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🔱त्रयोदशी व्रत - Trayodashi Vrat

Trayodashi Vrat Date: Ashadha: Friday, 16 June 2023
Trayodashi Vrat

त्रयोदशी व्रत साल मे 12/13 बार आने वाला मासिक व्रत का त्यौहार है, अतः इस व्रत को मासिक शिवरात्रि भी कहा जाता है। जोकि अमावस्या से पहिले कृष्णपक्ष की त्रियोदशी के दिन आता है। मासिक शिवरात्रियों में से दो सबसे अधिक प्रसिद्ध हैं, फाल्गुन त्रियोदशी महा शिवरात्रि के नाम से प्रसिद्ध है और दूसरी सावन शिवरात्रि के नाम से जानी जाती है। यह त्यौहार भगवान शिव-पार्वती को समर्पित है, इस दिन भक्तभगवान शिव के प्रतीक शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाते हैं।

यह लोकप्रिय हिंदू व्रत भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है। कोई भी व्रत या पूजा तभी उत्तम फल देती है जब उसे सही विधि से किया जाता है। तो आइए जानते हैं क्या है त्रयोदशी व्रत करने की सही विधि और अनुष्ठान।

संबंधित अन्य नाममासिक शिवरात्रि, त्रयोदशी
सुरुआत तिथिकृष्णा त्रयोदशी
कारणभगवान शिव का पसंदीदा दिन।
उत्सव विधिव्रत, पूजा, व्रत कथा, भजन-कीर्तन, गौरी-शंकर मंदिर में पूजा, रुद्राभिषेक।

Trayodashi Vrat in English

There are usually twelve or thirteen Trayodashi Vrat in a year that falls on the day of Triyodashi before the new moon.

त्रयोदशी व्रत कब है? - Trayodashi Vrat Kab Hai?

आषाढ कृष्ण त्रयोदशी - बुधवार, 17 जून 2023
त्रयोदशी तिथि : 15 जून 2023 8:32 AM - 16 जून 2023 8:39 AM

त्रयोदशी व्रत की पूजा विधि क्या है?

❀ त्रयोदशी तिथि पर सुबह उठकर स्नान करें और सफ़ेद रंग के वस्त्र धारण करें।
❀ भगवन के सामने द्वीप प्रज्वलित कर व्रत का संकल्प लिया जाता है ।
❀ पूरे दिन उपवास करने के बाद प्रदोष काल में किसी मंदिर में जाकर पूजा करनी चाहिए।
❀ यदि आप मंदिर नहीं जा सकते हैं तो पूजा स्थल या घर के साफ-सुथरे स्थान पर शिवलिंग स्थापित करके पूजा करनी चाहिए।
❀ शिवलिंग पर दूध, दही, शहद, घी, बेलपत्र और गंगाजल से अभिषेक करना चाहिए।
❀ पूजा और अभिषेक के दौरान शिव जी के पंचाक्षरी मंत्र नमः शिवाय का जाप करते रहें।

शिवतेरश

हिंदू पंचांग के अंतर्गत प्रत्येक माह के तेरहवें दिन को संकृत भाषा में त्रियोदशी कहा जाता है। और प्रत्येक माह में कृष्ण और शुक्ल दो पक्ष होते हैं अतः त्रियोदशी एक माह में दो वार आती है। परंतु कृष्ण पक्ष के तेरहवें दिन आने वाली त्रियोदशी भगवान शिव की अति प्रिय है। भगवान शिव के प्रिय होने के कारण इस तिथि को शिव के साथ जोड़ कर साधारण भाषा में शिवतेरश कहा जाने लगा।

संबंधित जानकारियाँ

आगे के त्यौहार(2023)
Ashadha: 16 June 2023Sawan Shivaratri: 15 July 2023Shravana (Adhik Mas): 14 August 2023Bhadrapada: 13 September 2023Ashwina: 12 October 2023Kartika: 11 November 2023Margashirsha: 11 December 2023
आवृत्ति
मासिक
समय
1 दिन
सुरुआत तिथि
कृष्णा त्रयोदशी
महीना
हर महीने की कृष्ण त्रयोदशी
मंत्र
ॐ नमः शिवायः, बोल बम, बम बम, बम बम भोले, हर हर महादेव
कारण
भगवान शिव का पसंदीदा दिन।
उत्सव विधि
व्रत, पूजा, व्रत कथा, भजन-कीर्तन, गौरी-शंकर मंदिर में पूजा, रुद्राभिषेक।
महत्वपूर्ण जगह
सभी ज्योतिर्लिंग, ऋषिकेश, पशुपतिनाथ, श्री शिव मंदिर।
पिछले त्यौहार
Jyeshtha: 17 May 2023, Vaishakha: 18 April 2023, Chaitra: 20 March 2023, Maha Shivaratri: 18 February 2023, Magha: 20 January 2023, Pausha: 21 December 2022
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Trayodashi Vrat 2023 तिथियाँ

FestivalDate
Ashadha16 June 2023
Sawan Shivaratri15 July 2023
Shravana (Adhik Mas)14 August 2023
Bhadrapada13 September 2023
Ashwina12 October 2023
Kartika11 November 2023
Margashirsha11 December 2023
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