Shri Krishna Bhajan
गूगल पर भक्ति भारत को अपना प्रीफ़र्ड सोर्स बनाएँ

🔱गुरु प्रदोष व्रत - Guru Pradosh Vrat

Pradosh Vrat Date: Thursday, 1 January 2026
गुरु प्रदोष व्रत

माह की त्रयोदशी तिथि का प्रदोष काल मे होना, प्रदोष व्रत होने का सही कारण है। प्रदोष का दिन जब साप्ताहिक दिवस सोमवार को होता है उसे सोम प्रदोष कहते हैं, मंगलवार को होने वाले प्रदोष को भौम प्रदोष तथा शनिवार के दिन प्रदोष को शनि प्रदोष कहते हैं।

वैसे तो त्रयोदशी तिथि ही भगवान शिव की पूजा के लिए सर्वश्रेष्ठ है। परंतु प्रदोष के समय शिवजी की पूजा करना और भी लाभदायक है।

ध्यान देने योग्य तथ्य: प्रदोष व्रत एक ही देश के दो अलग-अलग शहरों के लिए अलग हो सकते हैं। चूँकि प्रदोष व्रत सूर्यास्त के समय, त्रयोदशी के प्रबल होने पर निर्भर करता है। तथा दो शहरों का सूर्यास्त का समय अलग-अलग हो सकता है, इस प्रकार उन दोनो शहरों के प्रदोष व्रत का समय भी अलग-अलग हो सकता है।

इसीलिए कभी-कभी ऐसा भी देखने को मिलता है कि, प्रदोष व्रत त्रयोदशी से एक दिन पूर्व अर्थात द्वादशी तिथि के दिन ही हो जाता है।

सूर्यास्त होने का समय सभी शहरों के लिए अलग-अलग होता है अतः प्रदोष व्रत करने से पूर्व अपने शहर का सूर्यास्त समय अवश्य जाँच लें, चाहे वो शहर एक ही देश मे क्यों ना हों। प्रदोष व्रत चन्द्र मास की शुक्ल एवं कृष्ण पक्ष की दोनों त्रयोदशी के दिन किया जाता है।

शुरुआत तिथित्रयोदशी
कारणभगवान शिव का पसंदीदा दिन।
उत्सव विधिव्रत, पूजा, व्रत कथा, भजन-कीर्तन, गौरी-शंकर मंदिर में पूजा, रुद्राभिषेक

Guru Pradosh Vrat in English

Trayodashi tithi of the any month in Pradosha period(Kaal) is the right reason for Pradosha Vrat.

प्रदोष व्रत कब है? - Pradosh Kab Hai

पौष शुक्ल प्रदोष व्रत: बृहस्पतिवार, 1 जनवरी 2026 [दिल्ली]
❀ गुरु प्रदोष व्रत - शत्रु विनाशक, पित्र तृप्ति, भक्ति वृद्धि
गुरु प्रदोष व्रत कथा

प्रदोष काल - 05:35 PM से 08:19 PM

पौष शुक्ल त्रयोदशी तिथि : 1 जनवरी 2026 01:47 AM - 1 जनवरी 2026 10:22 PM

प्रदोष व्रत की पूजा कब करनी चाहिए?

प्रदोष व्रत की पूजा अपने शहर के सूर्यास्त होने के समय के अनुसार प्रदोष काल मे करनी चाहिए।

प्रदोष में क्या न करें?

भगवान शिव की प्रदोष काल में पूजा किए बिना भोजन ग्रहण न करें. व्रत के समय में अन्न, नमक, मिर्च आदि का सेवन नहीं करें।

प्रदोष व्रत मे पूजा की थाली में क्या-क्या रखें?

पूजा की थाली में अबीर, गुलाल, चंदन, काले तिल, फूल, धतूरा, बिल्वपत्र, शमी पत्र, जनेऊ, कलावा, दीपक, कपूर, अगरबत्ती एवं फल के साथ पूजा करें।

प्रदोष व्रत की विधि

❀ प्रदोष व्रत करने के लिए मनुष्य को त्रयोदशी के दिन प्रात: सूर्य उदय से पूर्व उठना चाहिए।
❀ नित्यकर्मों से निवृ्त होकर, भगवान श्री भोले नाथ का स्मरण करें।
❀ इस व्रत में आहार नहीं लिया जाता है।
❀ पूरे दिन उपावस रखने के बाद सूर्यास्त से एक घंटा पहले, स्नान आदि कर श्वेत वस्त्र धारण किए जाते है।
❀ पूजन स्थल को गंगाजल या स्वच्छ जल से शुद्ध करने के बाद, गाय के गोबर से लीपकर, मंडप तैयार किया जाता है।
❀ अब इस मंडप में पांच रंगों का उपयोग करते हुए रंगोली बनाई जाती है।
❀ प्रदोष व्रत कि आराधना करने के लिए कुशा के आसन का प्रयोग किया जाता है।
❀ इस प्रकार पूजन की तैयारियां करके उतर-पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठे और भगवान शंकर का पूजन करना चाहिए।
❀ पूजन में भगवान शिव के मंत्र 'ऊँ नम: शिवाय' का जाप करते हुए शिव को जल चढ़ाना चाहिए।

प्रदोष व्रत की महिमा

प्रदोष व्रत को रखने से दो गायों को दान देने के समान पुन्य फल प्राप्त होता है। प्रदोष व्रत को लेकर एक पौराणिक तथ्य सामने आता है कि एक दिन जब चारों और अधर्म की स्थिति होगी, अन्याय और अनाचार का एकाधिकार होगा, मनुष्य में स्वार्थ भाव अधिक होगी। व्यक्ति सत्कर्म करने के स्थान पर नीच कार्यों को अधिक करेगा। उस समय में जो व्यक्ति त्रयोदशी का व्रत रख, शिव आराधना करेगा, उस पर शिव कृ्पा होगी। इस व्रत को रखने वाला व्यक्ति जन्म-जन्मान्तर के फेरों से निकल कर मोक्ष मार्ग पर आगे बढता है. उसे उतम लोक की प्राप्ति होती है।

प्रदोष व्रत का महत्व

❀ मान्यता और श्रध्दा के अनुसार स्त्री-पुरुष दोनों यह व्रत करते हैं। कहा जाता है कि इस व्रत से कई दोषों की मुक्ति तथा संकटों का निवारण होता है. यह व्रत साप्ताहिक महत्त्व भी रखता है।
❀ रविवार को पड़ने वाले प्रदोष व्रत से आयु वृद्धि तथा अच्छा स्वास्थ्य लाभ प्राप्त किया जा सकता है।
❀ सोमवार के दिन त्रयोदशी पड़ने पर किया जाने वाला व्रत आरोग्य प्रदान करता है और इंसान की सभी इच्छाओं की पूर्ति होती है।
❀ मंगलवार के दिन त्रयोदशी का प्रदोष व्रत हो तो उस दिन के व्रत को करने से रोगों से मुक्ति व स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होता है।
❀ बुधवार के दिन प्रदोष व्रत हो तो, उपासक की सभी कामनाओं की पूर्ति होती है।
❀ गुरुवार के दिन प्रदोष व्रत पड़े तो इस दिन के व्रत के फल से शत्रुओं का विनाश होता है।
❀ शुक्रवार के दिन होने वाला प्रदोष व्रत सौभाग्य और दाम्पत्य जीवन की सुख-शान्ति के लिए किया जाता है।
❀ संतान प्राप्ति की कामना हो तो शनिवार के दिन पड़ने वाला प्रदोष व्रत करना चाहिए।
❀ अपने उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए जब प्रदोष व्रत किए जाते हैं तो व्रत से मिलने वाले फलों में वृ्द्धि होती है।

प्रदोष व्रत का उद्यापन

❀ इस व्रत को ग्यारह या फिर 26 त्रयोदशियों तक रखने के बाद व्रत का उद्यापन करना चाहिए।
❀ व्रत का उद्यापन त्रयोदशी तिथि पर ही करना चाहिए।
❀ उद्यापन से एक दिन पूर्व श्री गणेश का पूजन किया जाता है. पूर्व रात्रि में कीर्तन करते हुए जागरण किया जाता है।
❀ प्रात: जल्दी उठकर मंडप बनाकर, मंडप को वस्त्रों और रंगोली से सजाकर तैयार किया जाता है।
❀ 'ऊँ उमा सहित शिवाय नम:' मंत्र का एक माला यानी 108 बार जाप करते हुए हवन किया जाता है।
❀ हवन में आहूति के लिए खीर का प्रयोग किया जाता है।
❀ हवन समाप्त होने के बाद भगवान भोलेनाथ की आरती की जाती है और शान्ति पाठ किया जाता है।
❀ अंत: में दो ब्रह्माणों को भोजन कराया जाता है और अपने सामर्थ्य अनुसार दान दक्षिणा देकर आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है।

वार के अनुसार प्रदोष व्रत फल

❀ रवि प्रदोष - आरोग्य प्राप्ति और आयु वृद्धि
❀ सोम प्रदोष - मन: शान्ति और सुरक्षा, सकल मनोरथ सफल
❀ भौम प्रदोष - ऋण मोचन
❀ बुद्ध प्रदोष - सर्व मनोकामना पूर्ण
❀ गुरु प्रदोष - शत्रु विनाशक, पित्र तृप्ति, भक्ति वृद्धि
❀ शुक्र प्रदोष - अभीष्ट सिद्धि, चारो पदार्थो (धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष) प्राप्ति
❀ शनि प्रदोष - संतान प्राप्ति

स्कन्द पुराण के अनुसार प्रदोष व्रत

॥ सूत उवाच ॥
साधु पृष्टं महाप्राज्ञा भवद्भिर्लोकविश्रुतैः ॥
अतोऽहं संप्रवक्ष्यामि शिवपूजाफलं महत् ॥४॥
त्रयोदश्यां तिथौ सायं प्रदोषः परिकीर्त्तितः ॥
तत्र पूज्यो महादेवो नान्यो देवः फलार्थिभिः ॥५॥
प्रदोषपूजामाहात्म्यं को नु वर्णयितुं क्षमः ॥
यत्र सर्वेऽपि विबुधास्तिष्ठंति गिरिशांतिके ॥६॥
प्रदोषसमये देवः कैलासे रजतालये ॥
करोति नृत्यं विबुधैरभिष्टुतगुणोदयः ॥७॥
अतः पूजा जपो होमस्तत्कथास्तद्गुणस्तवः ॥
कर्त्तव्यो नियतं मर्त्यैश्चतुर्वर्गफला र्थिभिः ॥८॥
दारिद्यतिमिरांधानां मर्त्यानां भवभीरुणाम् ॥
भवसागरमग्नानां प्लवोऽयं पारदर्शनः ॥९॥
दुःखशोकभयार्त्तानां क्लेशनिर्वाणमिच्छताम् ॥
प्रदोषे पार्वतीशस्य पूजनं मंगलायनम् ॥३.३.६.१०॥
- स्कन्दपुराणम्/खण्डः ३ (ब्रह्मखण्डः)/ब्रह्मोत्तर खण्डः/अध्यायः ६

संबंधित जानकारियाँ

आगे के त्यौहार(2026)
1 January 202616 January 202630 January 202614 February 20261 March 202616 March 202630 March 202615 April 202628 April 202614 May 202628 May 202612 June 202627 June 202612 July 202626 July 202610 August 202625 August 20268 September 202624 September 20268 October 202623 October 20266 November 202622 November 20266 December 202621 December 2026
आवृत्ति
अर्ध मासिक
समय
1 दिन
शुरुआत तिथि
त्रयोदशी
समाप्ति तिथि
त्रयोदशी
महीना
प्रत्येक त्रयोदशी
मंत्र
ॐ नमः शिवायः, बोल बम, बम बम, बम बम भोले, हर हर महादेव
कारण
भगवान शिव का पसंदीदा दिन।
उत्सव विधि
व्रत, पूजा, व्रत कथा, भजन-कीर्तन, गौरी-शंकर मंदिर में पूजा, रुद्राभिषेक
महत्वपूर्ण जगह
सभी ज्योतिर्लिंग, ऋषिकेश, पशुपतिनाथ, श्री शिव मंदिर, घर
पिछले त्यौहार
शनि प्रदोष व्रत : 11 January 2025
अगर आपको यह त्योहार पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस त्योहार को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

गुरु प्रदोष व्रत 2026 तिथियाँ

FestivalDate
गुरु प्रदोष व्रतगुरुवार, 1 जनवरी 2026
शुक्र प्रदोष व्रतशुक्रवार, 16 जनवरी 2026
शुक्र प्रदोष व्रतशुक्रवार, 30 जनवरी 2026
शनि प्रदोष व्रतशनिवार, 14 फरवरी 2026
रवि प्रदोष व्रतरविवार, 1 मार्च 2026
सोम प्रदोष व्रतसोमवार, 16 मार्च 2026
सोम प्रदोष व्रतसोमवार, 30 मार्च 2026
बुध प्रदोष व्रतबुधवार, 15 अप्रैल 2026
भौम प्रदोष व्रतमंगलवार, 28 अप्रैल 2026
गुरु प्रदोष व्रतगुरुवार, 14 मई 2026
गुरु प्रदोष व्रतगुरुवार, 28 मई 2026
शुक्र प्रदोष व्रतशुक्रवार, 12 जून 2026
शनि प्रदोष व्रतशनिवार, 27 जून 2026
रवि प्रदोष व्रतरविवार, 12 जुलाई 2026
रवि प्रदोष व्रतरविवार, 26 जुलाई 2026
सोम प्रदोष व्रतसोमवार, 10 अगस्त 2026
भौम प्रदोष व्रतमंगलवार, 25 अगस्त 2026
भौम प्रदोष व्रतमंगलवार, 8 सितंबर 2026
गुरु प्रदोष व्रतगुरुवार, 24 सितंबर 2026
गुरु प्रदोष व्रतगुरुवार, 8 अक्टूबर 2026
शुक्र प्रदोष व्रतशुक्रवार, 23 अक्टूबर 2026
शुक्र प्रदोष व्रतशुक्रवार, 6 नवंबर 2026
रवि प्रदोष व्रतरविवार, 22 नवंबर 2026
रवि प्रदोष व्रतरविवार, 6 दिसंबर 2026
सोम प्रदोष व्रतसोमवार, 21 दिसंबर 2026
Hanuman Chalisa - Hanuman Chalisa
Hanuman Chalisa - Hanuman Chalisa
Bhakti Bharat APP