श्री कृष्ण जन्मभूमि, जिसे कृष्ण जन्मस्थान मंदिर परिसर के नाम से भी जाना जाता है, भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के मथुरा में स्थित एक अत्यंत पूजनीय हिंदू तीर्थ स्थल है। ऐसा माना जाता है कि यह हिंदू धर्म में सबसे अधिक पूजे जाने वाले देवता भगवान श्री कृष्ण का जन्मस्थान है। मथुरा हिंदू धर्म के सात पवित्र नगरों - सप्त पुरियों - में से एक है।
कृष्ण जन्मभूमि का इतिहास:
परंपरा के अनुसार भगवान श्री कृष्ण का जन्म लगभग 3,000 ईसा पूर्व में यहीं हुआ था। ऐसा माना जाता है कि उनके जन्मस्थान को चिह्नित करने वाला एक मंदिर छठी शताब्दी ईसा पूर्व से ही अस्तित्व में था।
❀ यह मंदिर परिसर उस कारागार (कंस की कालकोठरी) के चारों ओर बना है जहाँ भगवान श्री कृष्ण की माता देवकी ने उन्हें जन्म दिया था।
❀ यह स्थल कृष्ण के जन्मोत्सव, जन्माष्टमी के दौरान विशेष रूप से महत्वपूर्ण होता है।
श्री कृष्ण जन्मभूमि दर्शन का समय:
मंदिर पूरे सप्ताह खुला रहता है। दर्शन का समय सुबह 5:00 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक और शाम 4:00 बजे से रात 9:30 बजे तक है।
कृष्ण जन्मभूमि की प्रमुख विशेषताएँ:
❀ गर्भगृह: कहा जाता है कि यह कृष्ण के वास्तविक जन्मस्थान का प्रतीक है।
❀ केशव देव मंदिर: परिसर के भीतर भगवान कृष्ण को समर्पित एक अलंकृत मंदिर।
❀ भागवत भवन मंदिर - मंदिर का निर्माण 11 फरवरी 1965 को शुरू हुआ था और देवताओं की स्थापना समारोह 12 फरवरी 1982 को आयोजित किया गया था। इसमें पांच मंदिर शामिल हैं: मुख्य मंदिर जिसमें राधा और कृष्ण की 180 सेंटीमीटर (6 फीट) ऊंची जोड़ी है; दाहिनी ओर बलराम, सुभद्रा और जगन्नाथ का मंदिर; बाईं ओर राम, लक्ष्मण और सीता का मंदिर; जगन्नाथ मंदिर के सामने गरुड़ स्तम्भ (स्तंभ) और चैतन्य महाप्रभु और राम मंदिर के सामने हनुमान; दुर्गा का मंदिर और शिवलिंग वाला मंदिर है।
❀ पोतरा कुंड - जन्मस्थान मंदिर के दक्षिण-पूर्व में एक विशाल और गहरा सीढ़ीनुमा जलकुंड, पोतरा कुंड या पवित्र कुंड है, कहा जाता है कि इसका उपयोग बाल कृष्ण के जन्म के बाद उनके प्रथम स्नान के लिए किया गया था। इस कुंड का निर्माण महादजी सिंधिया ने 1782 में करवाया था।
कृष्ण जन्मभूमि दर्शन के सुझाव:
❀ समय: आमतौर पर सुबह से शाम तक खुला रहता है; मौसम के अनुसार समय बदल सकता है।
❀ सुरक्षा: स्थल की संवेदनशील प्रकृति के कारण कड़ी सुरक्षा व्यवस्था; मोबाइल फोन, कैमरा और बैग अंदर ले जाने की अनुमति नहीं है।
❀ दर्शन का सबसे अच्छा समय: जन्माष्टमी (अगस्त/सितंबर) या होली के दौरान, जब मथुरा विशेष रूप से जीवंत हो जाता है।
श्री कृष्ण जन्मभूमि और उससे सटी शाही ईदगाह जटिल कानूनी और सांस्कृतिक बहस के केंद्र में हैं। जिसे कभी भगवान कृष्ण के जन्म स्थल के रूप में पूजा जाता था।
श्री कृष्ण जन्मभूमि
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