श्री रामचरितमानस: बालकाण्ड (Shri Ramcharitmanas Balkand)


मंगलाचरण - Mangalacharan
❀ गुरु वंदना - Guru Vandana
❀ ब्राह्मण-संत वंदना - Prayer to Brahmanas and Saints
❀ खल वंदना - Prayer to the Wicked
❀ संत-असंत वंदना - Prayer to Saints and Devils
❀ सकल जीव वंदना - Prayer to all creatures
❀ श्रीराम भक्तियुक्त कविता की महिमा - Glory of Poem with Devotion to Sri Ram
❀ शिव, पार्वती और श्रीराम परिकर वंदना - Prayer to Shiva, Parvati and associates of Sri Ram
❀ श्रीराम नाम महिमा - Glory of Sri Rama's Name
❀ श्रीराम महिमा - Glory of Sri Rama
❀ श्रीरामचरितमानस महिमा - Glory of Sri Ram Charit Manas
❀ याज्ञवल्क्य-भरद्वाज संवाद - Dialogue of Yagnavalkya and Bharadwaj
❀ सती प्रसंग - Story of Sati
❀ श्रीपार्वती जी का जन्म और तपस्या - Birth of Sri Parvati and her penance
❀ सप्तर्षि और पार्वती जी का संवाद - Dialogue of Seven Saint and Parvati
❀ कामदेव का भस्म होना - Death of Cupid
❀ शिव जी की बारात - Marriage Procession of Shiva
❀ शिव-पार्वती विवाह - Marriage of Shiva and Parvati
❀ शिव-पार्वती संवाद - Dialogue of Shiva and Parvati
❀ श्रीराम अवतार के कारण - Reasons of incarnation of Sri Rama
❀ नारद जी का शाप-प्रसंग - Story of curse by Narada
❀ मनु-शतरूपा तप और वरदान - Penance of Manu Shatrupa and boon
❀ प्रतापभानु की कथा - Story of Pratapbhanu
❀ रावणादि का जन्म और उत्कर्ष - Birth of Ravana etc. and success
❀ पृथ्वी और देवताओं की भगवान से प्रार्थना - Prayer to Lord by Earth and demi-gods
❀ भगवान्‌ का वरदान - Boon of Lord
❀ राजा दशरथ का पुत्रेष्टि यज्ञ - King Dasharatha to perform Yagya for son
❀ श्री भगवान्‌ का जन्म और बाललीला - Birth of Lord and childhood pastimes
❀ विश्वामित्र जी का आगमन और ताड़का वध - Arrival of Vishwamitra and killing of Tadka
❀ विश्वामित्र जी के यज्ञ की रक्षा - Protection of Yagya of Vishwamitra
❀ अहल्या उद्धार - Emancipation of Ahilya
❀ श्री राम-लक्ष्मण सहित विश्वामित्र जी का जनकपुर आगमन - Coming of Vishwamitra to Mithila with Rama and Lakshmana
❀ श्री राम-लक्ष्मण पर जनकजी की प्रेम मुग्धता - Natural Affection of Janaka on Sri Ram and Lakshmana
❀ श्री राम-लक्ष्मण का जनकपुर घूमना - Sight-Seeing of Mithila by Rama and Lakshmana
❀ श्री सीता-रामजी का पुष्पवाटिका में परस्पर दर्शन - Seeing of each other by Sri Rama and Sita in Garden
❀ श्री सीताजी को पार्वती जी का वरदान - Boon to Sri Sita by Parvati
❀ श्री राम-लक्ष्मण सहित विश्वामित्र जी का यज्ञशाला में प्रवेश - Arrival of Vishwamitra in place of Yagya with Sri Rama and Lakshmana
❀ श्री सीताजी का यज्ञशाला में प्रवेश - Arrival of Sri Sita in place of Yagya
❀ राजा जनक का आक्षेप - Censure by King Janaka
❀ श्री लक्ष्मण जी का क्रोध - Anger of Sri Lakshmana
❀ धनुष-भंग - Breaking of Shiva's Bow
❀ श्रीसीता राम जी की जयमाल - Garland Exchange ceremony of Sri Sita and Sri Rama
❀ परशुराम जी का आगमन और क्रोध - Arrival and anger of Parashurama
❀ श्री राम-लक्ष्मण का परशुराम जी से संवाद - Dialogue of Parashurama and Sri Rama and Lakshmana
❀ जनक जी का दशरथजी के पास दूत भेजना - Janaka to send messenger to Dasharatha
❀ अयोध्या से बारात का प्रस्थान - Departure of marriage procession from Ayodhya
❀ बारात का जनकपुर में स्वागत - Welcome of procession in Mithila
❀ श्री सीता-राम विवाह और विदाई - Marriage of Sri Rama and Sita and farewell
❀ बारात का अयोध्या लौटना - Return of Marriage procession to Ayodhya
❀ श्री रामचरित्‌ सुनने-गाने की महिमा - Glory of singing and hearing Sri Ram Charit Manas
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विनय पत्रिका

गोस्वामी तुलसीदास कृत विनयपत्रिका ब्रज भाषा में रचित है। विनय पत्रिका में विनय के पद है। विनयपत्रिका का एक नाम राम विनयावली भी है।

श्री रामचरितमानस: सुन्दर काण्ड: पद 41

बुध पुरान श्रुति संमत बानी । कही बिभीषन नीति बखानी ॥ सुनत दसानन उठा रिसाई ।..

श्री रामचरितमानस: सुन्दर काण्ड: पद 44

कोटि बिप्र बध लागहिं जाहू । आएँ सरन तजउँ नहिं ताहू ॥ सनमुख होइ जीव मोहि जबहीं ।..