Hanuman Chalisa
Sawan 2024 - Hanuman Chalisa - Follow Bhakti Bharat WhatsApp Channel - Hanuman Chalisa -

आरती श्री वृषभानुसुता - राधा आरती (Radha Aarti: Aarti Shri Vrashbhanusuta Ki)


आरती श्री वृषभानुसुता - राधा आरती
आरती श्री वृषभानुसुता की,
मंजुल मूर्ति मोहन ममता की ॥
त्रिविध तापयुत संसृति नाशिनि,
विमल विवेकविराग विकासिनि ।
पावन प्रभु पद प्रीति प्रकाशिनि,
सुन्दरतम छवि सुन्दरता की ॥
॥ आरती श्री वृषभानुसुता की..॥

मुनि मन मोहन मोहन मोहनि,
मधुर मनोहर मूरति सोहनि ।
अविरलप्रेम अमिय रस दोहनि,
प्रिय अति सदा सखी ललिता की ॥
॥ आरती श्री वृषभानुसुता की..॥

संतत सेव्य सत मुनि जनकी,
आकर अमित दिव्यगुन गनकी ।
आकर्षिणी कृष्ण तन मनकी,
अति अमूल्य सम्पति समता की ॥
॥ आरती श्री वृषभानुसुता की..॥

। आरती श्री वृषभानुसुता की ।

कृष्णात्मिका, कृष्ण सहचारिणि,
चिन्मयवृन्दा विपिन विहारिणि ।
जगजननि जग दुखनिवारिणि,
आदि अनादिशक्ति विभुता की ॥
॥ आरती श्री वृषभानुसुता की..॥

आरती श्री वृषभानुसुता की,
मंजुल मूर्ति मोहन ममता की ॥

Radha Aarti: Aarti Shri Vrashbhanusuta Ki in English

Aarti Shri Vrshabhanusuta Ki, Manjul Moorti Mohan Mamta Ki ॥ Trividh Tapayut Sansrti Nashini..
यह भी जानें

Aarti Shri Radha AartiRadha Rani AartiRadhashtami AartiShri Ji AartiLadali Sarkar AartiLadali Aarti

अगर आपको यह आरती पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस आरती को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

हनुमान आरती

मनोजवं मारुत तुल्यवेगं, जितेन्द्रियं,बुद्धिमतां वरिष्ठम्॥ आरती कीजै हनुमान लला की । दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥..

ॐ जय जय शनि महाराज: श्री शनिदेव आरती

ॐ जय जय शनि महाराज, स्वामी जय जय शनि महाराज। कृपा करो हम दीन रंक पर...

शिव आरती - ॐ जय शिव ओंकारा

जय शिव ओंकारा, ॐ जय शिव ओंकारा। ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा॥

सन्तोषी माता आरती

जय सन्तोषी माता, मैया जय सन्तोषी माता। अपने सेवक जन की सुख सम्पति दाता..

जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी - आरती

जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी, तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी॥

श्री बृहस्पति देव की आरती

जय वृहस्पति देवा, ऊँ जय वृहस्पति देवा । छिन छिन भोग लगा‌ऊँ..

ॐ जय जगदीश हरे आरती

ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे। भक्त जनों के संकट, दास जनों के संकट, क्षण में दूर करे॥

Hanuman Chalisa -
Hanuman Chalisa -
×
Bhakti Bharat APP