माघ शुक्ल अष्टमी की तिथि को भीष्म पितामह की पुण्यतिथि के रूप मे मनाया जाता है, अतः इस पुण्यतिथि को भीष्म अष्टमी के नाम से जाना जाता है। भीष्म पितामह को स्वयं की इच्छा से मृत्यु का समय चयन करने का वरदान प्राप्त था। [भीष्म अष्टमी 2023: शनिवार, 28 जनवरी 2023]
महाभारत के युद्ध में अत्यंत घायल होने के पश्चात् भी भीष्म पितामह ने अपने वरदान के बल पर अपने शरीर का त्याग नहीं किया। पितामह ने अपने शरीर को त्यागने के लिये माघ शुक्ल अष्टमी का दिन चुना, क्योंकि इस समय तक सूर्यदेव उत्तरायण की ओर प्रस्थान करने लगे थे।
संबंधित अन्य नाम | माघ शुक्ल अष्टमी |
सुरुआत तिथि | माघ शुक्ल अष्टमी |
कारण | भीष्म पितामह की पुण्यतिथि है। |
उत्सव विधि | भीष्म पितामह के लिये एकोदिष्ट श्राद्ध। |
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