सज सोलह श्रृंगार मैया कर के सिंह सवारी
दुखिओं के दुःख दर्द मिटने आयी है शेरा वाली
झन-झन झनके पायलिया झनके, खन - खनके चूड़ियां खनके,
आए हैं मैया के नवरातें, खुशियों से मोरा जियरा छलके ॥
हॉं,झन-झन झनके पायलिया...
शेरावाली,ज्योता वाली, पहाड़ा वाली,मेहरा वाली...
चौकी सजाओ मंगल गाओ,नौ दिन नौ जगराते कराओ,
ध्वजा नारियल पुष्प चढा़कर,मां की पावन ज्योत जलाओ,
लेहराए मैया की चुनर, BhaktiBharat Bhajan माथे की बिंदिया चम- चम चमके ॥
हॉं, झन-झन झनके पायलिया...
शेरावाली,ज्योता वाली, पहाड़ा वाली,मेहरा वाली...
ध्यानु भगत का मान बढ़ाया, घोड़े का कटा शीश लगाया,
आशीष देके तूने ओ मैया, श्रीधर से भंडारा कराया,
बड़ी निराली तेरी माया, भक्तों पे तेरी ममता छलके ॥
हॉं, झन-झन झनके पायलिया…
शेरावाली,ज्योता वाली, पहाड़ा वाली,मेहरा वाली...
हम बालक शरण तेरी आए, सेवा से सारे सुख पाए,
तेरी शोभा के गुण गाकर, हर्ष भी चरणों में रम जाए,
छवि निहारूँ मैं तो मैया, जब-जब खुले ये मेरी पलकें ॥
हॉं, झन-झन झनके पायलिया...
शेरावाली,ज्योता वाली, पहाड़ा वाली,मेहरा वाली...