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प्रियादास जी (Priyadas)


भक्तमाल | श्री प्रियादास जी
गुरु - श्री मनोहर दास जी > श्री निवासचार्य जी > श्री मद् गोपालभट्ट गोस्वामी पाद > श्री चैतन्य महाप्रभु
अन्य नाम - रसरासि जी
प्रसिद्ध ग्रंथ / रचनाएँ - भक्तिरसबोधिनी, रसिकमोहिनी, अनन्यमोहिनी, चाहवेली, भक्तसुमिरनी
❀ श्री नाभादास जी प्रसिद्ध ग्रंथ भक्तमाल की टीका प्रियादास जी ने संवत्‌ 1769 में, सौ वर्ष बाद, लिखी थी।
❀ श्री प्रियादास जी के दीक्षागुरु मनोहरराम चैतन्य संप्रदाय की राधारमणी शिष्यपरंपरा में थे।
❀ श्री प्रियादास जी महाराज की अन्य रचनाएँ रसिकमोहिनी (संवत्‌ 1794), अनन्यमोहिनी, चाहवेली तथा भक्तसुमिरनी हैं।
❀ श्री प्रियादास जी के विषय में अधिक वर्णन प्राप्त नहीं होता है। इनका जन्म राजपुरा नामक ग्राम सूरत (गुजरात) में हुआ माना जाता है।
❀ प्रियादास जी नवीन अवस्था में श्री वृन्दावन आ गए और श्री राधारमण मंदिर में श्री मनोहरदास जी के शिष्य हो गए।
❀ श्री साकेत धाम पधारने के 100 वर्ष बाद वैष्णवरत्न श्री प्रियादास जी को एक दिन श्री नाभादास जी द्वारा भक्तमाल पर टीका करने की आज्ञा हुई जिसका उन्होंने स्वयं अपनी लिखी टीका के मंगलाचरण मे वर्णन किया है।

श्री प्रियादासकृत भक्तिरसबोधिनी टीका का मंगलाचरण:
महाप्रभु कृष्णचैतन्य मनहरनजू के चरण कौ ध्यान मेरे नाम मुख गाइये ।
ताही समय नाभाजू ने आज्ञा दई लई धारि टीका विस्तारि भक्तमाल की सुनाइये ॥
कीजिये कवित्त बंद छंद अति प्यारो लगै जगै जग माहिं कहि वाणी विरमाइये ।
जानों निजमति ऐ पै सुन्यौ भागवत शुक द्रुमनि प्रवेश कियो ऐसेई कहाइये ॥१॥

** श्री चैतन्य महाप्रभु की पवित्र परंपरा के ६ गोस्वामी गण श्री रूप गोस्वामी पाद, श्री सनातन गोस्वामी पाद ,श्री जीव गोस्वामी पाद, श्री रघुनाथ दास गोस्वामी पाद,श्री रघुनाथ भट्ट गोस्वामी पाद, श्री गोपाल भट्ट गोस्वामी पाद।

Priyadas in English

Guru - Shri Agradas Ji Maharaj | Other name - Nabha Ji | Famous Book - Bhaktamal | Aaradhya - Lord Shri Ramchandra
यह भी जानें
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शंकराचार्य जी

भक्तमाल | आदि गुरु शंकराचार्य | गुरु - आचार्य गोविन्द भगवत्पाद | आराध्य - भगवान शिव | दर्शन - अद्वैत वेदान्त

सूरदास

सूरदास 16वीं शताब्दी के एक अंधे हिंदू भक्ति कवि और गायक थे, जो सर्वोच्च भगवान कृष्ण की प्रशंसा में लिखे गए अपने कार्यों के लिए जाने जाते थे। वह भगवान कृष्ण के वैष्णव भक्त थे, और वे एक श्रद्धेय कवि और गायक भी थे।

रामानुज

रामानुज, जिन्हें रामानुजाचार्य या इलैया पेरुमल (तमिल: पेरुमल [भगवान]) के नाम से भी जाना जाता है, एक दक्षिण भारतीय ब्राह्मण धर्मशास्त्री, दार्शनिक, विचारक और भारत के एक समाज सुधारक थे।

बाबा रामदेव

बाबा रामदेव एक प्रसिद्ध भारतीय योग शिक्षक हैं। उन्होंने योगासन और प्राणायाम योग के क्षेत्र में काफी योगदान दिया है। स्वामी रामदेव अब तक प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से देश-विदेश में करोड़ों लोगों को योग की शिक्षा दे चुके हैं। रामदेव खुद जगह-जगह योग शिविर लगाते हैं।

आनंदमयी माँ

आनंदमयी माँ एक हिंदू संत थीं, जो 1896 से 1982 तक भारत में रहीं। वह अपने आनंदमय नृत्य और गायन और बीमारों को ठीक करने की क्षमता के लिए जानी जाती थीं। वह अद्वैत वेदांत की शिक्षिका भी थीं, एक हिंदू दर्शन जो सभी प्राणियों की एकता पर जोर देता है।

शुकदेवजी

शुकदेवजी, जिन्हें शुकदेव या शुक मुनि के नाम से भी जाना जाता है, एक महान ऋषि थे और कई हिंदू धर्मग्रंथों, विशेष रूप से भागवत पुराण में एक केंद्रीय व्यक्ति थे।

निश्चलानंद सरस्वती

स्वामी श्री निश्चलानंद सरस्वती भारत के ओडिशा के पुरी में पूर्वमनय श्री गोवर्धन पीठम के वर्तमान 145 वें जगद्गुरु शंकराचार्य हैं।

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