Haanuman Bhajan

श्री चित्रगुप्त जी की आरती - श्री विरंचि कुलभूषण (Shri Chitragupt Aarti - Shri Viranchi Kulbhusan)


श्री विरंचि कुलभूषण,
यमपुर के धामी ।
पुण्य पाप के लेखक,
चित्रगुप्त स्वामी ॥
सीस मुकुट, कानों में कुण्डल,
अति सोहे ।
श्यामवर्ण शशि सा मुख,
सबके मन मोहे ॥

भाल तिलक से भूषित,
लोचन सुविशाला ।
शंख सरीखी गरदन,
गले में मणिमाला ॥

अर्ध शरीर जनेऊ,
लंबी भुजा छाजै ।
कमल दवात हाथ में,
पादुक परा भ्राजे ॥

नृप सौदास अनर्थी,
था अति बलवाला ।
आपकी कृपा द्वारा,
सुरपुर पग धारा ॥

भक्ति भाव से यह,
आरती जो कोई गावे ।
मनवांछित फल पाकर,
सद्गति पावे ॥

Shri Chitragupt Aarti - Shri Viranchi Kulbhusan in English

om jai chitrgupt hare, swami jai chitrgupt hare. bhaktjanon ke ichchhit, phal ko purn kare ॥

Aarti Shri Chitragupt AartiDiwali AartiGovardhan Aarti

अगर आपको यह आरती पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस आरती को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

आरती ›

जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी - आरती

जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी, तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी॥

सन्तोषी माता आरती

जय सन्तोषी माता, मैया जय सन्तोषी माता। अपने सेवक जन की सुख सम्पति दाता..

श्री बृहस्पति देव की आरती

जय वृहस्पति देवा, ऊँ जय वृहस्पति देवा । छिन छिन भोग लगा‌ऊँ..

श्री सत्यनारायण जी आरती

जय लक्ष्मी रमणा, स्वामी जय लक्ष्मी रमणा। सत्यनारायण स्वामी, जन पातक हरणा॥

अन्नपूर्णा आरती

बारम्बार प्रणाम, मैया बारम्बार प्रणाम । जो नहीं ध्यावे तुम्हें अम्बिके, कहां उसे विश्राम । अन्नपूर्णा देवी नाम तिहारो..

दत्ताची आरती

त्रिगुणात्मक त्रैमूर्ती दत्त हा जाणा । जय देव जय देव जय श्री गुरुद्त्ता । आरती ओवाळिता हरली भवचिंता ...

शिव आरती - ॐ जय शिव ओंकारा

जय शिव ओंकारा, ॐ जय शिव ओंकारा। ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा॥

Durga Chalisa - Durga Chalisa
Ram Bhajan - Ram Bhajan
Bhakti Bharat APP