Download Bhakti Bharat APP
Hanuman Chalisa -

वक्रतुण्ड महाकाय - गणेश मंत्र (Vakratunda Mahakaya Ganesh Shlok)


वक्रतुण्ड महाकाय - गणेश मंत्र
किसी भी प्रकार के कार्य प्रारंभ करने के पूर्व श्री गणेश जी का स्मरण इस मंत्र के साथ अवश्य करना चाहिए, आपके शुभकार्य निश्चित ही सिद्ध होंगे।
वक्रतुण्ड महाकाय
सूर्यकोटि समप्रभ ।

निर्विघ्नं कुरु मे देव
सर्वकार्येषु सर्वदा ॥
हिन्दी रूपांतरण:
वक्रतुण्ड: घुमावदार सूंड
महाकाय: महा काया, विशाल शरीर
सूर्यकोटि: सूर्य के समान
समप्रभ: महान प्रतिभाशाली
निर्विघ्नं: बिना विघ्न
कुरु: पूरे करें
मे: मेरे
देव: प्रभु
सर्वकार्येषु: सारे कार्य
सर्वदा: हमेशा, सदैव

घुमावदार सूंड वाले, विशाल शरीर काय, करोड़ सूर्य के समान महान प्रतिभाशाली।
मेरे प्रभु, हमेशा मेरे सारे कार्य बिना विघ्न के पूरे करें (करने की कृपा करें)॥

Vakratunda Mahakaya Ganesh Shlok in English

Vakra-Tunndda Maha-Kaaya Suurya-Kotti Samaprabha...
यह भी जानें

Mantra Shri Ganesh MantraShri Vinayak MantraGanpati MantraGanpati Bappa MantraGaneshotsav MantraGajanan MantraGanesh Chaturthi Mantra

अन्य प्रसिद्ध वक्रतुण्ड महाकाय - गणेश मंत्र वीडियो

Anuradha Paudwal

Anup Jalota

uresh Wadkar

अगर आपको यह मंत्र पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

भक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस मंत्र को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

भोजन मन्त्र: ॐ सह नाववतु

ॐ सह नाववतु। सह नौ भुनक्तु। सह वीर्यं करवावहै। तेजस्विनावधीतमस्तु।...

भक्तामर स्तोत्र - भक्तामर-प्रणत-मौलि-मणि-प्रभाणा

भक्तामर-प्रणत-मौलि-मणि-प्रभाणा- मुद्योतकं दलित-पाप-तमो-वितानम् ।

पितृ स्तोत्र

अर्चितानाममूर्तानां पितृणां दीप्ततेजसाम् । नमस्यामि सदा तेषां ध्यानिनां दिव्यचक्षुषाम् ॥ इन्द्रादीनां च नेतारो दक्षमारीचयोस्तथा ।

सर्व भयानक रोग नाशक मंत्र

उद्भूत-भीषण-जलोदर-भार-भुग्नाः । मंत्र: रोग-व्याधि सभी दूर करने हेतु | रोग-उन्मूलन मंत्र | सर्व भयानक रोग नाशक मंत्र

पति प्राप्ति - पार्वती स्तोत्रम्

जानकीकृतं पार्वतीस्तोत्रम् ॥ जानकी उवाच | शक्तिस्वरूपे सर्वेषां सर्वाधारे गुणाश्रये । सदा शंकरयुक्ते च पतिं देहि नमोsस्तु ते ॥ सृष्टिस्थित्यन्त रूपेण सृष्टिस्थित्यन्त रूपिणी...

Hanuman Chalisa -
Shri Ram Stuti -
×
Bhakti Bharat APP