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हनुमान जयंती विशेष 2024 (Hanuman Jayanti Specials 2024)

हनुमान जयंती विशेष 2024
चैत्र शुक्ल पूर्णिमा के दिन सभी हनुमान भक्त श्री हनुमान जयंती यानि हनुमान जयंती को भव्य रूप से मनाते हैं। जिसके तहत भक्त बड़े उत्साह के साथ व्रत, मेला, भजन-कीर्तन, सुंदरकांड पाठ का आयोजन करते हैं। इस वर्ष यह आयोजन मंगलवार, 23 अप्रैल 2024 को है।
हनुमान जयंती क्यों, कब, कहाँ और कैसे?
श्री हनुमान जन्मोत्सव - Shri Hanuman Jayanti

हनुमान आरती:
श्री हनुमान आरती
श्री बालाजी की आरती

श्री हनुमान चालीसा

हनुमान जयंती मेसेज

मंत्र / नामावली:
श्रीहनुमत् पञ्चरत्नम्
श्री हनुमान स्तवन - श्रीहनुमन्नमस्कारः
श्री हनुमान अष्टोत्तर-शतनाम-नामावली

हनुमान भजन:
हे दुःख भन्जन, मारुती नंदन
संकट मोचन हनुमानाष्टक
श्री बजरंग बाण पाठ
श्री राम स्तुति: श्री रामचन्द्र कृपालु भजुमन
राम ना मिलेगे हनुमान के बिना
वीर हनुमाना अति बलवाना
श्री हनुमान-बालाजी भजन

हनुमान कथा:
सुन्दरकाण्ड पाठ
श्री हनुमान गाथा

भक्तमाल: हनुमान भक्त
नीब करौरी बाबातुलसीदास जीधीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री

हनुमान मंदिर:
दिल्ली के प्रसिद्ध हनुमान बालाजी मंदिर
हनुमान बरी, नगला खुशहाली
श्री मकरध्वज हनुमान मंदिर, बेट द्वारिका
डुल्या मारुति मंदिर, पुणे
108 फुट संकट मोचन धाम, दिल्ली
बड़ा हनुमान मंदिर, ब्रिजघाट गढ़मुक्तेश्वर
श्री पंचमुखी हनुमान मंदिर, जयपुर
श्री संकट मोचन हनुमान मंदिर, जयपुर
दर्शन मुखी श्री हनुमान मंदिर, शेरगढ़ किला धौलपुर
पनकी हनुमान मंदिर, कानपुर
रामचंडी हनुमान मंदिर, पुरी

भोग, प्रसाद बनाने की विधि:
चूरमा के लड्‍डू
बेसन के लड्‍डू
पंचामृत
साबूदाने की खीर

हनुमान जी का जन्म वर्ष भर में दो तिथियों को मनाया जाता है, पहला चैत्र माह की पूर्णिमा को और दूसरा तिथि कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है। एक तिथि को जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है और दूसरी को विजय अभिनंदन महोत्सव के रूप में मनाया जाता है। उनकी जयंती को लेकर दो कहानियां हैं।

एक मान्यता है जब हनुमान जी माता अंजनी के पेट से पैदा हुए थे जब वह बहुत भूखे थे। तब वे सूर्य को फल के रूप में खाने के लिए दौड़े, तो उसी दिन राहु भी सूर्य को अपनी ग्राश बनाने के लिए आया, लेकिन हनुमान जी को देखते हुए उन्होंने इसे दूसरा राहु माना। इस दिन को चैत्र महीने की पूर्णिमा के बाद हनुमान जयंती के रूप में मनाया जाता है।

दीपावली को हनुमान जयंती के रूप में भी मनाया जाता है। माता सीता ने हनुमान की भक्ति और समर्पण को देखकर उन्हें अमरता का वरदान दिया। माना जाता है कि यह दिन दीपावली का दिन था। इसलिए इस दिन को हनुमान जयंती के रूप में भी मनाया जाता है।

Hanuman Jayanti Specials 2024 in English

On the day of Chaitra Shukla Purnima, all Hanuman devotees observe Shri Hanuman birth anniversary i.e. Hanuman Jayanti in a grand way. This year the event is on Tuesday, 23 April 2024.
यह भी जानें

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श्रावण मास 2024

श्रावण मास हिंदू कैलेंडर का पांचवां महीना है। हिंदुओं के लिए श्रावण का महीना उपवास का महीना होता है और कई हिंदू हर सोमवार को भगवान शिव और हर मंगलवार को देवी पार्वती का उपवास करते हैं।

सावन शिवरात्रि 2024

आइए जानें! सावन शिवरात्रि से जुड़ी कुछ जानकारियाँ एवं सम्वन्धित कुछ प्रेरक तथ्य.. | सावन शिवरात्रि: Friday, 2 August 2024

नीलाद्रि बिजे

नीलाद्रि बिज महोत्सव वार्षिक रथ यात्रा उत्सव के समापन का प्रतीक है।

अधर पणा

अधर पणा अनुष्ठान आषाढ़ महीने त्रयोदशी तिथि पर पुरी जगन्नाथ मंदिर में आयोजित किया जाता है।

कांवर यात्रा की परंपरा किसने शुरू की?

धार्मिक ग्रंथों में माना जाता है कि भगवान परशुराम ने ही कांवर यात्रा की शुरुआत की थी। इसीलिए उन्हें प्रथम कांवरिया भी कहा जाता है।

तुलाभारम क्या है, तुलाभारम कैसे करें?

तुलाभारम और तुलाभरा जिसे तुला-दान के नाम से भी जाना जाता है, एक प्राचीन हिंदू प्रथा है यह एक प्राचीन अनुष्ठान है। तुलाभारम द्वापर युग से प्रचलित है। तुलाभारम का अर्थ है कि एक व्यक्ति को तराजू के एक हिस्से पर बैठाया जाता है और व्यक्ति की क्षमता के अनुसार बराबर मात्रा में चावल, तेल, सोना या चांदी या अनाज, फूल, गुड़ आदि तौला जाता है और भगवान को चढ़ाया जाता है।

हिंदू धर्म में पूजा से पहले संकल्प क्यों लिया जाता है?

संकल्प का सामान्य अर्थ है किसी कार्य को करने का दृढ़ निश्चय करना। हिंदू धर्म में परंपरा है कि किसी भी तरह की पूजा, अनुष्ठान या शुभ कार्य करने से पहले संकल्प लेना बहुत जरूरी होता है।

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