Bahula Chauth Date: Tuesday, 12 August 2025
बहुला चौथ हिंदू परंपरा में एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष (अंधेरे पखवाड़े) की चतुर्थी (चौथे दिन) को मनाया जाता है। यह त्यौहार बच्चों की भलाई और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए समर्पित है, और यह गायों के प्रति श्रद्धा को उजागर करता है, जिन्हें हिंदू धर्म में पवित्र माना जाता है। बहुला चौथ को बहुला चतुर्थी, बोल चोथ के नाम से भी जाना जाता है।
बहुला चौथ पूजा विधि
तैयारी:
सुबह जल्दी उठें, स्नान करें और साफ, शुभ कपड़े पहनें।
पूरे दिन व्रत रखें।
शाम की पूजा:
शाम के समय गाय और बछड़े की पूजा करें। तरह-तरह के पकवान बनाकर सबसे पहले भगवान गणेश और श्रीकृष्ण को भोग लगाएं।
पूजा अनुष्ठान के एक भाग के रूप में इस प्रसाद को गाय और बछड़े को खिलाएं।
पौराणिक कथा सुनना:
पूजा के बाद अपने दाहिने हाथ में चावल के दाने लेकर बहुला चौथ की कथा सुनें।
गाय और बछड़े की प्रदक्षिणा करें और अपनी संतान की सुख-शांति के लिए प्रार्थना करें।
प्रतिबंध:
इस दिन दूध से बनी चीजों का सेवन करने से बचें।
बहुला चौथ पूजा मंत्र
यः पलयन्त्यनाथश्च परपुत्रान् स्वपुत्रवत्।
ता धन्यस्त: कृतार्थश्च तास्त्रियो लोकमातर:।
यह मंत्र बच्चों के लिए आशीर्वाद और सुरक्षा का आह्वान करने और अनुष्ठान में गाय के दिव्य महत्व का सम्मान करने के लिए है।
इन परंपराओं का पालन करके, भक्त अपने बच्चों की भलाई और खुशी सुनिश्चित करना चाहते हैं और गायों की पूजा और शुभ बहुला चौथ के उत्सव के माध्यम से अपनी भक्ति व्यक्त करते हैं।
संबंधित अन्य नाम | बहुला चतुर्थी, बोल चौथ |
शुरुआत तिथि | भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि |
कारण | भगवान कृष्ण |
उत्सव विधि | मंदिर में प्रार्थना, व्रत, घर में पूजा |
Bahula Chauth is a significant festival in Hindu tradition, celebrated on the Chaturthi (fourth day) of the Krishna Paksha (dark fortnight) of the Bhadrapada month.
बहुला चौथ कब है?
बहुला चौथ 2024
चतुर्थी तिथि आरंभ: गुरुवार, 22 अगस्त 2024 दोपहर 01:46 बजे
चतुर्थी तिथि समाप्त: शुक्रवार, 23 अगस्त 2024 सुबह 10:38 बजे
बहुला चौथ पूजा का मुहूर्त
पूजा का समय: पूजा करने का आदर्श समय शाम 6:40 से 7:05 बजे के बीच है।
चंद्रोदय का समय: रात्रि 8:51 बजे
ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व
बहुला चौथ क्यों मनाया जाता है?
गायों के प्रति सम्मान: हिंदू संस्कृति में गायों को उनके पालन-पोषण के गुणों और उनके द्वारा प्रदान किए जाने वाले आवश्यक संसाधनों के कारण माता के रूप में सम्मानित किया जाता है। माना जाता है कि बहुला चौथ पर गायों की पूजा करने से संतान को सुख और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है।
बहुला की पौराणिक कथा: पौराणिक कथा के अनुसार, श्री कृष्ण बहुला नामक गाय के सामने शेर का रूप धारण करके प्रकट हुए थे। शेर के डरावने रूप के बावजूद, बहुला ने अपने बछड़े की खातिर खुद का बलिदान देने की इच्छा व्यक्त की। उसकी निस्वार्थ भक्ति से प्रभावित होकर, कृष्ण ने उसके जीवन को बख्श दिया और इस दिन उनकी पूजा करने वालों को उनके बच्चों की खुशी और कल्याण का आशीर्वाद दिया।
संबंधित जानकारियाँ
शुरुआत तिथि
भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि
उत्सव विधि
मंदिर में प्रार्थना, व्रत, घर में पूजा
महत्वपूर्ण जगह
उत्तर प्रदेश, उत्तर भारत, गुजरात
पिछले त्यौहार
22 August 2024
Updated: Aug 22, 2024 16:22 PM
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