Updated: Jun 22, 2022 00:24 AM |
बारें में | संबंधित जानकारियाँ | यह भी जानें
Daslakshan Parva Date: Begins: Thursday, 1 September 2022
पर्यूषण जैन धर्म का मुख्य पर्व है। जैन धर्म के श्वेतांबर इस पर्व को 8 दिन और दिगंबर संप्रदाय में 10 दिन तक मनाया जाता है। जिन्हें प्रचलित भाषा में दसलक्षण पर्व के नाम से भी संबोधित किया जाता है। जैन धर्म के दस लक्षण निम्न प्रकार हैं:
१) उत्तम क्षमा, २) उत्तम मार्दव, ३) उत्तम आर्जव, ४) उत्तम शौच, ५) उत्तम सत्य, ६) उत्तम संयम, ७) उत्तम तप,८) उत्तम त्याग, ९) उत्तम अकिंचन्य, १०) उत्तम ब्रहमचर्य
पर्यूषण पर्व का मूल उद्देश्य आत्मा को शुद्ध करके आवश्यक विधाओं पर ध्यान केंद्रित करना, पर्यावरण का शोधन करना तथा संत और विद्वानों की वाणी का अनुसरण करना है।
* इस पेज पर दशलक्षण पर्व की तिथियाँ दिगंबर संप्रदाय के अनुसार दी गई हैं, श्वेतांबर संप्रदाय की तिथियाँ पेज पर दी गई तिथियों से भिन्न होंगीं।
संबंधित अन्य नाम | पर्यूषण, सुगंध दशमी, धूप दशमी, सुगंध दशै, धूप दशै |
सुरुआत तिथि | भाद्रपद शुक्ला पञ्चमी |
उत्सव विधि | व्रत, भजन, कीर्तन, दान, झाकियां, सोभा यात्रा, प्रवचन |
Paryushan is the main festival of Jainism. Shvetambara of Jainism is celebrated for 8 days and 10 days in Digambara community.
सुगंध दशै - Sugandh Dashain
पर्व सुगंध दशै दिन जिनवर पूजै अति हरषाई,
सुगंध देह तीर्थंकर पद की पावै शिव सुखदाई ॥
दिगंबर जैन धर्म में सुगंध दशमी का बहुत महत्व है। दसलक्षण पर्व के अंतर्गत भाद्रपद शुक्ल पक्ष में आने वाली दशमी के दिन जैन समाज के सभी लोग सुगंध दशमी पर्व मनाते है। इस व्रत को विधिपूर्वक करने से हमारे अशुभ कर्मों का क्षय होकर हमें पुण्यबंध, मोक्ष तथा उत्तम शरीर प्राप्ति होगी। सुगंध दशमी के दिन पांच पापों यानी हिंसा, झूठ, चोरी, कुशील और परिग्रह का त्याग करें।
सुगंध दशमी के दिन जैन समाज के भक्त जैन मंदिरों में जाकर चौबीस तीर्थंकरों को धूप अर्पित करते हैं और भगवान से प्रार्थना करते हैं, हे भगवान! मैं आपके नाम का ध्यान धरकर मोक्ष प्राप्ति की कामना करता हूं। इससे वायुमंडल अत्यधिक सुगंधमय व स्वच्छ हो जाता है।
दशमी के दिन खास तौर पर सभी मंदिरों में विशेष साज सज्जा के साथ आकर्षक मंडल विधान सजाएं जाते हैं तथा धर्म के बारे में समझाते हुए झांकियों का निर्माण किया जाता है। रात्रि को मदिरों में सुगंध दशमी कथा का वाचन भी किया जाता है। सुगंध दशै को सुगंध दशमी, धूप दशमी तथा धूप दशै के नाम से भी जाना जाता है।
सुगंध दशमी का अर्घ्य
सुगंध दशमी को पर्व भादवा शुक्ल में,
सब इन्द्रादिक देव आय मधि लोक में ।
जिन अकृत्रिम धाम धूप खेवै तहां,
हम भी पूजत आह्वान करिकै यहां ॥
क्षमा वाणी दिवस - Kshama Vani Diwas
पर्युषण के अंतिम दिन अनंत चतुर्दशी का त्यौहार मनाया जाता है। और उसके अगले दिन सभी व्यक्ति एक दूसरे से क्षमा माँगते हैं, यह दिन क्षमा दिवस के नाम से जाना जाता हैं। इसमें सभी जाने अनजाने होने वाली गलतियों के लिए सभी मनुष्य, जीव-जन्तुओ, पशु-पक्षियों से क्षमा मांगता हैं। क्षमा मांगना एवम करना यह दोनों ही धर्मो में श्रेष्ठ माने जाते हैं।
क्षमावाणी सन्देश:
करबद्ध हैं नमन
मित्र सखा सभी जीवंत
हो अगर भूल कोई मुझसे
तो क्षमाप्रार्थी हूँ मैं सबसे
यह अनमोल भेंट देकर मुझे
कृतज्ञ करे इस जीवन मैं
उत्तम क्षमा
संबंधित जानकारियाँ
आगे के त्यौहार(2022)
Begins: 1 September 2022End: 9 September 2022
सुरुआत तिथि
भाद्रपद शुक्ला पञ्चमी
समाप्ति तिथि
भाद्रपद शुक्ला चतुर्दशी
उत्सव विधि
व्रत, भजन, कीर्तन, दान, झाकियां, सोभा यात्रा, प्रवचन
पिछले त्यौहार
11 September 2021 - 19 September 2021
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दशलक्षण पर्व 2022 तिथियाँ
Festival | Date |
Begins | 1 September 2022 |
End | 9 September 2022 |