Updated: Mar 23, 2022 23:33 PM |
बारें में | संबंधित जानकारियाँ | यह भी जानें
Hanuman Jayanti Date: Thursday, 6 April 2023
श्री हनुमान जन्मोत्सव या हनुमान जयंती श्री राम भक्त, वानर राज, वीर हनुमान जी के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है। श्री हनुमंत शक्ति और ऊर्जा के प्रतीक हैं, वह जादुई शक्तियों, भूत, प्रेत एवं बुरी आत्माओं पर विजय प्राप्त करने वाले देव के रूप मे पूजे जाते हैं।
हनुमान जयंती भारत के विभिन्न क्षेत्रों मे अलग-अलग समय पर मनाई जाती है, उत्तर भारत मे यह त्यौहार मुख्य रूप से चैत्र पूर्णिमा को मनाया जाता है। हनुमान जयंती के दिन उपवास रखने वाले व्यक्ति को एक दिन ब्रह्मचर्य का पालन अवश्य करना चाहिए।
संबंधित अन्य नाम | श्री हनुमान जन्मोत्सव, हनुमंत पूर्णिमा, हनुमंत जयंती |
सुरुआत तिथि | चैत्र शुक्ल पूर्णिमा |
कारण | श्री हनुमान का अवतरण दिवस। |
उत्सव विधि | उपवास, श्री हनुमंत लाल पर सिंदूर चढ़ाएँ, हनुमंत ध्वजा, प्रार्थना, भजन / कीर्तन। |
Sri Hanuman Janmotsav or Hanuman Jayanti is an important festival of Hindus, it is organised to celebrate the birth of Prabhu Hanuman, the Banar King of India.
श्री हनुमान
केसरी तथा माता अंजना के पुत्र श्री हनुमान को महावीर, बजरंगबली, मारुती, पवनपुत्र, अंजनीपुत्र तथा केसरीनन्दन के नाम से भी जाना जाता है। पवनपुत्र हनुमान को भगवान शिव का 11वां रूद्र अवतार माना जाता है, अतः प्रत्येक हनुमान मंदिर में शिवलिंग स्थापित की जाती है।
हनुमानजी की प्रतिमा पर लगा सिन्दूर अत्यन्त पवित्र माना जाता है। भक्तगण प्रायः इस सिन्दूर का तिलक अपने मस्तक पर लगाते हैं। ऐसा माना जाता है, कि इस तिलक के माध्यम से भक्त श्री हनुमानजी की कृपा से उन्हीं की तरह शक्तिशाली, ऊर्जावान तथा संयमित होजाते हैं।
श्री पंचमुखी हनुमान
अहिरावण ने माँ भवानी के लिए पाँच दीपक जलाए थे, जिन्हें पांच दिशाओं मे पांच अलग-अलग जगहों पर रखा गया। इन पाँच दीपकों को एक साथ बुझाने पर ही अहिरावण का वध संभव था। अतः अहिरावण के वध हेतु हनुमान जी ने पंचमुखी रूप धारण किया।
श्री पंचमुखी हनुमान के पाँच मुख इस प्रकार हैं, उत्तर दिशा में वराह मुख, दक्षिण दिशा में नरसिंह मुख, पश्चिम में गरुड़ मुख, आकाश की तरफ हयग्रीव मुख एवं पूर्व दिशा में हनुमान मुख। इस रूप को धारण कर उन्होंने सभी पांचों दीप बुझाए तथा अहिरावण का वध कर श्री राम और लक्ष्मण को मुक्त कराया।
संबंधित जानकारियाँ
भविष्य के त्यौहार
23 April 202412 April 20252 April 202620 April 2027
सुरुआत तिथि
चैत्र शुक्ल पूर्णिमा
समाप्ति तिथि
चैत्र शुक्ल पूर्णिमा
मंत्र
ॐ हनु हनुमते नमो नमः, श्री हनुमते नमो नमः।
कारण
श्री हनुमान का अवतरण दिवस।
उत्सव विधि
उपवास, श्री हनुमंत लाल पर सिंदूर चढ़ाएँ, हनुमंत ध्वजा, प्रार्थना, भजन / कीर्तन।
महत्वपूर्ण जगह
हनुमान मंदिर, घर।
पिछले त्यौहार
16 April 2022, 27 April 2021
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