वैदिक सनातन समय गणना तन्त्र एवं इकाइयाँ (Vedic Sanatan Time Calculation System and Units)

ऋषि मुनियो का अनुसंधान, विश्व का सबसे बड़ा और वैज्ञानिक समय गणना तन्त्र..
❀ क्रति = सैकन्ड का 34000 वाँ भाग
❀ 1 त्रुति = सैकन्ड का 300 वाँ भाग
❀ 2 त्रुति = 1 लव ,
❀ 1 लव = 1 क्षण
❀ 30 क्षण = 1 विपल ,
❀ 60 विपल = 1 पल
❀ 60 पल = 1 घड़ी (24 मिनट ) ,
❀ 2.5 घड़ी = 1 होरा (घन्टा )
❀ 24 होरा = 1 दिवस (दिन या वार) ,
❀ 7 दिवस = 1 सप्ताह
❀ 4 सप्ताह = 1 माह ,
❀ 2 माह = 1 ऋतु
❀ 6 ऋतु = 1 वर्ष ,
❀ 100 वर्ष = 1 शताब्दी
❀ 10 शताब्दी = 1 सहस्राब्दी ,
❀ 432 सहस्राब्दी = 1 युग
❀ 2 युग = 1 द्वापर युग ,
❀ 3 युग = 1 त्रैता युग ,
❀ 4 युग = सतयुग
❀ सतयुग + त्रेतायुग + द्वापरयुग + कलियुग = 1 महायुग
❀ 76 महायुग = मनवन्तर ,
❀ 1000 महायुग = 1 कल्प
❀ 1 नित्य प्रलय = 1 महायुग (धरती पर जीवन अन्त और फिर आरम्भ )
❀ 1 नैमितिका प्रलय = 1 कल्प ।(देवों का अन्त और जन्म )
❀ महाकाल = 730 कल्प ।(ब्रह्मा का अन्त और जन्म )
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त्योहार गोकुलाष्टमी, जिसे कृष्ण जन्माष्टमी के नाम से जाना जाता है, कृष्ण के जन्म और दही हांडी उत्सव का जश्न मनाते है।

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भगवान शिव ने देवी शिवा अर्थात आदिशक्ति महेश्वरी सती को उत्तम भक्तिभाव के बारे मे इस प्रकार बताया..अरुणोदयमारभ्य सेवाकालेऽञ्चिता हृदा। निर्भयत्वं सदा लोके स्मरणं तदुदाहृतम्॥