Shri Ram Bhajan

श्रीकांतेश्वर मंदिर - Srikanteshwara Temple

मुख्य आकर्षण - Key Highlights

◉ श्रीकांतेश्वर मंदिर, नंजनगुड को दक्षिण की काशी कहा जाता है।
◉ मंदिर के मुख्य देवता भगवान श्रीकांतेश्वर, भगवान शिव का एक रूप है।
◉ भगवान परशुराम ने अपनी माता की हत्या के पाप से मुक्ति पाने के लिए यहाँ शिव की पूजा की थी।

श्रीकांतेश्वर मंदिर, नंजनगुड (जिसे नंजुंदेश्वर मंदिर के नाम से भी जाना जाता है) कर्नाटक के मैसूर से लगभग 25 किलोमीटर दूर नंजनगुड शहर में कपिला नदी (काबिनी) के तट पर स्थित एक प्रसिद्ध और प्राचीन शिव मंदिर है। इस मंदिर को अक्सर \"दक्षिण की काशी\" कहा जाता है क्योंकि इसका धार्मिक महत्व और यह मान्यता है कि यहाँ की तीर्थयात्रा काशी की तीर्थयात्रा जितनी ही पवित्र है।

श्रीकान्तेश्वर मंदिर दर्शन समय
मंदिर पूरे सप्ताह खुला रहता है और दर्शन का समय सुबह 6 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक और शाम 4 बजे से रात 8:30 बजे तक है। रविवार को मंदिर सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक खुला रहता है।

श्रीकान्तेश्वर मंदिर में मनाए जाने वाले उत्सव
❀ रथोत्सव: यह भव्य वार्षिक उत्सव हज़ारों भक्तों को आकर्षित करता है, जहाँ भगवान श्रीकान्तेश्वर की मूर्ति को एक सुंदर सुसज्जित रथ में ले जाया जाता है।
❀ महाशिवरात्रि: बड़ी श्रद्धा और बड़ी भीड़ के साथ मनाया जाता है।
❀ गिरिजा कल्याण और दीपावली भी यहाँ के प्रमुख उत्सव हैं।

श्रीकान्तेश्वर मंदिर कैसे पहुँचें
❀ सड़क मार्ग: मैसूर से 25 किमी और बेंगलुरु से लगभग 160 किमी।
❀ रेल मार्ग: नंजनगुड टाउन रेलवे स्टेशन मैसूर और चामराजनगर को जोड़ता है।
❀ हवाई मार्ग: निकटतम हवाई अड्डा मैसूर हवाई अड्डा (लगभग 20 किमी) है।

प्रचलित नाम: नंजुंदेश्वर मंदिर

समय - Timings

दर्शन समय
6 AM - 8:30 PM
त्योहार
Shivaratri, Rathotsava, Girija Kalyana, Diwali, Dodda Jaathre | यह भी जानें: एकादशी

श्रीकांतेश्वर मंदिर का इतिहास और वास्तुकला

❀ मुख्य देवता: भगवान श्रीकांतेश्वर (भगवान शिव का एक रूप)।
❀ श्रीकांतेश्वर नाम का अर्थ है विष पीने वाले भगवान, जो समुद्र मंथन के दौरान भगवान शिव द्वारा हलाहल विष पीने की कथा से संबंधित है।
❀ स्थानीय लोग उन्हें नंजुंदेश्वर भी कहते हैं - नंजु का अर्थ है विष और उंडा का अर्थ है सेवन करने वाला।
❀ पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान परशुराम ने अपनी माता की हत्या के पाप से मुक्ति पाने के लिए यहाँ शिव की पूजा की थी।
❀ एक अन्य कथा के अनुसार, राजा टीपू सुल्तान के शाही हाथी पर इस मंदिर के पवित्र जल के छिड़काव से एक घातक बीमारी ठीक हो गई थी। कृतज्ञता स्वरूप, टीपू सुल्तान ने यहाँ शिव को हाकिम नंजुंदा (अर्थात वैद्य भगवान नंजुंदा) कहा था।
❀ द्रविड़ शैली में निर्मित इस मंदिर परिसर में एक भव्य गोपुरम (टॉवर) और एक विशाल प्रांगण है।
❀ आंतरिक गर्भगृह में श्रीकान्तेश्वर नामक शिवलिंग स्थापित है।
❀ मंदिर में पार्वती, गणपति, सुब्रह्मण्यम, नंदी और चंडिकेश्वर आदि के भी मंदिर हैं।
❀ मंदिर की पत्थर की नक्काशी और मूर्तियों में होयसल और विजयनगर का प्रभाव दिखाई देता है।

Srikanteshwara Temple in English

Srikanteshwara Temple, Nanjangud is a famous and ancient Shiva temple.

जानकारियां - Information

मंत्र
ओम नम शिवाय
बुनियादी सेवाएं
पेयजल, प्रसाद, सीसीटीवी सुरक्षा, जूता स्टोर, पार्किंग स्थल
संस्थापक
Western Ganga Dynasty
स्थापना
9th–10th century
समर्पित
भगवान शिव
वास्तुकला
द्रविड़ शैली

क्रमवद्ध - Timeline

6 AM - 8:30 PM

कैसे पहुचें - How To Reach

पता 📧
Rastrapathi Road, Nanjangud Mysuru Karnataka
सोशल मीडिया
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निर्देशांक 🌐
12.1188889°N, 76.6927778°E
श्रीकांतेश्वर मंदिर गूगल के मानचित्र पर
http://www.bhaktibharat.com/mandir/srikanteshwara-temple

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