Shri Ram Bhajan

जमींदार और मजदूर के कर्म का फल - प्रेरक कहानी (Jamindar Aur Majador Ke Karm Ka Fal)


Add To Favorites Change Font Size
एक गांव में जमींदार और उसके एक मजदूर की साथ ही मौत हुई। दोनों यमलोक पहुंचे।
धर्मराज ने जमींदार से कहा: आज से तुम मजदूर की सेवा करोगे।

मजदूर से कहा: अब तुम कोई काम नहीं करोगे, आराम से यहां रहोगे।
जमींदार परेशान हो गया। पृथ्वी पर तो मजदूर जमींदार की सेवा करता था, पर अब उल्टा होने वाला था।

जमींदार ने कहा: भगवन, आप ने मुझे यह सजा क्यों दी?
मैं तो भगवान का परम भक्त हूं। प्रतिदिन मंदिर जाता था। देसी घी से भगवान की आरती करता था और बहुमूल्य चीजें दान करता था। धर्म के अन्य आयोजन भी मैं करता ही रहता था।

धर्मराज ने मजदूर से पूछा: तुम क्या करते थे पृथ्वी पर?

मजदूर ने कहा: भगवन, मैं गरीब मजदूर था। दिन भर जमींदार के खेत में मेहनत मजदूरी करता था। मजदूरी में उनके यहां से जितना मिलता था, उसी में परिवार के साथ गुजारा करता था। मोह माया से दूर जब समय मिलता था तब भगवान को याद कर लेता था। भगवान से कभी कुछ मांगा नहीं।

गरीबी के कारण प्रतिदिन मंदिर में आरती तो नहीं कर पाता था, लेकिन जब घर में तेल होता तब मंदिर में आरती करता था और आरती के बाद दीपक को अंधेरी गली में रख देता था ताकि अंधेरे में आने-जाने वाले लोगों को प्रकाश मिले।

धर्मराज ने जमींदार से कहा: आपने सुन ली न मजदूर की बात?

भगवान धन-दौलत और अहंकार से खुश नहीं होते। भगवान मेहनत और ईमानदारी से कमाने वाले व्यक्ति से प्रसन्न रहते हैं। यह मजदूर तुम्हारे खेतों में काम करके खुश रहता था और सच्चे मन से भगवान की आराधना करता था। जबकि तुम आराधना ज्यादा धन पाने के लिए करते थे। तुम मजदूरों से ज्यादा काम लेकर कम मजदूरी देते थे। तुम्हारे इन्हीं कामों के कारण तुम्हें मजदूर का नौकर बनाया गया है ताकि तुम भी एक नौकर के दुख-दर्द को समझ सको।
यह भी जानें

Prerak-kahani Karm Fal Prerak-kahaniJamindar Prerak-kahaniMajador Prerak-kahani

अगर आपको यह prerak-kahani पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस prerak-kahani को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

Latest Prerak-kahani ›

भगवान की गोद में सिर - प्रेरक कहानी

एक लड़की ने, एक सन्त जी को बताया कि मेरे पिता बहुत बीमार हैं और अपने पलंग से उठ भी नहीं सकते क्या आप उनसे मिलने हमारे घर पे आ सकते हैं।

क्या भगवान का अस्तित्व है? - प्रेरक कहानी

वह जैसे ही नाई की दुकान से निकला, उसने सड़क पर एक लम्बे-घने बालों वाले एक व्यक्ति को देखा जिसकी दाढ़ी भी बढ़ी हुई थी।...

जब भक्त के लिए भगवान ने दी गवाही - साक्षी गोपाल मंदिर सत्य कथा

एक बूढ़ा ब्राह्मण तीर्थ यात्रा करना चाहता था। उनके स्वयं के बच्चे थे पर वो उनकी धर्म-कर्म वाली बातों का पालन नहीं करते थे।

सभी के कर्म एक समान नहीं हैं - प्रेरक कहानी

समाज में कभी एकरूपता नहीं आ सकती, क्योंकि हमारे कर्म कभी भी एक समान नहीं हो सकते। और जिस दिन ऐसा हो गया उस दिन समाज-संसार की सारी विषमतायें समाप्त हो जायेंगी।...

अंध-अनुसरण कैसे पनपता है?- प्रेरक कहानी

इंस्पेक्शन के दौरान उन्होंने देखा कि कैम्प एरिया के मैदान में दो सिपाही एक बैंच की पहरेदारी कर रहे हैं।..

दान का खूबसूरत रूप - प्रेरक कहानी

उम्‍मीद की कोई किरण नजर नहीं आई। तभी एक मजदूरन ने मुझे आवाज लगाकर अपनी सीट देते हुए कहा मेडम आप यहां बैठ जाइए।..

जब श्री कृष्ण बोले, मुझे कहीं छुपा लो - प्रेरक कहानी

एक बार की बात है कि यशोदा मैया प्रभु श्री कृष्ण के उलाहनों से तंग आ गयीं और छड़ी लेकर श्री कृष्ण की ओर दौड़ी।...

Hanuman Chalisa - Hanuman Chalisa
Ganesh Aarti Bhajan - Ganesh Aarti Bhajan
Bhakti Bharat APP