श्रीमद्‍भगवद्‍गीता: अर्जुनविषादयोग - अध्याय एक (Shrimad Bhagwat Geeta: Arjun Visada Yog - First Chapter)


अर्जुनविषादयोग: कुरुक्षेत्र के युद्धस्थल में सैन्यनिरीक्षण01-11 दोनों सेनाओं के प्रधान शूरवीरों और अन्य महान वीरों का वर्णन
12-19 दोनों सेनाओं की शंख-ध्वनि का वर्णन
20-27 अर्जुन का सैन्य परिक्षण, गाण्डीव की विशेषता
28-47 अर्जुनका विषाद, भगवान के नामों की व्याख्या
Granth Bhagwat Geeta Granth
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विनय पत्रिका

गोस्वामी तुलसीदास कृत विनयपत्रिका ब्रज भाषा में रचित है। विनय पत्रिका में विनय के पद है। विनयपत्रिका का एक नाम राम विनयावली भी है।

श्री रामचरितमानस: सुन्दर काण्ड: पद 41

बुध पुरान श्रुति संमत बानी । कही बिभीषन नीति बखानी ॥ सुनत दसानन उठा रिसाई ।..

श्री रामचरितमानस: सुन्दर काण्ड: पद 44

कोटि बिप्र बध लागहिं जाहू । आएँ सरन तजउँ नहिं ताहू ॥ सनमुख होइ जीव मोहि जबहीं ।..