भक्तमाल | शीतलनाथ भगवान
वास्तविक नाम - शीतलनाथ भगवान
अन्य नाम - श्री शीतलनाथ भगवान
जन्म स्थान - इक्ष्वाकु वंश में भद्दिलपुर
जन्म तिथि - माघ कृष्ण मास की बारहवीं तिथि
भाषाएँ: प्राकृत
पिता - राजा द्रध्रथ
माता - रानी नंदा
प्रसिद्ध - जैन धर्म के वर्तमान समय चक्र में दसवें तीर्थंकर।
प्रतीक: दिगंबर के अनुसार कल्पवृक्ष। श्वेतांबर के अनुसार श्रीवत्स
शीतलनाथ भगवान जैन धर्म में वर्तमान अवसर्पिणी के 10वें तीर्थंकर हैं। उनका नाम "शीतला" शीतलता, शांति और शांति का प्रतीक है, जो उनकी शांत आध्यात्मिक आभा को दर्शाता है। उनका जन्म इक्ष्वाकु वंश के भद्दिलापुर में राजा दृढ़रथ और रानी नंदा के यहाँ हुआ था।
पुष्पदंत भगवान जैन धर्म के नौवें तीर्थंकर हैं।
प्रमुख पहचानकर्ता
तीर्थंकर संख्या: 10
रंग: स्वर्ण
ऊँचाई: 90 धनुष (लगभग 270 फीट, जैन पारंपरिक ग्रंथों में)
आयु: 1,00,000 वर्ष (जैन कालक्रम के अनुसार)
यक्ष-यक्षिणी:
यक्ष: ब्रह्मा
यक्षिणी: मानवी / अशोक
शीतलनाथ भगवान का आध्यात्मिक महत्व
शीतलनाथ भगवान की पूजा मन की शांति, आंतरिक सद्भाव और मानसिक तनाव को दूर करने के लिए की जाती है। भक्तिभारत के अनुसार उनकी शिक्षाएँ अहिंसा, संयम और आध्यात्मिक शुद्धता पर ज़ोर देती हैं। भक्तों का मानना है कि उनका स्मरण करने से मन और आत्मा को शीतलता मिलती है।
शीतलनाथ भगवान की मूर्ति आमतौर पर इस रूप में दिखाई जाती है:
❀ पद्मासन या कायोत्सर्ग मुद्रा
❀ छाती पर श्रीवत्स चिन्ह के साथ
❀ शांत सुनहरी या श्वेत आभा
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