥

श्री बृहस्पति देव की आरती

जय वृहस्पति देवा, ऊँ जय वृहस्पति देवा । छिन छिन भोग लगा‌ऊँ..

विश्वकर्मा आरती

जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा। सकल सृष्टि के करता, रक्षक स्तुति धर्मा॥

भजन ›
लूटो लूटो रे हरिवंश नाम अनमोल - भजन

लूटो लूटो रे हरिवंश नाम अनमोल, लुटाऊँ गली गली हरिवंश नाम अनमोल ।

गोपी गीत - जयति तेऽधिकं जन्मना

जयति तेऽधिकं जन्मना व्रजः श्रयत इन्दिरा शश्वदत्र हि । दयित दृश्यतां दिक्षु तावका स्त्वयि धृतासवस्त्वां विचिन्वते ॥

महालक्ष्मी जाप करो - भजन

महालक्ष्मी जाप करो सुबह शाम आठों याम, अष्ट लक्ष्मी जाप करो सुबह शाम आठों याम..

चालीसा ›
चित्रगुप्त चालीसा

सुमिर चित्रगुप्त ईश को, सतत नवाऊ शीश। ब्रह्मा विष्णु महेश सह, रिनिहा भए जगदीश॥

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जय हो जय बंदित गिरिराजा।ब्रज मण्डल के श्री महाराजा॥ विष्णु रूप तुम हो अवतारी।सुन्दरता पै जग बलिहारी॥

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विश्वेश्वर पदपदम की रज निज शीश लगाय । नित्य आनंद करिणी माता, वर अरु अभय भाव प्रख्याता..