वयं राष्ट्रे जागृयाम.. (Vayam Rashtre Jagrayam)


वयं राष्ट्रे जागृयाम पुरोहिताः - यजुर्वेद ९:२३
हिन्दी भावार्थ:
हम पुरोहित राष्ट्र को जीवंत एवं जाग्रत बनाए रखेंगे। पुरोहित का अर्थ होता है जो इस पुर का हित करता है। प्राचीन भारत में शायद ऐसे व्यक्तियों को पुरोहित कहते थे, जो राष्ट्रीय-चरित्र, राष्ट्रीय-गौरव, राष्ट्रीय-मर्यादा, राष्ट्रीय-आत्मीयता, राष्ट्रीय-समृद्धि आदि की वृद्धि और उत्कर्ष की बात का दूरगामी हित समझकर उसकी प्राप्ति की व्यवस्था करते थे। पुरोहित में चिन्तक और साधक दोनों के गुण होते हैं, जो सही परामर्श दे सकें। हे पुरोहितो, इस राष्ट्र में जागृति लाओ और इस राष्ट्र की रक्षा करो। राष्ट्रजागरण का महान् कार्य तो जाग्रत् अन्तःकरण वाले व्यक्तियों का है।
Mantra Vedic MantraVed MantraYajurveda MantraSchool MantraCollage MantraMatrabhomi MantraDesh Bhakti MantraPatriotic Mantra
अगर आपको यह मंत्र पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!


* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

मंत्र ›

श्री वेंकटेश्वर सुप्रभातम् - M.S.सुब्बुलक्ष्मी

कौसल्या सुप्रजा राम पूर्वासंध्या प्रवर्तते । उत्तिष्ठ नरशार्दूल कर्तव्यं दैवमाह्निकम् ॥ 1 ॥

विष्णु सहस्रनाम: M.S.Subbulakshmi

भगवान श्री विष्णु के 1000 नाम! विष्णुसहस्रनाम का पाठ करने वाले व्यक्ति को यश, सुख, ऐश्वर्य, संपन्नता...

गजेंद्र मोक्ष स्तोत्र - श्री विष्णु

एवं व्यवसितो बुद्ध्या समाधाय मनो हृदि । जजाप परमं जाप्यं प्राग्जन्मन्यनुशिक्षितम...

श्रीजगन्नाथ सहस्रनाम स्तोत्रम

देवदानवगन्धर्वयक्षविद्याधारोर्गैः। सेव्यमानं सदा चारुकोटिसूर्यसमाप्रभम् ॥ 1॥

संकट मोचन हनुमानाष्टक

बाल समय रवि भक्षी लियो तब।.. लाल देह लाली लसे, अरु धरि लाल लंगूर।...