श्री तुलसी नामाष्टक स्तोत्रम् (Shri Tulsi Namashtakam Strotam)


वृंदा, वृन्दावनी, विश्वपुजिता, विश्वपावनी ।
पुष्पसारा, नंदिनी च तुलसी, कृष्णजीवनी ॥
एत नाम अष्टकं चैव स्त्रोत्र नामार्थ संयुतम ।
य:पठेत तां सम्पूज्य सोभवमेघ फलं लभेत ॥

वृन्दायै नमः ।
वृन्दावन्यै नमः ।
विश्वपूजितायै नमः ।
विश्वपावन्यै नमः ।
पुष्पसारायै नमः ।
नन्दिन्यै नमः ।
तुलस्यै नमः ।
कृष्णजीवन्यै नमः ॥8
Shri Tulsi Namashtakam Strotam - Read in English
Vrinda, Vrindavani, Vishwapujita, Vishwapavani । Pushpasara, Nandini Cha Tulsi, Krishnajivani ...
मंत्र का मूल रूप
॥ श्रीतुलसीनामाष्टकस्तोत्रम् अष्टनामावलिश्च ॥

वृन्दा वृन्दावनी विश्वपूजिता विश्वपावनी ।
पुष्पसारा नन्दिनी च तुलसी कृष्णजीवनी ॥
एतन्नामाष्टकं स्तोत्रं पठन्मङ्गलमाप्नुयात् ।
Mantra Namavali MantraMaa Tulsi MantraTulsi MantraEkadashi MantraTulasi Puja Divas MantraTulasi Puja MantraTulasi Ekadashi MantraNamashtakam Strotam MantraTulsi Vivah Mantra8 Tulsi Name Mantra
अगर आपको यह मंत्र पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!


* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

विष्णु सहस्रनाम

भगवान श्री विष्णु के 1000 नाम! विष्णुसहस्रनाम का पाठ करने वाले व्यक्ति को यश, सुख, ऐश्वर्य, संपन्नता...

श्रील प्रभुपाद प्रणति

नम ॐ विष्णु-पादाय कृष्ण-प्रेष्ठाय भूतले, श्रीमते भक्तिवेदांत-स्वामिन् इति नामिने ।

श्री दशावतार स्तोत्र: प्रलय पयोधि-जले

प्रलय पयोधि-जले धृतवान् असि वेदम्वि, हित वहित्र-चरित्रम् अखेदम्के, शव धृत-मीन-शरीर, जय जगदीश हरे

श्री जगन्नाथ अष्टकम

कदाचित् कालिन्दी तट विपिन सङ्गीत तरलो, मुदाभीरी नारी वदन कमला स्वाद मधुपः, रमा शम्भु ब्रह्मामरपति गणेशार्चित पदो..

आदित्य-हृदय स्तोत्र

ततो युद्धपरिश्रान्तं समरे चिन्तया स्थितम् । रावणं चाग्रतो दृष्टवा युद्धाय समुपस्थितम् ॥ दैवतैश्च समागम्य द्रष्टुमभ्यागतो रणम् ।