Updated: Aug 23, 2020 23:07 PM |
बारें में | संबंधित जानकारियाँ | यह भी जानें
आने वाले त्यौहार: 30 August 2021 - 31 August 2021
कृष्ण जन्माष्टमी त्यौहार, भगवान विष्णु के आठवें अवतार श्री कृष्ण के अवतरण दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह हिंदू धर्म की वैष्णव परंपरा से संबंधित है। इस त्यौहार के अंतरगत भगवान श्री कृष्ण के जीवन के दृश्यों को नाटक, उपवास, भागवत पुराण कथा, रस लीला / कृष्णा लीला जैसे माध्यमों द्वारा मध्यरात्रि तक प्रायोजित किया जाता है, जैसा कि मध्यरात्रि को भगवान श्री कृष्ण का अवतरण समय माना जाता है।
संबंधित अन्य नाम
कृष्ण जन्माष्टमी, कृष्णाष्टमी, गोकुलाष्टमी, कन्हैया अष्टमी, कन्हैया आठें, श्री कृष्ण जयंती,श्रीजी जयंती
Janmashtami Krishna Janmashtami is a well-known festival which is celebrated as the birth of Lord Krishna who is the eighth avatar of Lord Vishnu.
कृष्ण जन्माष्टमी
12 August 2020
इस त्योहार के दौरान भगवान श्रीकृष्ण के जन्मस्थान मथुरा-वृंदावन में मुख्य रूप से रास लीला का आयोजन किया जाता है। रास का अर्थ सौंदर्य, भावना या मिठाई और लीला नाटक या नृत्य या अधिक व्यापक रूप से इसे ईश्वरीय प्रेम का नृत्य कहते है।
कृष्ण जन्माष्टमी को कृष्णाष्टमी, गोकुलाष्टमी, कन्हैया अष्टमी, कन्हैया आठें, श्री कृष्ण जयंती और श्रीजी जयंती प्रमुख नामों से भी जाना जाता है।
जन्माष्टमी बांग्लादेश में एक राष्ट्रीय अवकाश है, और बांग्लादेश ढाकेश्वरी मंदिर, ढाका के राष्ट्रीय मंदिर से शुरू होता है। और श्री स्वामीनारायण मंदिर, कराची पाकिस्तान में भी मनाया जाता है।
दही हांड़ी
12 August 2020
दही हांड़ी उत्सव मुख्यतया भारतीय राज्य महाराष्ट्र और गुजरात मे धूम-धाम से मनाया जाता है। दही यानी (curd) और हांड़ी का मतलब मिट्टी से बने पात्र जैसे मटका / मटकी को कहा जाता है।
मथुरा के राजा कंस द्वारा किए गये अत्याचार, जिसमे प्रजा द्वारा सभी दूध उत्पाद का ज़रूरत से ज़्यादा माँग के विरोध स्वरूप। बाल्य काल मैं भगवान श्री कृष्ण अपने ग्वाला टोलियों के साथ घर-घर जाकर दूध से बने उत्पाद जैसे - दही, मक्खन आदि को लेकर अपने ग्वाला दोस्तों मैं बाँट दिया करते थे। इस विरोध स्वरूप प्रारंभ हुआ दही-हंडी महोत्सव।
छठी महोत्सव
17 August 2020
श्री कृष्ण जन्माष्टमी के छह दिन बाद, बाल गोपाल श्री कृष्ण का छठी महोत्सव मनाया जाता है। जन्माष्टमी का पर्व भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव तथा छठी पूजन नामकरण उत्सव के रूप मे मनाया जाता है। भगवान श्री कृष्ण की छठी वाले दिन लोग अपने आराध्य का अपनी इच्छा के अनुसार नया नाम भी रखते हैं, जैसे माधव, लड्डू गोपाल, ठाकुरजी आदि।
भगवान कृष्ण की छठी के दिन उन्हें पीले रंग के वस्त्र पहिनाए जाते हैं, तथा माखन-मिश्री का भोग लगाया जाता है, तथा भगवान श्री कृष्ण के बाल रूप की ही पूजा-अर्चना की जाती है।
संबंधित जानकारियाँ
सुरुआत तिथि
भाद्रपद कृष्ण अष्टमी
समाप्ति तिथि
भाद्रपद कृष्ण नवमी
मंत्र
हाथी घोड़ा पालकी जय कन्हैया लाल की!, हरे कृष्ण!
कारण
भगवान श्री कृष्ण का अवतरण दिवस
उत्सव विधि
रास लीला, दही हांडी, पतंगबाजी
महत्वपूर्ण जगह
बरसाना, मथुरा, वृंदावन, ब्रज प्रदेश, श्री कृष्ण मंदिर, श्रीनाथजी मंदिर नाथद्वारा, इस्कॉन मंदिर
पिछले त्यौहार
Chhati Mahotsav: 17 August 2020, Mathura, Vrindavan, Dwarka: 12 August 2020
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