बर्फानी बाबा तेरी जय जैकार - भजन (Barfani Baba Teri Jai Jaikar)


बर्फानी बाबा तेरी जय जैकार
चाहे दिन हो चाहे रात हो
इस मन में बस तेरी बात हो
यही गाऊँ बार बार,
बर्फानी बाबा तेरी जय जैकार
जिस मन में तेरी जोत जगे तुम उसके भाग जगाते हो
नैय्या हो टूटी फूटी फिर भी तुम पार लगाते हो
नहीं फ़िक्र उसे किसी भंवर का
जिसके तुम पतवार,
बर्फानी बाबा तेरी जय जैकार

जटा में तेरे पावन गंगा सृष्टि का उद्धार करे
तेरी शरण में आकर जो इस धरा में इशनान करे
नाश करे उसके पापों का
करदे भव से पार,
बर्फानी बाबा तेरी जय जैकार

धरती तुम हो अम्बर तुम हो तुम ही तो पाताल हो
कालचक्र है तुम्ही से बाबा क्योकि तुम महाकाल हो
ऋषि मुनि सब कहते तुमको
सृष्टि का आधार
बर्फानी बाबा तेरी जय जैकार

श्रद्धा और विश्वास जहां वो कंकर में भी शंकर पाते
प्यार से इक आवाज़ दो शिव की दौड़े दौड़े शंकर आते
मन की कली भी खिल जाती है
तार से मिल जाए तार
बर्फानी बाबा तेरी जय जैकार
Barfani Baba Teri Jai Jaikar - Read in English
Barfani Baba Teri Jai Jaikar, Chahe Din Ho Caahe Raat Ho, Is Maan Mein Bas Teri Baat Ho, Yahi Gaoon Baar Baar,, Barfani Baba Teri Jai Jaikar
Bhajan Barfani Baba BhajanShiv BhajanBholenath BhajanMahadev BhajanShivaratri BhajanMonday BhajanSomvar BhajanSolah Somvar BhajanJyotirling BhajanShiv Vivah BhajanBhagwan Shiv BhajanShiv Ji Bhajan Bhajan
अगर आपको यह भजन पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!


* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

नवीनतम भजन ›

हम वन के वासी, नगर जगाने आए: भजन

हम वन के वासी, नगर जगाने आए, सीता को उसका खोया, माता को उसका खोया, सम्मान दिलाने आए, हम वन कें वासी, नगर जगाने आए ॥

जन्मे अवध में, दशरथ के ललना: भजन

जन्मे अवध में, दशरथ के ललना, बाजे शंख और नगाड़े, कौशल्या अंगना, जन्में अवध में, दशरथ के ललना ॥

मन भजले पवनसुत नाम, प्रभु श्री राम जी आएंगे: भजन

मन भजले पवनसुत नाम, प्रभु श्री राम जी आएंगे, तेरा बिगड़ा बनाने हर काम, प्रभु श्री राम जी आएंगे

बजरंग के आते आते कही भोर हो न जाये रे: भजन

बजरंग के आते आते कही भोर हो न जाये रे, ये राम सोचते हैं, श्री राम सोचते हैं।

मन नो मोरलियो रटे: भजन

मन नो मोरलियो, रटे तारु नाम, म्हारी झोपड़िये, आवो म्हारा राम, एक वार आवी पुर, हईया केरी हाम, म्हारी झोपड़िये, आवो म्हारा राम ॥