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🔱सावन शिवरात्रि - Sawan Shivaratri

Shivaratri Date: Sawan Shivaratri: Saturday, 15 July 2023

प्रत्येक माह की कृष्ण त्रियोदशी को शिवरात्रि ही कहा जाता है, इन सभी 12 अथवा 13 शिवरात्रियों मे से दो शिवरात्रि अत्यधिक प्रसिद्ध है। फाल्गुन माह की त्रियोदशी महा शिवरात्रि के नाम से प्रसिद्ध है तथा दूसरी ओर सावन शिवरात्रि जोकि भगवान शिव के पवित्र माह सावन में मनाई जाती है। यह त्यौहार भगवान शिव-पार्वती को समर्पित है, इस दिन भक्तभगवान शिव के प्रतीक शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाते हैं।

संबंधित अन्य नाममहा शिवरात्रि, सावन शिवरात्रि, काँवर यात्रा, शिवतेरश, भोला उपवास
सुरुआत तिथिफाल्गुन कृष्णा त्रयोदशी / सावन कृष्णा त्रयोदशी
कारणभगवान शिव का पसंदीदा दिन, शिव की शादी की सालगिरह।
उत्सव विधिव्रत, पूजा, व्रत कथा, भजन-कीर्तन, गौरी-शंकर मंदिर में पूजा, रुद्राभिषेक

Sawan Shivaratri in English

Maha Shivaratri and Sawan Shivaratri are the most famous one | Shivaratri 2023 Date, Bhajan, Aarti, Muhurat and Temples | Sawan Shivaratri 2023 : Saturday, 15 July 2023

शिवरात्रि कब है? - Shivaratri Kab Hai

सावन शिवरात्रि 2023 : शनिवार, 15 जुलाई 2023

सावन शिवरात्रि रात्रि प्रहर पूजा समय: [दिल्ली]
प्रथम प्रहर - 7:21 PM से 9:54 PM | 16 जुलाई 2023
द्वितीय प्रहर - 9:54 PM से 12:27 AM | 16 जुलाई 2023
तृतीय प्रहर - 12:27 AM से 3:00 AM | 16 जुलाई 2023
चतुर्थ प्रहर - 3:00 AM से 5:33 AM | 16 जुलाई 2023

सावन शिवरात्रि

15 July 2023
तिथि: सावन कृष्णा त्रयोदशी
सावन शिवरात्रि को काँवर यात्रा का समापन दिवस भी कहा जाता है, जो मानसून के श्रावण (जुलाई-अगस्त) के महीने मे आता है। हिंदू तीर्थ स्थानों हरिद्वार, गौमुख व गंगोत्री, सुल्तानगंज में गंगा नदी, काशी विश्वनाथ, बैद्यनाथ, नीलकंठ और देवघर सहित अन्य स्थानो से गंगाजल भरकर, अपने - अपने स्थानीय शिव मंदिरों में इस पवित्र जल को लाकर चढ़ाया जाता है।

भगवान शिव का सबसे प्रवित्र दिन शिवरात्रि, सकारात्मक उर्जा का श्रोत है, इसलिए जल चढ़ाने के लिए पूरा दिन ही पवित्र और शुभ माना गया है। पर जल चढ़ाते समय आगे और पीछे की तिथि के संघ को ध्यान में रखें।

महा शिवरात्रि

18 February 2023
तिथि: फाल्गुन कृष्णा त्रयोदशी
महाशिवरात्रि, भगवान शिव की पार्वती देवी से शादी का दिन है, इसलिए भक्तगण महा शिवरात्रि को गौरी-शंकर की शादी की सालगिरह के रूप में मानते हैं। इस दिन ब्रत में, कुछ भक्तों को बिना पानी के ब्रत रहिते देखा गया है। आज के दिन भक्त शिवलिंग को दूध, दही, शहद, गुलाब जल, आदि के साथ हर तीन घंटे के अंतराल मे सारी रात पूजा करते हैं।

आज का दिन दो महान प्राकृतिक शक्तियों, रजस एवं तमस के एक साथ आने का दिन है। शिवरात्रि व्रत इन दोनों शक्तियों का सही नियंत्रण है। वासना, क्रोध, और ईर्ष्या जैसे बुराइयों को नियंत्रण कर सकते हैं। हर तीन घंटे शिवलिंग की पूजा के एक दौर आयोजित किया जाता है। सदगुरु के अनुसार, इस रात को ग्रहों की स्थिति कुछ ऐसी होती है कि मानव तंत्र में ऊर्जा का प्रवाह प्राकृतिक रूप से ऊपर की ओर होता है। अतः योगी साधक भक्त शरीर को सीधी स्थिति में रखते हैं, और सारी रात सोते नहीं हैं।

पृथ्वी की रचना पूरी होने के बाद, पार्वती जी ने भगवान शिव से पूछा कि भक्तों के कौनसे अनुष्ठानों से आपको सबसे ज़्यादा प्रशन्नता होती है। भगवान ने कहा है कि, फाल्गुन के महीने के दौरान शुक्लपक्ष की 14वीं रात मेरा पसंदीदा दिन है।

सोमवार का दिन भगवान शिव से जोड कर देखा जाता है। महाशिवरात्रि और सोमवार दोनों एक दिन होना शिवभक्तों के लिए बहुत ही शुभ है। विवाह योग्य युवक - युवतियां विवाह योग के लिये शिवजी का अभिषेक करते हैं।

संबंधित जानकारियाँ

आवृत्ति
अर्ध मासिक
समय
1 दिन
सुरुआत तिथि
फाल्गुन कृष्णा त्रयोदशी / सावन कृष्णा त्रयोदशी
समाप्ति तिथि
फाल्गुन कृष्णा त्रयोदशी / सावन कृष्णा त्रयोदशी
महीना
महा शिवरात्रि: फरवरी / मार्च; सावन शिवरात्रि: जुलाई / अगस्त
मंत्र
ॐ नमः शिवायः, बोल बम, बम बम, बम बम भोले, हर हर महादेव
कारण
भगवान शिव का पसंदीदा दिन, शिव की शादी की सालगिरह।
उत्सव विधि
व्रत, पूजा, व्रत कथा, भजन-कीर्तन, गौरी-शंकर मंदिर में पूजा, रुद्राभिषेक
महत्वपूर्ण जगह
सभी ज्योतिर्लिंग, ऋषिकेश, पशुपतिनाथ, श्री शिव मंदिर
पिछले त्यौहार
Maha Shivaratri: 18 February 2023, Sawan Shivaratri: 26 July 2022, Maha Shivaratri: 1 March 2022, Masik Shivaratri: 11 January 2021

वीडियो

शिवरात्रि

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