🌻वसंत पंचमी - Vasant Panchami

Vasant Panchami Date: Friday, 23 January 2026

वसंत पंचमी माघ शुक्ल पंचमी को ज्ञान और बुद्ध‌ि की देवी माँ सरस्वती जी के प्राकट्य दिवस के रूप मे जाना जाता है। अतः बसंत पंचमी को विशेष रूप से सरस्वती जयंती के रूप में भी मनाया जाता है।

भारतीय गणना के अनुसार वर्ष भर में पड़ने वाली छः ऋतुओं (बसंत, ग्रीष्म, वर्षा, शरद, हेमंत, शिशिर) में बसंत को ऋतुराज अर्थात सभी ऋतुओं का राजा माना गया है। हाँलाकि ऋतुओं मे श्रेष्ठ वसंत ऋतु माघ के प्रतिपदा से ही प्रारम्भ हो जाती है, पर पंचमी के दिन लोगों का ध्यान इस ऋतु के लिए ज्यादा आकर्षित होता है।

भगवान श्रीकृष्ण ने श्रीमद्भगवद्गीता में अपने बारे में कहते हुए कहा था - ऋतुओं में मैं वसंत हूँ
मासानां मार्गशीर्षोऽहमृतूनां कुसुमाकरः ॥ [श्रीमद्‍भगवद्‍गीता/10/35]

मौसम में आसानी से उपलब्‍ध होने वाले पीले फूलों को माँ सरस्वती को चढ़ाए जाने की महिमा है। भक्तिभारत के अनुसार यह त्योहार माँ सरस्वती को समर्पित होने के कारण, इस दिन पाठ्य सामिग्रि जैसे कलम और कॉपी की पूजा करनी चाहिए। इस दिन निम्न लिखित कार्यों को करना बेहद शुभ माना जाता है जैसे, मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा, घर की नींव रखना, गृह प्रवेश, वाहन खरीदना, व्यापार शुरू करना आदि।

इस दिन नवजात बच्चे को पहला निवाला खिलाया जा सकता है और माना जाता है कि बच्चे की जिह्वा पर शहद से ॐ बनाने से बच्चा ज्ञानी बनता है।

सरस्वती पूजा बिहार के प्रसिद्ध एवं महत्वपूर्ण त्यौहारों में से एक है। जैसे बंगाल में विशाल पंडाल लगा कर दुर्गा पूजा आयोजित की जाती है, उसी प्रकार बिहार में सरस्वती पूजा का भव्य आयोजन किया जाता है।

भारत के सबसे बड़े स्कूल संस्थानों मे से एक विद्या भारती, जिसके अंतर्गत आने वाले सरस्वती शिशु मंदिरसरस्वती विद्या मंदिर में माँ सरस्वती की पूजा को विशेष महत्व दिया जाता है, अतः वसन्त पंचमी इन स्कूलों मे सबसे अधिक धूम-धाम से मनाए जाने वाला त्योहार है, इस दिन स्कूल में हवन का आयोजन भी किया जाता है।

इस दिन कामदेव के अवतरण भगवान श्रीकृष्ण के पुत्र प्रद्युम्न रूप में हुआ था। पीला रंग कामदेव के धनुष का रंग है अतः वसंत पंचमी के दिन पीले वस्त्र पहनने की प्रचलित प्रथा भी है। वसंत पंचमी के ही दिन प्रभु श्रीराम ने शबरी के बेर उनके आश्रम में खाए थे, इसलिए इस दिन भगवान को बेर का भोग लगाया जाता है। श्रीकृष्ण लीला और कामदेव-रति के रूप को समर्पित वसंत पंचमी के इस रूप उत्सव को मदनोत्सव के नाम से भी जाना जाता है।

संबंधित अन्य नामvasant panchami, shri panchami, saraswati panchami, saraswati puja, saraswati jayanti, madanotsav
शुरुआत तिथिमाघ शुक्ल पंचमी
कारणमाँ सरस्वती का अवतरण दिवस।
उत्सव विधिमेला, सरस्वती पूजा, हवन।
Read in English - Vasant Panchami
Vasant Panchami is known as the avtaran day of Maa Saraswati, the goddess of knowledge and wisdom on Magh Shukla Panchami. Saraswati Puja is one of the famous and important festivals of Bihar.

वसंत पंचमी कब है?

रविवार, 23 जनवरी 2026

सरस्वती पूजा मुहूर्त : 07:13 AM से 12:33 PM

वसन्त पञ्चमी मध्याह्न का क्षण : 12:33 PM
पञ्चमी तिथि : 23 जनवरी 2026 02:28 AM - 24 जनवरी 2026 01:46 AM

संबंधित जानकारियाँ

भविष्य के त्यौहार
आवृत्ति
वार्षिक
समय
1 दिन
शुरुआत तिथि
माघ शुक्ल पंचमी
समाप्ति तिथि
माघ शुक्ल पंचमी
महीना
जनवरी / फरवरी
कारण
माँ सरस्वती का अवतरण दिवस।
उत्सव विधि
मेला, सरस्वती पूजा, हवन।
महत्वपूर्ण जगह
बिहार, स्कूल, पंडाल, मंदिर।
पिछले त्यौहार
2 February 2025, 14 February 2024, 26 January 2023, 5 February 2022, 16 February 2021, 30 January 2020

Updated: Nov 11, 2025 13:08 PM

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