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दीवाली विशेष 2023 (Diwali Specials 2023)

दीवाली विशेष 2023
भारत देश का सबसे बड़ा त्यौहार दीवाली, जिसे भारत के लगभग सभी संप्रदाय बड़ी धूम-धाम से मानते हैं। दीवाली का संबंध भारत के हर संप्रदाय की किसी न किसी बड़ी घटना अथवा उपलब्धि से प्रभावित अवश्य है।
आइए कुछ क्लिक्स द्वारा जानें! प्रकाश से भरे इस उत्सव की कुछ विशेषताएँ, आरतियाँ, भजन, मंत्र एवं रोचक कथाएँ...

दिवाली 2023 : प्रदोष काल लक्ष्मी पूजा मुहूर्त - 5:39pm से 7:35pm [Delhi]
निशिता काल लक्ष्मी पूजा मुहूर्त - 11:39pm से 12:32am नवम्बर 13

कथा:
भैया दूज पौराणिक कथा
भैया दूज लोक कथा
यम द्वितीया: चित्रगुप्त की कथा
कार्तिक मास माहात्म्य कथा
जब भगवान राम के राजतिलक में निमंत्रण से छूटे भगवान चित्रगुप्त

दिवाली/दीपावली क्यों, कब, कहाँ और कैसे?
धनतेरस, प्रदोष व्रत
नरक चतुर्दशी, रूप चतुर्दशी
दिवाली/ लक्ष्मी पूजा
कार्तिक अमावस्या
गोवर्धन पूजा
अन्नकुट
भाई दूज
चित्रगुप्त पूजा
बंदी छोड़ दिवस

दिवाली शुभकामना मेसेज

आरती:
श्री गणेश आरती
लक्ष्मीजी आरती
श्री कुबेर आरती
श्री गोवर्धन आरती
श्री विश्वकर्मा आरती
माँ अन्नपूर्णा आरती
आरती श्री रामचन्द्र जी की कीजै
आरती कुंजबिहारी की
श्री खाटू श्याम आरती
जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी
श्री महावीर प्रभु आरती
चित्रगुप्त आरती
स्तुति: जय चित्रगुप्त यमेश तव
माँ सरस्वती आरती
श्री राम स्तुति
ॐ जय जगदीश हरे आरती

मंत्र:
श्री गणेश - वक्रतुण्ड महाकाय
श्री महालक्ष्मी अष्टक
श्री लक्ष्मी सुक्तम् - ॐ हिरण्यवर्णां हरिणींसुवर्णरजतस्रजाम्
भाग्यद लक्ष्मी बारम्मा
श्री अष्टलक्ष्मी स्तोत्रम
कनकधारा स्तोत्रम्: अङ्गं हरेः पुलकभूषणमाश्रयन्ती
श्री लक्ष्मी के 108 नाम - श्रीलक्ष्मीष्टोत्तरशतनामावलिः
श्रीमहालक्ष्मीस्तोत्रम् विष्णुपुराणान्तर्गतम्
श्री कुबेर अष्टोत्तर शतनामावली - 108 नाम

दामोदर अष्टकम
श्री राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे
श्री लक्ष्मी नारायण स्तोत्रम्
श्री राम रक्षा स्तोत्रम्
श्री राम नाम तारक
श्री दशावतार स्तोत्र: प्रलय पयोधि-जले
अन्नपूर्णा स्तोत्रम् - नित्यानन्दकरी वराभयकरी

दीप प्रज्वलन मंत्र
महिषासुरमर्दिनि स्तोत्रम् - अयि गिरिनन्दिनि
दैनिक हवन-यज्ञ विधि
शांति पाठ
ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः
णमोकार महामंत्र

चालीसा:
श्री कुबेर चालीसा
श्री लक्ष्मी चालीसा
श्री गणेश चालीसा
श्री चित्रगुप्त चालीसा
माँ सरस्वती चालीसा
श्री खाटू श्याम चालीसा
हनुमान चालीसा

भजन:
सजा दो घर को गुलशन सा
मेरी झोपड़ी के भाग, आज खुल जाएंगे
आओ भोग लगाओ प्यारे मोहन
श्री राम जी की जगमग जगमग जोत जली है
तुम से लागी लगन, पारस प्यारा
श्री कृष्णा गोविन्द हरे मुरारी
अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं

ब्लॉग:
अमेरिका में दिवाली समारोह
ऑस्ट्रेलिया में दीपावली उत्सव
नरक चतुर्दशी कथा: ईशा फाउंडेशन की ओर से

Diwali Specials 2023 in English

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यह भी जानें

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श्रावण मास 2024

श्रावण मास हिंदू कैलेंडर का पांचवां महीना है। हिंदुओं के लिए श्रावण का महीना उपवास का महीना होता है और कई हिंदू हर सोमवार को भगवान शिव और हर मंगलवार को देवी पार्वती का उपवास करते हैं।

सावन शिवरात्रि 2024

आइए जानें! सावन शिवरात्रि से जुड़ी कुछ जानकारियाँ एवं सम्वन्धित कुछ प्रेरक तथ्य.. | सावन शिवरात्रि: Friday, 2 August 2024

नीलाद्रि बिजे

नीलाद्रि बिज महोत्सव वार्षिक रथ यात्रा उत्सव के समापन का प्रतीक है।

अधर पणा

अधर पणा अनुष्ठान आषाढ़ महीने त्रयोदशी तिथि पर पुरी जगन्नाथ मंदिर में आयोजित किया जाता है।

कांवर यात्रा की परंपरा किसने शुरू की?

धार्मिक ग्रंथों में माना जाता है कि भगवान परशुराम ने ही कांवर यात्रा की शुरुआत की थी। इसीलिए उन्हें प्रथम कांवरिया भी कहा जाता है।

तुलाभारम क्या है, तुलाभारम कैसे करें?

तुलाभारम और तुलाभरा जिसे तुला-दान के नाम से भी जाना जाता है, एक प्राचीन हिंदू प्रथा है यह एक प्राचीन अनुष्ठान है। तुलाभारम द्वापर युग से प्रचलित है। तुलाभारम का अर्थ है कि एक व्यक्ति को तराजू के एक हिस्से पर बैठाया जाता है और व्यक्ति की क्षमता के अनुसार बराबर मात्रा में चावल, तेल, सोना या चांदी या अनाज, फूल, गुड़ आदि तौला जाता है और भगवान को चढ़ाया जाता है।

हिंदू धर्म में पूजा से पहले संकल्प क्यों लिया जाता है?

संकल्प का सामान्य अर्थ है किसी कार्य को करने का दृढ़ निश्चय करना। हिंदू धर्म में परंपरा है कि किसी भी तरह की पूजा, अनुष्ठान या शुभ कार्य करने से पहले संकल्प लेना बहुत जरूरी होता है।

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