Updated: Oct 20, 2024 06:42 AM |
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Sankashti Chaturthi Date: Monday, 18 November 2024
गणेश चतुर्थी व्रत भगवान गणेश को समर्पित है। इस दिन गणेश जी की विशेष पूजा की जाती है। पंचांग के अनुसार हर महीने दो चतुर्थी आती हैं। एक शुक्ल पक्ष में और एक कृष्ण पक्ष में। हर महीने पड़ने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है, जबकि शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहा जाता है।
संकष्टी चतुर्थी व्रत की महिमा
नारद पुराण के अनुसार संकष्टी चतुर्थी के दिन व्रती को पूरे दिन का उपवास रखना चाहिए। शाम के समय संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा को सुननी चाहिए। संकष्टी चतुर्थी के दिन घर में पूजा करने से नकारात्मक प्रभाव दूर होते हैं । इतना ही नहीं संकष्टी चतुर्थी का पूजा से घर में शांति बनी रहती है। घर की सारी परेशानियां दूर होती हैं। गणेश जी भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण करते हैं। इस दिन चंद्रमा को देखना भी शुभ माना जाता है। सूर्योदय से शुरू होने वाला संकष्टी व्रत चंद्र दर्शन के बाद ही समाप्त होता है, साल भर में 12-3 संकष्टी व्रत रखे जाते हैं। हर संकष्टी व्रत की एक अलग कहानी होती है।
दक्षिण भारत के तमिलनाडु राज्य में संकष्टी चतुर्थी को गणेश संकटहरा या संकटहरा चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है।
ध्यान दें - संकष्टी चतुर्थी व्रत का दिन, उस दिन के चन्द्रोदय के आधार पर निर्धारित होता है। जिस दिन चतुर्थी तिथि के दौरान चन्द्र उदय होता है, संकष्टी चतुर्थी का व्रत उसी दिन रखा जाता है। इसीलिए प्रायः ऐसा देखा गया है कि, कभी-कभी संकष्टी चतुर्थी व्रत, चतुर्थी तिथि से एक दिन पूर्व अर्थात तृतीया तिथि के दिन ही होता है।
कहा जाता है कि संकष्टी चतुर्थी का व्रत नियमानुसार ही संपन्न करना चाहिए, तभी इसका पूरा लाभ मिलता है। इसके अलावा गणपति बप्पा की पूजा करने से यश, धन, वैभव और अच्छे स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है।
शुरुआत तिथि | कृष्णा चतुर्थी |
उत्सव विधि | व्रत, पूजा, व्रत कथा, भजन-कीर्तन, गणेश मंदिर में पूजा। |
The Chaturthi of Krishna Paksha that falls every month is called Sankashti Chaturthi. Ganesh Chaturthi fast is dedicated to Bhagwan Shri Ganesh Ji. Special worship of Ganesh is done on this day.
संकष्टी चतुर्थी कब है? - Sankashti Chaturthi Kab Hai
गणाधिप संकष्टी चतुर्थी व्रत : सोमवार, नवम्बर 18, 2024
[Delhi]
संकष्टी चन्द्रोदय समय -
07:34 PM
संकष्टी चतुर्थी तिथि : नवम्बर 18, 2024 06:55 PM - नवम्बर 19, 2024 05:28 PM
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मार्गशीर्ष संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा
संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि
❀ गणेश संकष्टी चतुर्थी के दिन प्रात: काल स्नान आदि करके व्रत लें।
❀ स्नान के बाद गणेश जी की पूज आराधना करें, गणेश जी के मन्त्र का उच्चारण करें।
❀ पूजा की तैयारी करें और गणेश जी को उनकी पसंदीदा चीजें जैसे मोदक, लड्डू और दूर्वा घास चढ़ाएं।
❀ गणेश मंत्रों का जाप करें और श्री गणेश चालीसा का पाठ करें और आरती करें।
❀ शाम को चंद्रोदय के बाद पूजा की जाती है, अगर बादल के चलते चन्द्रमा नहीं दिखाई देता है तो, पंचांग के हिसाब से चंद्रोदय के समय में पूजा कर लें।
❀ शाम के पूजा के लिए गणेश जी की मूर्ति के बाजू में दुर्गा जी की भी फोटो या मूर्ति रखें, इस दिन दुर्गा जी की पूजा बहुत जरुरी मानी जाती है।
❀ मूर्ति/फोटो पर धुप, दीप, अगरबत्ती लगाएँ, फुल से सजाएँ एवं प्रसाद में केला, नारियल रखें।
❀ गणेश जी के प्रिय मोदक बनाकर रखें, इस दिन तिल या गुड़ के मोदक बनाये जाते है।
❀ गणेश जी के मन्त्र का जाप करते हुए कुछ मिनट का ध्यान करें, कथा सुने, आरती करें, प्रार्थना करें।
❀ इसके बाद चन्द्रमा की पूजा करें, उन्हें जल अर्पण कर फुल, चन्दन, चावल चढ़ाएं।
❀ पूजा समाप्ति के बाद प्रसाद सबको वितरित किया जाता है।
❀ गरीबों को दान भी किया जाता है।
सभी संकष्टी चतुर्थी के नाम
आश्विन मास - विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी
कार्तिक मास -
करवा चौथ, वक्रतुण्ड संकष्टी चतुर्थी
मार्गशीर्ष मास - गणाधिप संकष्टी चतुर्थी
पौष मास - अखुरथ संकष्टी चतुर्थी
माघ मास -
सकट चौथ, लम्बोदर संकष्टी चतुर्थी
फाल्गुन मास - द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी
चैत्र मास - भालचन्द्र संकष्टी चतुर्थी
वैशाख मास - विकट संकष्टी चतुर्थी
ज्येष्ठ मास - एकदन्त संकष्टी चतुर्थी
आषाढ़ मास - कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी
श्रावण मास - गजानन संकष्टी चतुर्थी
अधिक मास - विभुवन संकष्टी चतुर्थी
भाद्रपद मास - बहुला चतुर्थी, हेरम्ब संकष्टी चतुर्थी
संबंधित जानकारियाँ
आगे के त्यौहार(2024)
18 November 202418 December 2024
शुरुआत तिथि
कृष्णा चतुर्थी
महीना
हर महीने की कृष्णा चतुर्थी
उत्सव विधि
व्रत, पूजा, व्रत कथा, भजन-कीर्तन, गणेश मंदिर में पूजा।
महत्वपूर्ण जगह
घर, मंदिर, गणेश मंदिर।
पिछले त्यौहार
वक्रतुण्ड संकष्टी चतुर्थी : 20 October 2024, विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी : 21 September 2024, Bhadrapada : 22 August 2024, Sawan : 24 July 2024, Ashaad : 25 June 2024, Jyeshta : 26 May 2024, Vaisakha : 27 April 2024, Chaitra : 28 March 2024, Phalguna : 28 February 2024, Magha : 29 January 2024, Pausha : 30 December 2023
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गणाधिप संकष्टी चतुर्थी 2024 तिथियाँ
Festival | Date |
गणाधिप संकष्टी चतुर्थी | 18 November 2024 |
अखुरथ संकष्टी चतुर्थी | 18 December 2024 |