Shri Hanuman Bhajan
Follow Bhakti Bharat WhatsApp Channel - Follow Bhakti Bharat WhatsApp ChannelDownload APP Now - Download APP NowDurga Chalisa - Durga ChalisaRam Bhajan - Ram Bhajan

सर्व भयानक रोग नाशक मंत्र (Sarv Bhayanak Rog Nashak Mantra)


सर्व भयानक रोग नाशक मंत्र
यह मंत्र जैन समाज के प्रसिद्ध भक्तामर स्तोत्र का 45वाँ मंत्र है जिसके श्रवण एवं जाप से भयंकर जलोदर रोगों का नाश होता है। अतः इस मंत्र को रोग-उन्मूलन मंत्र भी कहा जाता है।
उद्भूत-भीषण-जलोदर-भार-भुग्नाः,
शोच्यां दशा-मुपगताश्-च्युत-जीविताशाः ।
त्वत्पाद-पंकज-रजो-मृत-दिग्ध-देहाः,
मर्त्या भवन्ति मकर-ध्वज-तुल्य-रूपाः ॥

हिन्दी भावार्थ:
उत्पन्न हुए भीषण जलोदर रोग के भार से झुके हुए, शोभनीय अवस्था को प्राप्त और नहीं रही है जीवन की आशा जिनके, ऐसे मनुष्य आपके चरण कमलों की रज रुप अम्रत से लिप्त शरीर होते हुए कामदेव के समान रुप वाले हो जाते हैं।

मंत्र: रोग-व्याधि सभी दूर करने हेतु | रोग-उन्मूलन मंत्र

Sarv Bhayanak Rog Nashak Mantra in English

This Mantra is the 45th Mantra of the famous Bhaktamar Stotra of the Jain Sampraday | Sarv Bhayanak Rog Nashak Mantra | disease-eradication(Rog Unmoolan) mantra.
यह भी जानें

Mantra Rog Nashak MantraSarv Rog Nashak MantraJain MantraJainism MantraDaslakshan Parva MantraParyushana MantraJain Samaj MantraBhaktamar Stotra Mantra

अगर आपको यह मंत्र पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस मंत्र को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

श्री दुर्गा देवी स्तोत्रम्

श्री युधिष्ठिर विरचितं | श्रीगणेशाय नमः । श्री दुर्गायै नमः । नगरांत प्रवेशले पंडुनंदन । तो देखिले दुर्गास्थान । धर्मराज करी स्तवन । जगदंबेचे तेधवा ॥

गुरु पादुका स्तोत्रम्

श्री गुरु पादुका स्तोत्रम् ॥ अनंतसंसार समुद्रतार नौकायिताभ्यां गुरुभक्तिदाभ्याम् । वैराग्यसाम्राज्यदपूजनाभ्यां नमो नमः श्रीगुरुपादुकाभ्याम् ॥..

श्री गुरु अष्टकम

शरीरं सुरुपं तथा वा कलत्रं, यशश्चारू चित्रं धनं मेरुतुल्यम्। मनश्चेन्न लग्नं गुरोरंघ्रिपद्मे, ततः किं ततः किं ततः किं ततः किम्..

भगवान परशुराम के 108 नाम

1. ॐ रामाय नमः । 2. ॐ राजाटवीवह्नये नमः । 3. ॐ रामचन्द्रप्रसादकाय नमः । 4. ॐ राजरक्तारुणस्नाताय नमः । 5. ॐ राजीवायतलोचनाय नमः । 6. ॐ रैणुकेयाय नमः।

विष्णु सहस्रनाम

भगवान श्री विष्णु के 1000 नाम! विष्णुसहस्रनाम का पाठ करने वाले व्यक्ति को यश, सुख, ऐश्वर्य, संपन्नता...

वक्रतुण्ड महाकाय - गणेश मंत्र

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥

श्री हनुमान स्तवन - श्रीहनुमन्नमस्कारः

प्रनवउँ पवनकुमार खल बन पावक ज्ञानघन ।.. गोष्पदी कृत वारीशं मशकी कृत राक्षसम् ।..

Hanuman Chalisa - Hanuman Chalisa
Durga Chalisa - Durga Chalisa
×
Bhakti Bharat APP