
भैरबी मंदिर भारत के असम राज्य के सोनितपुर जिले के तेजपुर के बाहरी इलाके में स्थित है। इसे स्थानीय रूप से भैरबी देवालय, मैथन के नाम से जाना जाता है। यह मंदिर महाविद्याओं में से एक देवी भैरबी (दुर्गा देवी का एक रूप) को समर्पित है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, असुर राजा बाणासुर की पुत्री उषा अक्सर देवी की पूजा करने यहाँ आती थीं।
भैरबी मंदिर की वास्तुकला और इतिहास
यह मंदिर लगभग 400 वर्ष पुराना है, हालाँकि भूकंपों के कारण इसे नुकसान पहुँचा है, जिसमें स्तंभों में दरारें, ऊपरी मंजिलों को क्षति और कुछ झुकाव शामिल हैं। वर्तमान संरचना अपेक्षाकृत आधुनिक है, लेकिन मूल मंदिर प्राचीन है। माना जाता है कि मंदिर के अंदर पत्थर की नक्काशी 9वीं शताब्दी की है।
वास्तुकला शैली असमिया है। मंदिर से ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे, कोलिया भोमोरा सेतु पुल का दृश्य दिखाई देता है। यह बामुनी पहाड़ियों के पास और भराली नदी के पास भी स्थित है।
मंदिर का प्रबंधन जिला उपायुक्त कार्यालय के माध्यम से सरकार द्वारा किया जाता है। इसका रख रखाव तेजपुर के बोरठाकुर परिवार करता है।
भैरबी मंदिर दर्शन समय
मंदिर पूरे सप्ताह खुला रहता है और दर्शन का समय सुबह 6:00 बजे से रात 8:00 बजे तक है।
भैरबी मंदिर के प्रमुख त्यौहार
मंदिर में दुर्गा पूजा भव्य रूप से मनाई जाती है। नवरात्रि और अन्य शक्ति उत्सव भी महत्वपूर्ण हैं। यहाँ प्रतिदिन पूजा-अर्चना की जाती है, बकरे, बैल, बत्तख, कबूतर आदि की बलि दी जाती है। बलि स्थानीय परंपराओं का हिस्सा है।
भैरबी मंदिर कैसे पहुँचें
मंदिर सड़क मार्ग से बहुत अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। तेजपुर मुख्य मार्ग से दूरी: सड़क मार्ग से लगभग 6 किमी। मंदिर एक छोटी पहाड़ी पर बना है, जहाँ सड़क से एक लंबी सीढ़ी के माध्यम से पहुँचा जा सकता है। निकटतम रेलवे स्टेशन तेजपुर रेलवे स्टेशन है।
10:30 AM - 4:30 AM
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