Updated: Jun 04, 2025 13:29 PM |
बारें में | संबंधित जानकारियाँ | यह भी जानें
Golconda Bonalu Date: Thursday, 26 June 2025
बोनालू एक हिंदू त्योहार है जहां देवी महाकाली की पूजा की जाती है। त्योहार आमतौर पर आषाढ़ मास (जुलाई-अगस्त) के दौरान मनाया जाता है। गोलकुंडा मंदिर में, बोनालू नौ दिनों तक मनाया जाता है। इसलिए इसका नाम गोलकुंडा बोनालु रखा गया है। पहले दिन, एक 'उरागिम्पु' जुलूस होगा, उसके बाद बंजारा दरवाजा और विग्रहपीतम अनुष्ठान से 'बोनम' जुलूस होता है, जिसमें देवताओं की मूर्तियों की स्थापना की जाति है।
क्या होता है बोनालू उत्सव में?
राज्य के विभिन्न हिस्सों में देवी महाकाली के विभिन्न संस्करणों के लिए विशेष पूजा आयोजित की जाती है, लेकिन मुख्य रूप से देवी के अवतार येलामा की पूजा की जाती है। इस त्योहार के दौरान, भक्त आदिशक्ति के स्थानीय रूपों जैसे येल्लम्मा, पोचम्मा और मैसम्मा को उनकी रक्षा करने और उन्हें बुराई से बचाने के लिए श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।
कैसे तैयार किया जाता है बोनालू?
बोनालू देवी मां को एक प्रसाद है। महिलाएं नए पीतल या मिट्टी के बर्तन में नीम के पत्ते, हल्दी, सिंदूर और बर्तन के ऊपर दीपक जलाकर दूध और गुड़ से पका चावल तैयार करती हैं। जिसको बनालू कहते हैं। गोलकुंडा किले में एक महीने तक रविवार और गुरुवार को बोनालू उत्सव जारी रहता है।
यह त्यौहार किस स्थान पर मुख्य रूप से मनाया जाता है?
बोनालू त्योहार हर साल दक्षिणी भारतीय राज्य तेलंगाना में मनाया जाता है, विशेष रूप से हैदराबाद और सिकंदराबाद शहरों में।
शुरुआत तिथि | आषाढ़ |
कारण | एलाम्मा (देवी काली) की पूजा की जाती है |
उत्सव विधि | विभिन्न रूपों और विशिष्ट अनुष्ठानों में देवी की पूजा की जाती है, भक्त बोनालु (भोजन) प्रदान करते हैं। |
Bonalu is a Hindu festival where Devi Mahakali is worshiped. The festival is usually celebrated during the month of Ashadha (July-August). In the Golconda temple, Bonalu is celebrated for nine days. Hence it is named Golconda Bonalu. On the first day, there will be an 'Uragimpu' procession, followed by a 'Bonam' procession from Banjara Darwaza and Vigrahapeetam rituals, in which the idols of the deities are installed.
गोलकोंडा बोनालु कहाँ से शुरू होता है?
आषाढ़ के पहले रविवार को गोलकोंडा किले में उत्सव की शुरुआत होती है, उसके बाद दूसरे रविवार को बालकम्पेट के येल्लम्मा मंदिर में उत्सव मनाया जाता है। तीसरे रविवार को चिलकलगुडा और हैदराबाद के पुराने शहर के पास कट्टा मैसम्मा, पोचम्मा और मथेश्वरी मंदिरों में उत्सव मनाया जाता है।
हरिबोवली (अक्कन्ना मदन्ना मंदिर) और शाह अली बांदा (मुथ्यालम्मा मंदिर में) उत्सव के लिए अन्य लोकप्रिय स्थान हैं। हजारों भक्त देवी मां से प्रार्थना करने के लिए मंदिरों में आते हैं।
गोलकोंडा में नौ बोनम (बोनालू) की तिथियाँ इस प्रकार हैं:
पहला बोनम: 26 जून (गुरुवार)
दूसरा बोनम: 29 जून (रविवार)
तीसरा बोनम: 3 जुलाई (गुरुवार)
चौथा बोनम: 6 जुलाई (रविवार)
पांचवां बोनम: 10 जुलाई (गुरुवार)
छठा बोनम: 13 जुलाई (रविवार)
सातवां बोनम: 17 जुलाई (गुरुवार)
आठवां बोनम: 20 जुलाई (रविवार)
नौवां बोनम: 24 जुलाई (गुरुवार)
अपनी भक्ति, जीवंत जुलूस और रंगीन अनुष्ठानों के लिए जाना जाने वाला बोनालु उत्सव हैदराबाद के वार्षिक समारोहों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बना हुआ है।
संबंधित जानकारियाँ
आगे के त्यौहार(2025)
26 June 202524 July 2025
भविष्य के त्यौहार
15 July 2026
कारण
एलाम्मा (देवी काली) की पूजा की जाती है
उत्सव विधि
विभिन्न रूपों और विशिष्ट अनुष्ठानों में देवी की पूजा की जाती है, भक्त बोनालु (भोजन) प्रदान करते हैं।
महत्वपूर्ण जगह
हैदराबाद, सिकंदराबाद
पिछले त्यौहार
4 August 2024, 28 July 2024, 21 July 2024, 14 July 2024, Begins : 7 July 2024, End : 13 July 2023, Begins : 25 June 2023, 3 July 2022
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गोलकुंडा बोनालू 2025 तिथियाँ
Festival | Date |
| 26 June 2025 |
End | 24 July 2025 |