Shri Hanuman Bhajan

🔱प्रथम श्रावण सोमवार व्रत - First Shravan Monday Vrat

Sawan Ke Somwar Date: Monday, 14 July 2025
प्रथम श्रावण सोमवार व्रत

हिंदू धर्म के अनुसार, श्रावण को शिवत्व के अनुरूप वर्ष का सबसे पवित्र महिना माना जाता है, तथा साप्ताहिक दिन सोमवार को शिव की उपासना का दिन माना गया है। इस प्रकार श्रावण माह के सोमवार की महत्ता और भी अधिक होजाती है।

श्रावण को साधारण बोल-चाल की भाषा मे सावन कहा जाता है, अतः सावन के सोमवार भगवान शिव के सबसे प्रिय दिन माने जाते हैं। सावन के सोमवार को ऐसे भी परिभाषित किया जा सकता है, हिंदू कैलेंडर के महिने श्रावण के दौरान आने वाले साप्ताहिक दिन सोमवार के त्यौहार।

नेपाल, उत्तराखण्ड और हिमाचल प्रदेश के कुछ भागों में श्रावण माह कर्क संक्रांति से प्रारम्भ हो जाता है।

श्रावण 2025
भगवान शिव को समर्पित श्रावण या सावन का महीना शुक्रवार, 11 जुलाई 2025 से शुरू होगा और 9 अगस्त 2025 को समाप्त होगा।

संबंधित अन्य नामश्रावण सोमवार, सावन सोमवार व्रत, सोलह सोमवार, 16 सोमवार
शुरुआत तिथिश्रावण का साप्ताहिक दिन सोमवार
कारणभगवान शिव का प्रिय महीना
उत्सव विधिव्रत, अभिषेकम, भजन-कीर्तन

First Shravan Monday Vrat in English

As per Hindu religion, the Sawan is considered holiest month of the year. And Sawan Ke Somwar are most favorable day of Bhagwan Shiva.

सावन के सोमवार की सूची

राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखण्ड, छत्तीसगढ़, बिहार और झारखण्ड
प्रथम श्रावण सोमवार व्रत: 14 जुलाई 2025 [श्रावण सोमवार प्रारम्भ]
द्वितीय श्रावण सोमवार व्रत: 21 जुलाई 2025
तृतीय श्रावण सोमवार व्रत: 28 जुलाई 2025
चतुर्थ श्रावण सोमवार व्रत: 4 अगस्त 2025 [श्रावण सोमवार समाप्त]

आन्ध्र प्रदेश, तेलंगाना, गोवा, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक और तमिलनाडु
प्रथम श्रावण सोमवार व्रत: 14 जुलाई 2025 [श्रावण सोमवार प्रारम्भ]
द्वितीय श्रावण सोमवार व्रत: 21 जुलाई 2025
तृतीय श्रावण सोमवार व्रत: 28 जुलाई 2025
चतुर्थ श्रावण सोमवार व्रत: 4 अगस्त 2025 [श्रावण सोमवार समाप्त]

नेपाल, उत्तराखण्ड और हिमाचल प्रदेश के कुछ भाग
प्रथम श्रावण सोमवार व्रत: 14 जुलाई 2025 [श्रावण सोमवार प्रारम्भ]
द्वितीय श्रावण सोमवार व्रत: 21 जुलाई 2025
तृतीय श्रावण सोमवार व्रत: 28 जुलाई 2025
चतुर्थ श्रावण सोमवार व्रत: 4 अगस्त 2025 [श्रावण सोमवार समाप्त]

सोलह सोमवार

प्रमुखतया कुछ भक्त सावन के सोमवार व्रतों को सावन के बाद तक भी जारी रखते हैं, एसे भक्त सावन के प्रथम सोमवार से प्रारंभ करते हुए लगातार सोलह(१६) और सोमवारों को यह व्रत जारी रखते हैं। इस प्रक्रिया को सोलह सोमवार उपवास के नाम से जाना जाने लगा।

सावन सोमवार का महत्व

सावन सोमवार भगवान शिव की पूजा के लिए समर्पित है। सावन के महीने में भक्त हर सोमवार का व्रत रखते हैं और सावन का महीना सबसे शुभ महीना माना जाता है। भगवान शिव को सोमनाथ या सोमेश्वर के नाम से भी जाना जाता है। सोमवार शब्द चंद्रमा से जुड़ा है और सोम का अर्थ चंद्र होता है। भगवान शिव की कई महिला भक्त सोलह सोमवार की शुरुआत पहले सवाम सोमवार से करती हैं और वे इसे 16 सोमवार पूरे होने तक जारी रखती हैं।

पौराणिक कथाओं के अनुसार, श्रावण मास के दौरान भगवान शिव अपने ससुराल जाते हैं और देवी पार्वती के साथ वहीं रहते हैं। एक बार भगवान शिव ने प्रजापति दक्ष को वचन दिया कि वे श्रावण मास में उनके यहाँ आयेंगे और पूरे मास वहीं रहेंगे। इसीलिए श्रावण मास के दौरान बड़ी संख्या में भक्त दक्षेश्वर महादेव मंदिर आते हैं और भगवान शिव की पूजा-अर्चना करते हैं।

सावन का महीना उन भक्तों के लिए शुभ माना जाता है जो अविवाहित हैं। ऐसा माना जाता है कि जो भक्त श्रावण मास के दौरान पूरी श्रद्धा और समर्पण के साथ भगवान शिव की पूजा करते हैं, उन्हें मनचाहा जीवनसाथी मिलता है या मनचाही इच्छा पूरी होती है। भगवान शिव को भोलेनाथ के नाम से जाना जाता है और भोलेनाथ हमेशा भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं।

सावन सोमवार पूजा अनुष्ठान

1. सावन सोमवार के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।
2. घर में भगवान शिव का स्मरण करके घी का दीया जलाएं।
3. मंदिर जाएं और भगवान शिव की पूजा करें। जलाभिषेक करें और पंचामृत से अभिषेक करें और फिर से जलाभिषेक करें।
4. बेल पत्र, भांग, धतूरा, लाल या सफेद फूलों की माला, कोई फल और मिठाई चढ़ाएं।
5. महामृत्युंजय मंत्र या पंचाक्षर मंत्र का जाप करें और फिर घी का दीया जलाएं और आरती करें।
6. जो लोग सात्विक भाव एवं नियमों से भगवान की पूजा, स्तुति करते हैं उन्हें मनवांछित फल प्राप्त होता है। इन व्रतों में सफेद वस्त्र धारण करके सफेद चंदन का तिलक लगाना ही पूजनीय है तथा सफेद वस्त्र के दान की ही सबसे बड़ी महिमा है।
7. अपने इच्छित संकल्प के अनुसार व्रत करके अपना संकल्प उद्यापन करना चाहिए।

सावन सोमवार मंत्र

ओम नम: शिवाय,’ के अतिरिक्त चन्द्र बीज मंत्र ‘ओम श्रां श्रीं श्रौं स: चन्द्रयसे नम:’ और चन्द्र मूल मंत्र ‘ओम चं चन्द्रमसे नम:’ आदि मंत्र सावन सोमवार के दिन उच्चारण करें।

मान्यता है कि सावन के सोमवार का व्रत और पूजा करने से जीवन की सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं।

संबंधित जानकारियाँ

आगे के त्यौहार(2025)
14 July 202521 July 202528 July 20254 August 2025
आवृत्ति
साप्ताहिक दिन सोमवार - वार्षिक
समय
1 दिन
शुरुआत तिथि
श्रावण का साप्ताहिक दिन सोमवार
समाप्ति तिथि
श्रावण का साप्ताहिक दिन सोमवार
महीना
जुलाई / अगस्त / सितंबर
कारण
भगवान शिव का प्रिय महीना
उत्सव विधि
व्रत, अभिषेकम, भजन-कीर्तन
महत्वपूर्ण जगह
शिव ज्योतिर्लिंग, पशुपतिनाथ, नीलकंठ, बटेश्वर धाम, शिव मंदिर
पिछले त्यौहार
Fifth Monday (South India) : 2 September 2024, Fourth Monday (South India) : 26 August 2024, Fifth Monday : 19 August 2024, Fourth Monday : 12 August 2024, Third Monday : 5 August 2024, Second Monday : 29 July 2024, First Monday : 22 July 2024, Eighth Monday : 28 August 2023, Seventh Monday : 21 August 2023, Sixth Monday (Adhik Mas) : 14 August 2023, Fifth Monday (Adhik Mas) : 7 August 2023, Fourth Monday (Adhik Mas) : 31 July 2023, Third Monday (Adhik Mas) : 24 July 2023, Second Monday : 17 July 2023, First Monday : 10 July 2023
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प्रथम श्रावण सोमवार व्रत 2025 तिथियाँ

FestivalDate
प्रथम श्रावण सोमवार व्रत14 July 2025
द्वितीय श्रावण सोमवार व्रत21 July 2025
तृतीय श्रावण सोमवार व्रत28 July 2025
चतुर्थ श्रावण सोमवार व्रत4 August 2025
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