Updated: Sep 27, 2024 22:53 PM |
बारें में | संबंधित जानकारियाँ | यह भी जानें
Puthandu Date: Monday, 14 April 2025
पुथांडू, जिसे पुथुवरुदम के नाम से भी जाना जाता है, तमिल नव वर्ष का प्रतीक है और यह तमिल कैलेंडर का पहला दिन या चिथिराई महीने का पहला दिन है जिसे तमिलनाडु के लोगों द्वारा पुथांडू के रूप में मनाया जाता है। तमिल नव वर्ष के रूप में मनाया जाने वाला यह दिन बहुत महत्व रखता है। पुथांडू ग्रेगोरियन कैलेंडर में हर साल लगभग एक ही दिन पड़ता है। इस वर्ष, पुथांडू 14 अप्रैल को मनाया जाएगा।
पुथांडू का इतिहास:
पुथांडू की उत्पत्ति चोल राजवंश के शासनकाल से लगाया जा सकता है, जिसने 9वीं से 13वीं शताब्दी तक तमिलनाडु और दक्षिण भारत के अन्य हिस्सों पर शासन किया था। इस दौरान, तमिल कैलेंडर बनाया गया और चिथिराई के पहले दिन को तमिल नव वर्ष के रूप में नामित किया गया।
पुथांडू का महत्व
तमिल सौर कैलेंडर का पहला महीना, चिथिराई, पुथांडू उत्सव के साथ शुरू होता है। इस दिन को तमिलनाडु और श्रीलंका में सार्वजनिक अवकाश के रूप में मनाया जाता है। अन्य राज्य भी इसी दिन नया साल मनाते हैं। इस दिन पश्चिम बंगाल पोहेला बोइशाख मनाता है, केरल विशु मनाता है, पंजाब बैसाखी मनाता है और असम इस दिन बिहू मनाता है।
संबंधित अन्य नाम | पुथांडू, जिसे पुथुवरुदम, वर्षा पिरप्पु |
शुरुआत तिथि | तमिल चिथिराई महीना |
कारण | तमिल नव वर्ष |
उत्सव विधि | मंदिर में प्रार्थना, घर में पूजा |
Puthandu symbolizes the Tamil New Year and is the first day of the Tamil calendar or Chithirai month which is celebrated as Puthandu by the people of Tamil Nadu.
पुथंडु महोत्सव की रस्में:
पुथांडू, जिसे वर्षा पिरप्पु के नाम से भी जाना जाता है, पूरे देश में तमिलों द्वारा बहुत भव्यता और धूमधाम के साथ मनाया जाता है।
❀ पुथांडू के दिन लोग मंदिर जाकर इस दिन की शुरुआत करते हैं।
❀ पुथांडू के दिन के उत्सव की शुरुआत कोलम बनाकर की जाती है।
❀ पोंगल और आम पचड़ी सहित पुथांडू-विशेष व्यंजन परिवारों द्वारा तैयार किए जाते हैं।
❀ लोग भक्ति गीत भी गाते हैं और अपने घरों में समृद्धि और खुशियों को आमंत्रित करते हैं। बाद में दिन में, लोग अपने सबसे अच्छे पारंपरिक परिधानों में एक साथ इकट्ठा होते हैं और अपने प्रियजनों के साथ स्वादिष्ट पुथांडू-विशेष व्यंजन का आनंद लेते हैं।
❀ तमिल लोग परिवार के बुजुर्गों का सम्मान करते हैं और पुथांडू नलवलथुकल कहकर एक-दूसरे को बधाई देते हैं जिसका अंग्रेजी में अनुवाद हैप्पी न्यू ईयर होता है।
❀ पुथांडू से जुड़ी मुख्य परंपराओं में से एक 'कन्नी' या साल का पहला दर्शन है। पुथांडू की सुबह, तमिल पारंपरिक रूप से जल्दी उठते हैं, स्नान करते हैं और फिर सौभाग्य के प्रतीक के रूप में सोना, चांदी, फल, फूल और दर्पण जैसी शुभ वस्तुओं को देखते हैं।
संबंधित जानकारियाँ
शुरुआत तिथि
तमिल चिथिराई महीना
उत्सव विधि
मंदिर में प्रार्थना, घर में पूजा
पिछले त्यौहार
14 April 2024
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