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👑देवनारायण जयंती - Devnarayan Jayanti

Devnarayan Jayanti Date: Tuesday, 4 February 2025
देवनारायण जयंती

लोक देवता भगवान विष्णु के अवतार श्री देवनारायण जी की जयंती गुर्जर एवं सर्व समाज के श्रद्धालुओं द्वारा प्रतिवर्ष पूरे देश में बड़ी धूमधाम से माघ मास के शुक्ल पक्ष में सूर्य सप्तमी को श्री देवनारायण जयंती मनाई जाती है। इस अवसर पर देश के कोने-कोने में राष्ट्रीय स्तर पर झाँकी, शोभायात्रा, आरती और भंडारे जैसे कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इस उत्सव में सभी क्षेत्रों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु भाग लेते हैं।

देवनारायण जयंती कैसे मनाई जाती है?
❀ गुर्जर समाज के देवता देवनारायण भगवान की जयंती पर गुर्जर समाज के लोग एक दिन का उपवास रखते हैं।
❀ बाबा के दरबार में महिलाएं चूरमा चढ़ाते हैं।
❀ शाम को देवनारायण जी के मंदिर में महाआरती कर प्रसाद वितरण किया जाता है।
❀ रात्रि में भजन संध्या का आयोजन किया जाता है, इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु भी उपस्थित रहते हैं।

संबंधित अन्य नामShri Devnarayan Jayanti, Magh Maas Shukla Paksha, Surya Saptami, Bhagwan Vishnu
शुरुआत तिथिमाघ शुक्ल सप्तमी
कारणभगवान श्री देवनारायण जयंती
उत्सव विधिभजन कीर्तन, झांकी,आरती,भंडारे

Devnarayan Jayanti in English

Shri Devnarayan Jayanti, the birth anniversary of Shri Devnarayan ji, an incarnation of Bhagwan Vishnu, is celebrated every year on Magh Maas Shukla Paksha Surya Saptami with great fanfare in the whole country by the devotees of Gurjar and Sarva Samaj. On this occasion, many programs like Jhanki, Shobhayatra, Aarti and Bhandare are organized at the national level in every corner of the country. A large number of devotees from every corner participate in this festival.

कौन हैं देव नारायण जी?

भगवान श्री देवनारायण, भगवान विष्णु के अवतार, कलयुग के अवतार हैं, उन्होंने हमेशा अपनी शक्तियों का उपयोग लोगों के कल्याण के लिए किया और हमेशा उनकी मदद की। उनके सुविचारों, आदर्श शासन, समता, अहिंसा, शांति के संदेश प्रचार करते थे।

देवनारायण को गुर्जर समाज में भगवान के रूप में मान्यता प्राप्त है। स्थानीय लोगों के अनुसार जब देवनारायण को ज्ञान की प्राप्ति हुई तो उन्होंने अपने जीवनकाल में कई चमत्कार भी दिखाए। इसी बीच जब धार के राजा जयसिंह की पुत्री पीपलदे बहुत बीमार हो गई थी, तब देवनारायण ने अपनी शक्तियों से उसे ठीक किया। जिसके बाद रजामंदी से राजा जयसिंह ने उसकी शादी अपने साथ करा दी। माना जाता है कि देवनारायण ने सूखी नदी से पानी निकाला था। कहा जाता है कि भगवान विष्णु की पूजा करने के बाद देवनारायण को ज्ञान और शक्तियां प्राप्त हुईं, जिनका इस्तेमाल उन्होंने लोक कल्याण के लिए किया। यही कारण है कि उस समय से लेकर आज तक उन्हें विशेष रूप से गुर्जर समुदाय द्वारा भगवान के रूप में पूजा जाता है और उन्हें लोक देवता माना जाता है।

कहा जाता है कि भगवान कृष्ण की तरह देवनारायण भी गायों के रक्षक थे। प्रतिदिन प्रात:काल उठकर देवनारायण जी गौ माता के दर्शन करते थे उसके बाद ही वे आगे का कोई कार्य करते थे। लोक कथाओं के अनुसार देवनारायण ने अपने अनुयायियों से हमेशा गायों की रक्षा करने को कहा था।

संबंधित जानकारियाँ

भविष्य के त्यौहार
25 January 202613 February 2027
आवृत्ति
वार्षिक
समय
1 दिन
शुरुआत तिथि
माघ शुक्ल सप्तमी
महीना
जनवरी / फ़रवरी
कारण
भगवान श्री देवनारायण जयंती
उत्सव विधि
भजन कीर्तन, झांकी,आरती,भंडारे
महत्वपूर्ण जगह
राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश
पिछले त्यौहार
16 February 2024
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