एकम्बरेश्वर मंदिर कांचीपुरम - Ekambareswarar Kanchipuram

मुख्य आकर्षण - Key Highlights

◉ रेत से बना शिवलिंग। इसकी नाजुक प्रकृति के कारण, भक्तों को इसका अभिषेक करने की अनुमति नहीं है।
◉ यह पंचभूत स्थलों में से एक है, जो पृथ्वी तत्व का प्रतिनिधित्व करता है।
◉ मंदिर प्रांगण में स्थित प्राचीन आम का पेड़ 3,500 वर्ष से भी अधिक पुराना बताया जाता है।
कांचीपुरम स्थित एकम्बरेश्वर मंदिर, तमिलनाडु में भगवान शिव को समर्पित सबसे प्राचीन और महत्वपूर्ण मंदिरों में से एक है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है, जिनकी पूजा एकम्बरेश्वर के रूप में की जाती है, जिसका अर्थ है \"आम के वृक्ष का स्वामी\"। यह पंचभूत स्थलों का एक भाग है, जो पृथ्वी तत्व (पृथ्वी लिंगम) का प्रतिनिधित्व करता है - अन्य मंदिर जल, अग्नि, वायु और आकाश का प्रतिनिधित्व करते हैं। एकम्बरेश्वर की पूजा शिव के पृथ्वी रूप के रूप में की जाती है, जो उर्वरता, स्थिरता और सृजन का प्रतीक है।

एकम्बरेश्वर मंदिर का इतिहास और वास्तुकला
❀ माना जाता है कि गर्भगृह के लिंगम रेत से बना है, और इसकी नाजुक प्रकृति के कारण, भक्तों को सीधे अभिषेक करने की अनुमति नहीं है।

❀ मंदिर परिसर 25 एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैला है, जो इसे तमिलनाडु के सबसे बड़े मंदिरों में से एक बनाता है। राजगोपुरम (मुख्य प्रवेश द्वार) 59 मीटर (194 फीट) ऊँचा है—दक्षिण भारत के सबसे ऊँचे स्तंभों में से एक। आयाराम काल मंडपम (“हज़ार स्तंभों वाला हॉल”) में अद्भुत पत्थर की नक्काशी प्रदर्शित है। यह मंदिर द्रविड़ वास्तुकला का प्रतीक है।

❀ मंदिर प्रांगण में स्थित प्राचीन आम का वृक्ष 3,500 वर्ष से भी अधिक पुराना बताया जाता है, और इस पर चार वेदों के प्रतीक आमों की चार अलग-अलग किस्में उगती हैं।

❀ ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव ने इसी वृक्ष के नीचे पार्वती से विवाह किया था, जिससे यह दिव्य प्रेम और भक्ति का पवित्र प्रतीक बन गया।

❀ पौराणिक कथा के अनुसार, देवी पार्वती ने एक बार भगवान शिव से एकाकार होने के लिए एक आम के वृक्ष (जो आज भी मंदिर परिसर में विद्यमान है) के नीचे कठोर तपस्या की थी। उन्होंने रेत (मिट्टी) से एक शिवलिंग बनाया, जिसके बारे में माना जाता है कि यहाँ उसकी पूजा की जाती है। उनकी भक्ति से अभिभूत होकर भगवान शिव यहाँ प्रकट हुए और उनसे विवाह किया।

❀ यह मंदिर कांचीपुरम के कामाक्षी अम्मन मंदिर (देवी पार्वती) और कैलासनाथर मंदिर (भगवान शिव का एक अन्य रूप) से निकटता से जुड़ा हुआ है। यह 108 दिव्य देसमों में से एक है, जो शहर में भगवान विष्णु की उपस्थिति से अप्रत्यक्ष रूप से जुड़ा हुआ है।

एकम्बरेश्वर मंदिर का दर्शन समय
एकम्बरेश्वर मंदिर प्रतिदिन खुला रहता है और सभी भक्तों के लिए निःशुल्क प्रवेश उपलब्ध है। मंदिर के दर्शन का समय सुबह 6:00 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक और शाम 4:00 बजे से रात 8:30 बजे तक है।

एकम्बरेश्वर मंदिर के प्रमुख उत्सव
महाशिवरात्रि और पंगुनी उथिरम (मार्च-अप्रैल) जैसे प्रमुख उत्सव मनाए जाते हैं - ये भगवान शिव और पार्वती के दिव्य विवाह के प्रतीक हैं। आदि कृतिकाई और वैकासी विशाकम भी धूमधाम से मनाए जाते हैं।

एकम्बरेश्वर मंदिर कैसे पहुँचें
चेन्नई और कांचीपुरम एक दूसरे से लगभग 72 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। यह दूरी कार या बस द्वारा आसानी से तय की जा सकती है, इसलिए सड़क मार्ग से यात्रा करना सबसे बेहतर विकल्प है।
प्रचलित नाम: एकम्बरनाथर मंदिर
Ekambareswarar Kanchipuram - Read In English
Ekambareswarar Temple, Kanchipuram is one of the most ancient and significant temples dedicated to Bhagwan Shiva in Tamil Nadu. The temple is dedicated to Lord Shiva, who is worshipped as Ekambareswarar.

जानकारियां - Information

दर्शन समय
6 AM - 8:00 PM
मंत्र
ओम नम शिवाय
त्योहार
Shivaratri, Panguni Uthiram | यह भी जानें: एकादशी
बुनियादी सेवाएं
पेयजल, प्रसाद, सीसीटीवी सुरक्षा, जूता स्टोर, पार्किंग स्थल
समर्पित
भगवान शिव
वास्तुकला
द्रविड़ शैली
फोटोग्राफी
🚫 नहीं (मंदिर के अंदर तस्वीर लेना अ-नैतिक है जबकि कोई पूजा करने में व्यस्त है! कृपया मंदिर के नियमों और सुझावों का भी पालन करें।)
नि:शुल्क प्रवेश
हाँ जी

कैसे पहुचें - How To Reach

पता 📧
Ekambaranathar, Koil Kanchipuram Tamil Nadu
सोशल मीडिया
निर्देशांक 🌐
12.8466196°N, 79.6973453°E

क्रमवद्ध - Timeline

6 AM - 8:00 PM

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Updated: Oct 09, 2025 14:04 PM