शिवरात्रि, सावन के सोमवार, सोमवर, सोलह सोमवर, काँवड़, सावन के महिने मे अत्यधिक प्रयोग मे आने वाले शिव, शंकर, भोले, भोलेनाथ, महादेव एवं महाकाल के प्रसिद्ध भजन।
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बिना राम रघुनंदन के, कोई नहीं है अपना रे, जहाँ राम है सच वही, बाकी जगत इक सपना रे, सदा राम रहे राज़ी मुझसे,
कर्म वही मुझे करना है, जहां धर्म है वही राम, मन राम रंग ही रंगना है, बोलो राम जय सिया राम, जय रघुनंदन जय सियाराम ॥