Download Bhakti Bharat APP
Subscribe BhaktiBharat YouTube Channel - Subscribe BhaktiBharat YouTube ChannelHoli Specials - Holi SpecialsDownload APP Now - Download APP NowFollow Bhakti Bharat WhatsApp Channel - Follow Bhakti Bharat WhatsApp Channel

चुनाव में मंदिर, मठ एवं आश्रमों का महत्व (Significance of temples and Ashram in election)

चुनाव में मंदिर, मठ एवं आश्रमों का महत्व
माना जाता है कि सनातन प्रेमी हर चुनाव में जीत का एक निर्णायक पहलू होते हैं। और इन सनातन प्रेमियों(सनातन प्रेमी वोटर) का केंद्र होते हैं ये मंदिर, मठ एवं आश्रम। राजनीतिक उम्मीदवारों की जीत संख्याबल पर निर्धारित होती है। अतः चुनाव आते ही राजनैतिक उम्मीदवार हिंदू मंदिरों, मठों एवं आश्रमों की तरफ स्वतः ही खिचे चले आते हैं।
उम्मीदवारों को धार्मिक स्थलों की और आकर्षण के कुछ मुख्य कारण यह भी हैं
1) मॉस वोटर्स का एक साथ उनकी तरफ आसानी से झुकाव होने की संभावना।
2) अथवा कभी-कभी उम्मीदवार की अपनी धार्मिक आस्था भी इसका कारण होती है।
3) अपने विरोधी से अधिक धर्मनिष्ठ दिखने अथवा सामाजिक होने का संदेश वोटर तक पहुँचना।

ऐसा माना जाता है कि भाजपा के उदय में अयोध्या के राम मंदिर का चुनावी मुद्दा होना सबसे बड़ा कारण था। अब भाजपा की ही तर्ज पर अन्य दल भी बिल्कुल ताल से ताल मिलाकर डटे हुए हैं। विभिन्न हिंदू मंदिरों में पूजा करने के लिए श्रीमती प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी अचानक से भक्ति यात्राएं शुरू कर दी हैं। माननीय श्री अखिलेश यादव भी खुद को एक धर्मनिष्ठ हिंदू के रूप में प्रस्तुत करने मे लगे हुए हैं। यह हाल गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और अन्य चुनावी राज्यों में समान रूप से देखा जा सकता है।

इन चुनाव प्रचारों में ये भी देखा गया है कि इन धार्मिक यात्राओं और कार्यक्रमों को व्यापक रूप से प्रचारित भी किया जाता है, जिससे उस खास मान्यता वाले वोटर को राजनीतिक उम्मीदवार भी अपने जैसा ही धर्मनिष्ठ प्रतीत होने लगता है। और उसका झुकाव उम्मीदवार की ओर स्वतः ही बढ़ने लगता है।

इसे सामाजिक-राजनीतिक क्षेत्र के व्यापक हिंदुकरण के लिए एक स्मार्ट राजनीतिक प्रतिक्रिया के रूप में भी पढ़ा जा सकता है।

भक्ति भारत का मानना है - भारत, जहां हिंदू पहचान के लिए किसी राजनीतिक शक्ति की आवश्यकता नहीं है और मंदिर किसी भी चुनाव अभियान को बढ़ावा देने के लिए प्रमुख स्थान नहीं हैं। धर्मनिरपेक्षता की वेदी पर पूजा करते हुए आम जनता की सेवा करना चुनावी आह्वान होना चाहिए।

Significance of temples and Ashram in election in English

It is believed that Sanatan lovers are a decisive factor in victory in every election. And these temples, monasteries and ashrams are the center of these Sanatan lovers. The victory of political candidates is determined by numbers. Therefore, as soon as elections come, political candidates are automatically drawn to Hindu temples, monasteries and ashrams.
यह भी जानें

Blogs Elections BlogsUP Elections BlogsMandir And Elections BlogsVote BlogsPolitics BlogsCongress BlogsElectionday BlogsDemocracy BlogsBjp BlogsVoting BlogsNarendramodi BlogsYogi Blogs

अगर आपको यह ब्लॉग पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस ब्लॉग को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

होली विशेष 2025

आइए जानें! भारत मे तीन दिनों तक चलने वाला तथा ब्रजभूमि मे पाँच दिनों तक चलने वाले इस उत्सव से जुड़ी कुछ विशेष जानकारियाँ, आरतियाँ एवं भजन...

भद्रा विचार क्या है

जब भी किसी शुभ और शुभ कार्य का शुभ मुहूर्त देखा जाता है तो उसमें भद्रा का विशेष रूप से ध्यान रखा जाता है और कोई भी शुभ कार्य भद्रा के समय को छोड़कर दूसरे मुहूर्त में किया जाता है।

क्या रंग महोत्सव होली विदेशों में प्रसिद्ध है?

होली भारत के बाहर तेजी से लोकप्रिय हो गई है - बड़े हिस्से में दुनिया भर में लाखों सनातन अनुयायियों के कारण। एक अन्य भारतीय त्योहार दिवाली की तरह, विदेशों में रहने वाले दक्षिण एशियाई विरासत वाले समुदाय अक्सर होली मनाने के लिए एकत्र होते हैं।

वृन्दावन होली कैलेंडर

होली का त्योहार देशभर में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है, लेकिन कान्हा की नगरी मथुरा में रंगों का यह त्योहार 40 दिनों तक चलता है, जिसकी शुरुआत वसंत पंचमी के दिन से होती है।

खाटू श्याम निशान यात्रा क्या है?

निशान यात्रा एक तरह की पदयात्रा होती है, श्री श्याम ध्वज हाथ में उठाकर श्याम बाबा को चढाने खाटू श्याम जी मंदिर तक आते है।..

काशी की चिता भस्म होली

काशी नगरी जो कि मोक्ष की नगरी है , जहां मृत्यु भी एक उत्सव है और जहां देवाधिदेव महादेव महा शमशान मणिकर्णिका घाट पर स्वयं अपने गणों और भक्तों के साथ धधकती चिताओं के बीच चिता भस्म की होली खेलते हैं, ऐसी मान्यता है।

ओडिशा में 12 महीने 13 त्योहार

ओडिशा त्योहारों से भरी भूमि है, एक कहावत है कि, बार मसारे तेरा परब (12 महीनों में 13 त्योहार)

Hanuman Chalisa - Hanuman Chalisa
Aditya Hridaya Stotra - Aditya Hridaya Stotra
×
Bhakti Bharat APP