प्राचीन मराठा काल से, नासिक की ग्राम देवी के रूप में माँ काली का यह बाल रूप श्री कालिका देवी मंदिर में विराजमान है। उस समय यह मंदिर सर्व प्रथम जंगल में स्थापित किया गया था। मंदिर का जीर्णोद्धार सन् 1705 को श्रीमंत अहिल्याबाई होल्कर द्वारा किया गया था। उस समय यह मंदिर एक कुएँ के साथ 10*10 वर्ग फुट और 15 फीट ऊंचा था।
अतीत में यह मंदिर शहर के विकास के साथ शहर के मध्य भाग में आया, और देखते ही देखते, आज यह मंदिर लोगों के बीच पूजा का एक प्रमुख स्थान बन गया। अतः आज-कल माता के लाखों भक्त दर्शन हेतु यहाँ पधारते है।

Maa Laxmi, Maa Kaali, Maa Sarswati

Yagyashala, Shiv, Entry twords main temple

In to out, Daan Patra

Towards Garbh Grah, Daan Patra, Office

Main Pratima, Maa Laxmi, Maa Kali, Maa Sarswati

Full outer view, Yagyashala, Shikhar

Bhakti Niwas, Guest House, Dharmshala

Main Shikhar, Peepal Tree

Shikhar, Side full view

Black stone deep mala
Maratha Period
मंदिर की प्रथम आधारशिला मराठा काल मे हुई थी।
1705
श्रीमंत अहिल्याबाई होल्कर द्वारा पहला नवीकरण।
1974
मंदिर ट्रस्ट द्वारा प्रथम नवीनीकरण।
1981
पहिले आधुनिक नवीनीकरण का समापन।
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