Sawan 2025

श्रीमद्‍भगवद्‍गीता: अर्जुनविषादयोग - श्लोक 1 (Shrimad Bhagwat Geeta: Arjun Visada Yog: Shlok 1)


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धृतराष्ट्र उवाच:
धर्मक्षेत्रे कुरुक्षेत्रे समवेता युयुत्सवः ।
मामकाः पाण्डवाश्चैव किमकुर्वत संजय ॥
भावार्थ : धृतराष्ट्र बोले- हे संजय! धर्मभूमि कुरुक्षेत्र में एकत्रित, युद्ध की इच्छावाले मेरे और पाण्डु के पुत्रों ने क्या किया?
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