👩‍👦अहोई अष्टमी - Ahoi Ashtami

Ahoi Ashtami Date: Sunday, 25 October 2026

हिंदू कैलेंडर के अनुसार कार्तिक माह में कृष्ण पक्ष के दौरान दीवाली से 8 दिन पहले अहोई अष्टमी मनाई जाती है। यह करवा चौथ त्योहार के समान ही काफी अनुशासित व्रत के साथ मनाई जाती है, लेकिन यह अहोई अष्टमी त्योहार विशेष रूप माँ द्वारा बेटों के लिए मनाया जाता है। माताएँ, माँ अहोई (माँ दुर्गा का रूप) की पूजा करतीं हैं और अपने बच्चों की लंबी उम्र और समृद्धि के लिए उपवास करतीं हैं।

अहोई अष्टमी व्रत में आकाश के एक तारे का ही बहुत महत्व है, क्योंकि माताएँ आकाश में एक तारे को ही देखकर व्रत का समापन कर देतीं हैं।

संबंधित अन्य नामअहोई आठें
शुरुआत तिथिकार्तिक कृष्णा अष्टमी
कारणअपने बच्चों की लंबी उम्र और समृद्धि के लिए।
उत्सव विधि व्रत, भजन, कीर्तन।
Read in English - Ahoi Ashtami
Ahoi Ashtami is usually celebrated before 8 days of Diwali during the Krishna Paksha in the Kartik month as per the Hindu calendar.

अहोई व्रत शुभ मुहूर्त

13 October 2025
अष्टमी तिथि - 13 अक्टूबर 2025

❀ अहोई अष्टमी सोमवार, अक्टूबर 13, 2025
❀ अहोई अष्टमी पूजा मुहूर्त - 13 अक्टूबर, शाम 6:14 बजे से शाम 7:27 बजे तक है।
❀ अहोई अष्टमी व्रत तिथि: अष्टमी तिथि आरंभ: 13 अक्टूबर, 2025 12:24 PM - अष्टमी तिथि समाप्त: 14 अक्टूबर, 2025 11:09 AM।
❀ अहोई अष्टमी पूजा पर तारों को देखने के लिये साँझ का समय 6:25 PM सबसे उपयुक्त है।
❀ अहोई अष्टमी के दिन चन्द्रोदय समय लगभग 11:56 अपराह्न से 12:03 पूर्वाह्न (मध्यरात्रि, 14 अक्टूबर) है।

अहोई अष्टमी के अनुष्ठान

अहोई आठें के दिन, माँ अहोई की पूजा की जाती है और सुबह-सुबह पूजा की तैयारी के लिए सूर्योदय से पहले स्नान करते है। अहोई माता की लाल स्याही वाली एक तस्वीर जिसमें सभी सात बेटों और चंद्रमा / सूर्य को चित्रित किया गया हो, को घर की दीवार पर लगाते हैं, या गेरु से भी यह चित्र बना सकते हैं। मिट्टी से बने पानी के वर्तन को विग्रह के पास रखते हैं।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में, माताएँ अहोई माता की चाँदी से बनी माला में प्रतिवर्ष 2 मनके (मोती) पिरोती हैं, इस प्रकार महिलाएँ अपनी संतान की आयु अहोई माता के अनुरूप परिभाषित करतीं है।

❀ अहोई आठें का व्रत मुख्य रूप से घर में बच्चे के कल्याण तथा लंबी उम्र के लिए किया जाता है। एक माँ पूरे दिन निर्जला* व्रत करती है। शाम को माता अहोई को फल और मीठे व्यंजन भेंट कर उनकी पूजा-अर्चना करतीं हैं। जब आसमान में एक तारा दिखाई दे, तो करवे के शुद्ध पानी को उसपर अर्पित करतीं हैं। माताएँ अपने बच्चे के हाथ से पानी पीकर व्रत खत्म करतीं हैं।

❀अहोई अष्टमी करवा चौथ की तरह अधिक लोकप्रिय नहीं है, परंतु यह त्यौहार माँ और बच्चे के बीच के प्यार और स्नेह को परिभाषित करता है।

* पानी और भोजन की बिना उपभोग किए व्रत को निर्जाला कहा जाता है।

अहोई अष्टमी कथा

प्राचीन काल में किसी नगर में एक साहूकार रहता था। उसके सात लड़के थे। दीपावली से पहले साहूकार की स्त्री घर की लीपापोती हेतु मिट्टी लेने खदान में गई और कुदाल से मिट्टी खोदने लगी.. संपूर्ण कथा पढ़ें

संबंधित जानकारियाँ

भविष्य के त्यौहार
आवृत्ति
वार्षिक
समय
1 दिन
शुरुआत तिथि
कार्तिक कृष्णा अष्टमी
समाप्ति तिथि
कार्तिक कृष्णा अष्टमी
महीना
अक्टूबर / नवंबर
कारण
अपने बच्चों की लंबी उम्र और समृद्धि के लिए।
उत्सव विधि
व्रत, भजन, कीर्तन।
महत्वपूर्ण जगह
घर, मंदिर।
पिछले त्यौहार
13 October 2025, 24 October 2024

Updated: Oct 09, 2025 16:33 PM

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