Hanuman Chalisa
Hanuman Chalisa -

गोस्वामी तुलसीदास की श्री हनुमान जी से भेंट - सत्य कथा (Goswami Tulsidas Ki Hanuman Ji Se Bhent)


Add To Favorites Change Font Size
गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा श्री हनुमान जी के दर्शन:
गोस्वामी जी काशी मे प्रह्लाद घाटपर प्रतिदिन वाल्मीकीय रामायण की कथा सुनने जाया करते थे। एक दिन वहाँ एक विचित्र घटना घटी। तुलसीदास जी प्रतिदिन शौच होने जंगल में जाते, लौटते समय जो अवशेष जल होता, उसे एक पीपल के वृक्ष के नीचे गिरा देते। उस पीपल पर एक प्रेत रहता था।
उस जलसे प्रेत की प्यास मिट जाती। जब प्रेत को मालूम हुआ कि ये महात्मा हैं, तब एक दिन प्रत्यक्ष होकर उसने कहा कि तुम्हारी जो इच्छा हो कहो, मैं पूर्ण करूँगा।

तुलसीदास जी ने कहा कि मैं भगवान् श्रीराम का दर्शन करना चाहता हूँ।

प्रेत ने कुछ सोचकर कहा कि भगवान् के दर्शन कराने का सामर्थ्य मुझ में नहीं है परंतु कथा सुनने के लिये प्रतिदिन प्राय: कोढ़ी के वेष में श्री हनुमान जी आते हैं।

वे सबसे पहले आते हैं और सबसे पीछे जाते हैं। समय देखकर उनके चरण पकड़ लेना और हठ करके भगवान् का दर्शन कराने को कहना। तुलसीदासजी ने वैसा ही किया। श्री हनुमान जी ने कहा कि तुम्हें चित्रकूट में भगवान् के दर्शन होंगे, उसके पश्चात तुलसीदास जी चित्रकूट की यात्रा के लिए निकल गये।
यह भी जानें

Prerak-kahani Shri Ram Prerak-kahaniShri Hanuman Prerak-kahaniTulsidas Prerak-kahaniTrue Story Prerak-kahaniTrue Prerak-kahani

अगर आपको यह prerak-kahani पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

इस prerak-kahani को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

इन सब के लिए भगवान तेरा धन्यवाद

एक पक्षी था जो रेगिस्तान में रहता था, बहुत बीमार, कोई पंख नहीं, खाने-पीने के लिए कुछ नहीं, रहने के लिए कोई आश्रय नहीं था।

सनातन गोस्वामी का नियम - प्रेरक कहानी

गिरि गोवर्द्धन की नित्य परिक्रमा करना, अब उनकी अवस्था 90 वर्ष की हो गयी थी, नियम पालन मुश्किल हो गया था फिर भी वे किसी प्रकार निबाहे जा रहे थे।..

श्री राधा नाम की कीमत - प्रेरक कहानी

एक बार एक व्यक्ति था। वह एक संत जी के पास गया। और कहता है कि संत जी, मेरा एक बेटा है। वो न तो पूजा पाठ करता है और न ही भगवान का नाम लेता है।

प्रेरक कहानी: एक सत्संग ऐसी भी

सत्संग में भी हम सिर्फ उन बातों को पसंद करते है जिसमे हमारा स्वार्थ सिद्ध होता हैं। जबकि सत्संग जाकर हमें सत्य...

दान करने से वस्तु घटती नहीं - प्रेरक कहानी

एक दयालु नरेश - एक राजा बड़े धर्मात्मा और दयालु थे, किंतु उनसे भूलसे कोई एक पाप हो गया था। जब उनकी मृत्यु हो गयी, तब उन्हें लेने यमराजके दूत आये।..

गुरु नानक जी के आशीर्वाद का रहस्य - प्रेरक कहानी

एक बार गुरु नानक देव जी अपने शिष्यों के साथ एक ऐसे गांव में पहुंचे जहां के लोग साधु-संन्यासी लोगों को बिल्कुल भी पसंद नहीं करते थे...

मृत्यु के बाद के साथी - प्रेरक कहानी

मनुष्य के ये तीन घनिष्ट मित्र हैं- धन, परिवार एवं कर्म। इन तीनों में से मनुष्य के कर्म ही मृत्यु के बाद भी उसका साथ निभाते हैं।

Shiv Chalisa -
Hanuman Chalisa - Shiv Chalisa -
Shri Ram Stuti -
Subscribe BhaktiBharat YouTube Channel -
×
Download BhaktiBharat App