दिखा दे थारी सुरतियाँ - भजन (Dikha de Thari Suratiya)


श्याम सलोनो प्यारो म्हारो, मैं लुल लुल जावा
मन को मोर्यो नाचन लाग्यो झूम झूम गावा ,
थारो दर्शन पाणे खातिर उड़ गयी आख्या श्यु निंदा
मत तरसावो बाबा श्याम आजा हिंडो हिंडा
दिखा दे थारी सुरतिया दिखा दे थारी सुरतिया
चान्दारुण की दचिण दिशा में बाबा आप बिराजो
उत्तर में शिवनाथ बिराजे शिवालय रे माहि
बिच बाज़ार में गणपति सोहे लडूवन भोग लगावे

फागन रा महिना में बाबा थारे मंदिर आवा
मेवा मिश्री सागे ल्यावा थारे भोग लगावा
भोले शंकर ने ल्यावो तो गांजो भांग मंगावा

लाल गुलाबी गुलाल उड़त है श्याम नगर के माहि
स्वर्ग से सुन्दर लागे म्हाने खाटू नगरी के माहि
रंग रंगीलो फागन आयो भक्ता के मन भायो

यु तो म्हारा खाटू नरेश ने बिगड़ी सब की बनाई
एक सहारा श्याम हमारा सूरत थारी बसाई
वेद व्यास की अर्जी सुन्ल्यो बेडो पार लगाद्यो
Bhajan Shri Krishna BhajanBrij BhajanBaal Krishna BhajanBhagwat BhajanJanmashtami BhajanLaddu Gopal BhajanRadhashtami BhajanPhalguna BhajanIskcon BhajanShri Shyam BhajanVed Prakash Vyas Bhajan
अगर आपको यह भजन पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!


* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

नवीनतम भजन ›

ओ गंगा तुम, गंगा बहती हो क्यूँ - भजन

करे हाहाकार निःशब्द सदा, ओ गंगा तुम, गंगा बहती हो क्यूँ?

मैं तो संग जाऊं बनवास, स्वामी - भजन

मैं तो संग जाऊं बनवास, स्वामी ना करना निराश, पग पग संग जाऊं जाऊं बनवास...

ॐ शंकर शिव भोले उमापति महादेव - भजन

ॐ शंकर शिव भोले उमापति महादेव, पालनहार परमेश्वर, विश्वरूप महादेव, महादेव, महादेव...

शिव स्तुति: आशुतोष शशाँक शेखर

आशुतोष शशाँक शेखर, चन्द्र मौली चिदंबरा, कोटि कोटि प्रणाम शम्भू..

शिव भजन

शिवरात्रि, सावन के सोमवार, सोमवर, सोलह सोमवर, काँवड़, सावन मे शिव, शंकर, भोले, भोलेनाथ, महादेव एवं महाकाल के प्रसिद्ध भजन..