Follow Bhakti Bharat WhatsApp Channel
Navratri Specials 2024 - Download APP Now - Hanuman Chalisa - Follow Bhakti Bharat WhatsApp Channel -

🐅नवरात्रि - Navratri

Navratri Date: Friday, 4 October 2024
नवरात्रि

नवरात्रि नौ दिनों तक चलने वाला व्रत, पूजा एवं मेलों का उत्सव है, सभी नौ दिन माँ आदिशक्ति के भिन्न-भिन्न रूपों को समर्पित हैं। देवी का प्रत्येक रूप, एक नवग्रह(चंद्रमा, मंगल, शुक्र, सूर्य, बुद्ध, गुरु, शनि, राहू, केतु) की स्वामिनी तथा उनसे जुड़ी बाधाओं को दूर व उन्हें प्रवल करने हेतु भी पूजा जाता है।

नवरात्रि छः महिने के अंतराल के साथ वर्ष में दो बार मनाई जाती है, जिसे चैत्र नवरात्रि तथा शारदीय नवरात्रि के नाम से जाना जाता है। नवरात्रि को नवदुर्गा अथवा नौदुर्गा के नाम से भी जाना जाता है।
शारदीय नवरात्रि 2024: 3 अक्टूबर 2024 से स्टार्ट होकर 12 अक्टूबर 2024 को समाप्त हो रही है।

संबंधित अन्य नामनवदुर्गा, दुर्गा पूजा, चैत्र नवरात्रि, वसंत नवरात्रि, महा नवरात्रि, राम नवरात्रि, राम नवमी,नवरात्रे, नौरात्रे, गुड़ी पड़वा, उगादी
शुरुआत तिथिचैत्र /अश्विन शुक्ल प्रतिपद
उत्सव विधिव्रत, हवन, जागरण, जागराता, माता की चौकी, मेला।

Navratri in English

Navratri, Navadurga is nine days festivity, all nine days are dedicated to nine forms of Goddess Aadi Shakti with governing planet. starts on 3 October 2024 and ends on 12 October 2024.

प्रतिपदा: माँ शैलपुत्री

3 October 2024
या देवी सर्वभू‍तेषु माँ शैलपुत्री रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥

इन्हें हेमावती तथा पार्वती के नाम से भी जाना जाता है।

तिथि: चैत्र /अश्विन शुक्ल प्रतिपदा
सवारी: वृष, सवारी वृष होने के कारण इनको वृषारूढ़ा भी कहा जाता है।
अत्र-शस्त्र: दो हाथ- दाहिने हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल का फूल धारण किए हुए हैं।
मुद्रा: माँ का यह रूप सुखद मुस्कान और आनंदित दिखाई पड़ता है।
ग्रह: चंद्रमा - माँ का यह देवी शैलपुत्री रूप सभी भाग्य का प्रदाता है, चंद्रमा के पड़ने वाले किसी भी बुरे प्रभाव को नियंत्रित करती हैं।
शुभ रंग: पीला

द्वितीय: माँ ब्रह्मचारिणी

4 October 2024
या देवी सर्वभू‍तेषु माँ ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥

माता ने इस रूप में फल-फूल के आहार से 1000 साल व्यतीत किए, और धरती पर सोते समय पत्तेदार सब्जियों के आहार में अगले 100 साल और बिताए। जब माँ ने भगवान शिव की उपासना की तब उन्होने 3000 वर्षों तक केवल बिल्व के पत्तों का आहार किया। अपनी तपस्या को और कठिन करते हुए, माँ ने बिल्व पत्र खाना भी छोड़ दिया और बिना किसी भोजन और जल के अपनी तपस्या जारी रखी, माता के इस रूप को अपर्णा के नाम से जाना गया।

तिथि: चैत्र /अश्विन शुक्ल द्वितीया
अन्य नाम: देवी अपर्णा
सवारी: नंगे पैर चलते हुए।
अत्र-शस्त्र: दो हाथ- माँ दाहिने हाथ में जप माला और बाएं हाथ में कमंडल धारण किए हुए हैं।
ग्रह: मंगल - सभी भाग्य का प्रदाता मंगल ग्रह।
शुभ रंग: हरा

तृतीया: माँ चंद्रघंटा

5 October 2024
या देवी सर्वभू‍तेषु माँ चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥

यह देवी पार्वती का विवाहित रूप है। भगवान शिव से शादी करने के बाद देवी महागौरी ने अर्ध चंद्र से अपने माथे को सजाना प्रारंभ कर दिया और जिसके कारण देवी पार्वती को देवी चंद्रघंटा के रूप में जाना जाता है। वह अपने माथे पर अर्ध-गोलाकार चंद्रमा धारण किए हुए हैं। उनके माथे पर यह अर्ध चाँद घंटा के समान प्रतीत होता है, अतः माता के इस रूप को माता चंद्रघंटा के नाम से जाना जाता है।

तिथि: चैत्र /अश्विन शुक्ल तृतीया
सवारी: बाघिन
अत्र-शस्त्र: दस हाथ - चार दाहिने हाथों में त्रिशूल, गदा, तलवार और कमंडल तथा वरण मुद्रा में पाँचवां दाहिना हाथ। चार बाएं हाथों में कमल का फूल, तीर, धनुष और जप माला तथा पांचवें बाएं हाथ अभय मुद्रा में।
मुद्रा: शांतिपूर्ण और अपने भक्तों के कल्याण हेतु।
ग्रह: शुक्र
शुभ रंग: स्लेटी

चतुर्थी: माँ कूष्माण्डा

7 October 2024
या देवी सर्वभू‍तेषु माँ कूष्माण्डा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥

कु का अर्थ है कुछ, ऊष्मा का अर्थ है ताप, और अंडा का अर्थ यहां ब्रह्मांड अथवा सृष्टि, जिसकी ऊष्मा के अंश से यह सृष्टि उत्पन्न हुई वे देवी कूष्माण्डा हैं। देवी कूष्माण्डा, सूर्य के अंदर रहने की शक्ति और क्षमता रखती हैं। उसके शरीर की चमक सूर्य के समान चमकदार है। माँ के इस रूप को अष्टभुजा देवी के नाम से भी जाना जाता है।

तिथि: चैत्र /अश्विन शुक्ल चतुर्थी
अन्य नाम: अष्टभुजा देवी
सवारी: शेरनी
अत्र-शस्त्र: आठ हाथ - उसके दाहिने हाथों में कमंडल, धनुष, बाड़ा और कमल है और बाएं हाथों में अमृत कलश, जप माला, गदा और चक्र है।
मुद्रा: कम मुस्कुराहट के साथ।
ग्रह: सूर्य - सूर्य को दिशा और ऊर्जा प्रदाता।
शुभ रंग: सफेद

पञ्चमी: माँ स्कन्दमाता

8 October 2024
या देवी सर्वभू‍तेषु माँ स्कन्दमाता रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥

जब देवी पार्वती भगवान स्कंद की माता बनीं, तब माता पार्वती को देवी स्कंदमाता के रूप में जाना गया। वह कमल के फूल पर विराजमान हैं, और इसी वजह से स्कंदमाता को देवी पद्मासना के नाम से भी जाना जाता है। देवी स्कंदमाता का रंग शुभ्र है, जो उनके श्वेत रंग का वर्णन करता है। जो भक्त देवी के इस रूप की पूजा करते हैं, उन्हें भगवान कार्तिकेय की पूजा करने का लाभ भी मिलता है। भगवान स्कंद को कार्तिकेय के नाम से भी जाना जाता है।

तिथि: चैत्र /अश्विन शुक्ल पञ्चमी
अन्य नाम: देवी पद्मासना
सवारी: उग्र शेर
अत्र-शस्त्र: चार हाथ - माँ अपने ऊपरी दो हाथों में कमल के फूल रखती हैं है। वह अपने एक दाहिने हाथ में बाल मुरुगन को और अभय मुद्रा में है। भगवान मुरुगन को कार्तिकेय और भगवान गणेश के भाई के रूप में भी जाना जाता है।
मुद्रा: मातृत्व रूप
ग्रह: बुद्ध
शुभ रंग: लाल

षष्ठी: माँ कात्यायनी

9 October 2024
या देवी सर्वभू‍तेषु माँ कात्यायनी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥

माँ पार्वती ने राक्षस महिषासुर का वध करने के लिए देवी कात्यायनी का रूप धारण किया। यह देवी पार्वती का सबसे हिंसक रूप है, इस रूप में देवी पार्वती को योद्धा देवी के रूप में भी जाना जाता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार देवी पार्वती का जन्म ऋषि कात्या के घर पर हुआ था और जिसके कारण देवी पार्वती के इस रूप को कात्यायनी के नाम से जाना जाता है।

तिथि: चैत्र /अश्विन शुक्ल षष्ठी
सवारी: शोभायमान शेर
अत्र-शस्त्र: चार हाथ - बाएं हाथों में कमल का फूल और तलवार धारण किए हुए है और अपने दाहिने हाथ को अभय और वरद मुद्रा में रखती है।
मुद्रा: सबसे हिंसक रूप
ग्रह: गुरु
शुभ रंग: गहरा नीला

सप्तमी: माँ कालरात्रि

10 October 2024
या देवी सर्वभू‍तेषु माँ कालरात्रि रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥

जब देवी पार्वती ने शुंभ और निशुंभ नाम के राक्षसों का वध लिए तब माता ने अपनी बाहरी सुनहरी त्वचा को हटा कर देवी कालरात्रि का रूप धारण किया। कालरात्रि देवी पार्वती का उग्र और अति-उग्र रूप है। देवी कालरात्रि का रंग गहरा काला है। अपने क्रूर रूप में शुभ या मंगलकारी शक्ति के कारण देवी कालरात्रि को देवी शुभंकरी के रूप में भी जाना जाता है।

तिथि: चैत्र /अश्विन शुक्ल सप्तमी
अन्य नाम: देवी शुभंकरी
सवारी: गधा
अत्र-शस्त्र: चार हाथ - दाहिने हाथ अभय और वरद मुद्रा में हैं, और बाएं हाथों में तलवार और घातक लोहे का हुक धारण किए हैं।
मुद्रा: देवी पार्वती का सबसे क्रूर रूप
ग्रह: शनि
शुभ रंग: गुलाबी

अष्टमी: माँ महागौरी

11 October 2024
या देवी सर्वभू‍तेषु माँ महागौरी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥

हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, सोलह साल की उम्र में देवी शैलपुत्री अत्यंत सुंदर थीं। अपने अत्यधिक गौर रंग के कारण देवी महागौरी की तुलना शंख, चंद्रमा और कुंद के सफेद फूल से की जाती है। अपने इन गौर आभा के कारण उन्हें देवी महागौरी के नाम से जाना जाता है। माँ महागौरी केवल सफेद वस्त्र धारण करतीं है उसी के कारण उन्हें श्वेताम्बरधरा के नाम से भी जाना जाता है।

तिथि: चैत्र /अश्विन शुक्ल अष्टमी
अन्य नाम: श्वेताम्बरधरा
सवारी: वृष
अत्र-शस्त्र: चार हाथ - माँ दाहिने हाथ में त्रिशूल और अभय मुद्रा में रखती हैं। वह एक बाएं हाथ में डमरू और वरदा मुद्रा में रखती हैं।
ग्रह: राहू
मंदिर: हरिद्वार के कनखल में माँ महागौरी को समर्पित मंदिर है।
शुभ रंग: बैंगनी

नवमी: माँ सिद्धिदात्री

11 October 2024
या देवी सर्वभू‍तेषु माँ सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥

शक्ति की सर्वोच्च देवी माँ आदि-पराशक्ति, भगवान शिव के बाएं आधे भाग से सिद्धिदात्री के रूप में प्रकट हुईं। माँ सिद्धिदात्री अपने भक्तों को सभी प्रकार की सिद्धियों को प्रदान करती हैं। यहां तक ​​कि भगवान शिव ने भी देवी सिद्धिदात्री की सहयता से अपनी सभी सिद्धियां प्राप्त की थीं। माँ सिद्धिदात्री केवल मनुष्यों द्वारा ही नहीं बल्कि देव, गंधर्व, असुर, यक्ष और सिद्धों द्वारा भी पूजी जाती हैं। जब माँ सिद्धिदात्री शिव के बाएं आधे भाग से प्रकट हुईं, तब भगवान शिव को र्ध-नारीश्वर का नाम दिया गया। माँ सिद्धिदात्री कमल आसन पर विराजमान हैं।

अष्ट(8) सिद्धियां: अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व और वशित्व।

तिथि: चैत्र /अश्विन शुक्ल नवमी
आसन: कमल
अत्र-शस्त्र: चार हाथ - दाहिने हाथ में गदा तथा चक्र, बाएं हाथ में कमल का फूल व शंख शोभायमान है।
ग्रह: केतु
शुभ रंग: बैंगनी

चैत्र नवरात्रि

चैत्र नवरात्रि हिंदू कैलेंडर के पहले महीने चैत्र की प्रतिपदा तिथि से शुरू होती है जिसके कारण यह नवरात्रि चैत्र नवरात्रि के नाम से जानी जाती है। भगवान राम का अवतरण दिवस राम नवमी आमतौर पर नवरात्रि के दौरान नौवें दिन पड़ता है, इसलिए राम नवरात्रि भी कहा जाता है। चैत्र नवरात्रि को वसंत नवरात्रि के नाम से भी जाना जाता है।

चैत्र नवरात्रि उत्तरी भारत में अपेच्छा कृत अधिक लोकप्रिय है। महाराष्ट्र में चैत्र नवरात्रि गुड़ी पाडवा से शुरू होते हैं और आंध्र प्रदेश में यह उगादी से शुरू होता है। इस नवरात्रि का दूसरा दिन भी चेटी चंड या झुलेलाल जयंती के रूप में मनाया जाता है। दिल्ली एनसीआर में झुलेलाल मंदिरों की सूची।

शारदीय नवरात्रि

शरद ऋतु में आने वाली नवरात्रि अधिक लोकप्रिय हैं इसलिए इसे महा नवरात्रि भी कहा गया है।

दुर्गा पूजा

पाँच दिन चलने वाला ये उत्सव षष्ठी से प्रारंभ होकर दशहरा / विजया दशमी को समाप्त होता है। भारतीय पूर्वी राज्यों में इस त्यौहार को दुर्गा पूजा के रूप में मनाया जाता है। दुर्गा पूजा के बारे में जाने..

नवरात्रि में यह अवश्य करें!

1) नौ दिन मातारानी का ध्यान!
2) अपने प्रतिकूल ग्रह वाले दिन, उपवास!
3) मंदिर में माता के अथवा मंदिर के बाहर ध्वज के दर्शन!

संबंधित जानकारियाँ

आगे के त्यौहार(2024)
4 October 20245 October 2024
आवृत्ति
अर्ध वार्षिक
समय
9 दिन
शुरुआत तिथि
चैत्र /अश्विन शुक्ल प्रतिपद
समाप्ति तिथि
चैत्र /अश्विन शुक्ल नवमी
महीना
मार्च - अप्रैल; सितंबर - अक्टूबर
प्रकार
चैत्र नवरात्रि, शारदीय नवरात्रि
उत्सव विधि
व्रत, हवन, जागरण, जागराता, माता की चौकी, मेला।
महत्वपूर्ण जगह
शक्ति पीठ, श्री दुर्गा मंदिर, माता मंदिर, माँ काली मंदिर, कालीबाड़ी।
पिछले त्यौहार
Mata Shailputri : 3 October 2024, Mata Siddhidatri : 17 April 2024, Mata Mahagauri : 16 April 2024, Mata Kalratri : 15 April 2024, Mata Katyayani : 14 April 2024, Mata Skandamata : 13 April 2024, Mata Kushmanda : 12 April 2024, Chaitra Navratri 2024 : 9 April 2024, Shardiya Navratri 2023 : 15 October 2023

फोटो प्रदर्शनी

फुल व्यू गैलरी
माँ शैलपुत्री

माँ शैलपुत्री

माँ ब्रह्मचारिणी

माँ ब्रह्मचारिणी

माँ चंद्रघंटा

माँ चंद्रघंटा

माँ कूष्माण्डा

माँ कूष्माण्डा

माँ स्कन्दमाता

माँ स्कन्दमाता

माँ कात्यायनी

माँ कात्यायनी

माँ कालरात्रि

माँ कालरात्रि

माँ महागौरी

माँ महागौरी

माँ सिद्धिदात्री

माँ सिद्धिदात्री

नवरात्रि 2024 तिथियां

नवरात्रि 2024 तिथियां

माँ शैलपुत्री 2024

माँ शैलपुत्री 2024

माँ ब्रह्मचारिणी 2024

माँ ब्रह्मचारिणी 2024

माँ चंद्रघंटा 2024

माँ चंद्रघंटा 2024

माँ कूष्माण्डा 2024

माँ कूष्माण्डा 2024

माँ स्कन्दमाता 2024

माँ स्कन्दमाता 2024

माँ कात्यायनी 2024

माँ कात्यायनी 2024

माँ कालरात्रि 2024

माँ कालरात्रि 2024

माँ महागौरी 2024

माँ महागौरी 2024

अगर आपको यह त्योहार पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस त्योहार को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

नवरात्रि 2024 तिथियाँ

FestivalDate
4 October 2024
5 October 2024
Hanuman Chalisa -
Durga Chalisa -
×
Bhakti Bharat APP