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पूजा घर में जल रखना क्यों आवश्यक है? (Why is it necessary to keep water in puja house?)

हमारे धर्म शास्त्रों में ऐसी कई बातें लिखी गई हैं जिनका हम सदियों से पालन करते आ रहे हैं। इन्हीं में से एक है पूजा के स्थान पर जल रखने की अनिवार्यता। पूजा घर में किसी अन्य वस्तु के साथ एक पात्र में जल भी रखें।
पूजा घर में जल कैसे रखें
❀ ज्योतिष शास्त्र के अनुसार घर के मंदिर में तांबे या अन्य धातु के बर्तन में जल रखें। इस पानी को नियमित रूप से बदलते रहें और घर के कोने-कोने में छिड़कें। घर में जल छिड़कने से सकारात्मक ऊर्जा आती है।

❀ इसके साथ ही यह भी कहा जाता है कि पूजा कक्ष में रखा पानी नकारात्मकता को सोख लेता है। तांबे को जल रखने की सबसे पवित्र धातु माना जाता है। इसलिए इसमें जल रखना सबसे शुभ होता है। तांबे के बर्तन में पानी भरकर रखना घर की तरक्की के लिए शुभ माना जाता है।

पौराणिक कथाओं के अनुसार पूजा घर में जल के महत्व:
❀ कहा जाता है कि पूजा स्थान में रखा हुआ जल इस बात का प्रतीक है कि आप भगवान को जल के साथ भोग भी अर्पित कर रहे हैं ताकि वह भोजन के साथ जल ग्रहण कर सकें।
❀ हमारे शास्त्रों में यह भी लिखा है कि पूजा के स्थान पर हमेशा पानी का बर्तन रखने से घर में समृद्धि बनी रहती है। पूजा स्थान पर तांबे के बर्तन में जल रखना अधिक शुभ माना जाता है।
❀ लोगों की यह भी मान्यता है कि पूजा स्थान पर जल रखने से व्यक्ति की मनोकामना भी पूरी होती है और घर में ऊर्जा का संचार होता है।

आरती के बाद जल से आचमन किया जाता है
ऐसी मान्यता है कि पूजा के बाद जब भी आरती समाप्त होती है तो जल से ही आरती की जाती है। ऐसा करने का कारण यह है कि वरुण देव के रूप में जल की पूजा की जाती है और वे संसार की हर वस्तु की रक्षा करते हैं।

इसलिए पूजा कक्ष में भी जल रखने की सलाह दी जाती है, जिससे सभी देवी-देवताओं के साथ-साथ परिवार के सदस्यों की भी रक्षा हो सके। आरती के समय जल चढ़ाए बिना पूजा अधूरी मानी जाती है।

Why is it necessary to keep water in puja house? in English

Many such things have been written in our religious scriptures which we have been following for centuries. One of these is the necessity of keeping water at the place of worship. Keep water in a vessel along with any other object in the worship house.
यह भी जानें

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