
ॐ जय कलाधारी हरे, स्वामी जय पौणाहारी हरे, भक्त जनों की नैया, दस जनों की नैया, भव से पार करे...
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गुरुदेव आरती - श्री नंगली निवासी सतगुरु
आरती श्री गुरुदेव जी की गाऊँ । बार-बार चरणन सिर नाऊँ ॥ त्रिभुवन महिमा गुरु जी की भारी ।
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नन्द-सुवन जसुमतिके लाला,गोधन गोपी प्रिय गोपाला। देवप्रिय असुरनके काला,मोहन विश्वविमोहन वर की॥
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नमस्ते नरसिंहाय, प्रह्लादाह्लाद-दायिने, हिरण्यकशिपोर्वक्षः- शिला-टङ्क-नखालये..
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ॐ जय परशुधारी, स्वामी जय परशुधारी । सुर नर मुनिजन सेवत, श्रीपति अवतारी ॥ ॐ जय परशुधारी..॥
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श्री झूलेलाल आरती- ॐ जय दूलह देवा
ॐ जय दूलह देवा, साईं जय दूलह देवा। पूजा कनि था प्रेमी, सिदुक रखी सेवा॥
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श्री सूर्य देव - ऊँ जय सूर्य भगवान
ऊँ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान। जगत् के नेत्र स्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा।
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ॐ जय जय शनि महाराज: श्री शनिदेव आरती
ॐ जय जय शनि महाराज, स्वामी जय जय शनि महाराज। कृपा करो हम दीन रंक पर...
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हर महादेव आरती: सत्य, सनातन, सुंदर
सत्य, सनातन, सुंदर, शिव! सबके स्वामी । अविकारी, अविनाशी, अज, अंतर्यामी ॥ ॐ हर हर हर महादेव..
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हवन-यज्ञ प्रार्थना: पूजनीय प्रभो हमारे
पूजनीय प्रभो हमारे, भाव उज्जवल कीजिये। छोड़ देवें छल कपट को, मानसिक बल दीजिये॥
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ॐ जय जगदानन्दी, मैया जय आनंद कन्दी। ब्रह्मा हरिहर शंकर, रेवा शिव हरि शंकर, रुद्रौ पालन्ती।
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आरती (Aarti, Arti, arati) is a special love, benevolence and gratitude songs which is the part of puja ritual with ghee or oil deepak (lamp). , divine elements or Guru (spiritual teacher). Bhakti Bharat updates you 71+ aarti lyrics.