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🌙सिन्दूर तृतीया - Sindoor Tritiya

Sindoor Tritiya Date: Tuesday, 13 October 2026
सिन्दूर तृतीया

शारदीय नवरात्रि का तृतीया दिन देवी पार्वती के माँ चंद्रघंटा रूप को समर्पित है, यही तृतीया दिवस सिंदूर तृतीया पर्व के नाम से प्रसिद्ध है। हिन्दू पंचांग के अनुसार आश्विन शुक्ला तृतीया तिथि को सिंदूर तृतीया मनायी जाती है।

सिंदूर को सुहाग की निशानी माना जाता है। विवाहित होकर भी सिंदूर न लगाना अशुभ माना जाता है। सिंदूर तृतीया के दिन माता रानी को सिंदूर चढ़ाने से सुहागिन स्त्रियों के सौभाग्य में वृद्धि होती है। सिंदूर को देवी पूजा की विशेष सामग्रियों मे शामिल किया जाता है।

संबंधित अन्य नाममहा तृतीया, सौभाग्य तीज, गौरी तीज
शुरुआत तिथिआश्विन शुक्ला तृतीया

Sindoor Tritiya in English

The third day of Shardiya Navratri is dedicated to Goddess Parvati`s Maa Chandraghanta form, this third day is famous as Sindoor Tritiya festival.

सिन्दूर तृतीया पूजा विधि

❀ सिन्दूर तृतीया शारदीय नवरात्रि के तीसरे दिन यानी हिंदू कैलेंडर के अनुसार तृतीया तिथि को मनाई जाती है। यह दिन देवी के नौ रूपों में से तीसरे माता देवी चंद्रघंटा की पूजा की जाती है।
❀ सिन्दूर तृतीया के दिन माता रानी को सिन्दूर चढ़ाने से विवाहित महिलाओं का सौभाग्य बढ़ता है, घर में सुख-शांति आती है और जीवन की परेशानियां दूर होती हैं। सिन्दूर देवी पूजा की विशेष वस्तुओं में शामिल है।
❀ सिन्दूर तृतीया के दिन लाखों महिलाएं बड़ी धूमधाम से माता रानी की पूजा करती हैं और उनका आशीर्वाद लेती हैं।

सिंदूर तृतीया के प्रथाएँ
❀ सिंदूर तृतीया के दिन महिलाएँ पूजा के दौरान अपने बालों के बीच में सिंदूर लगाती हैं और देवी पार्वती को अर्पित करती हैं।
❀ वैवाहिक सौहार्द की प्रार्थना के साथ-साथ उपवास या आंशिक उपवास भी रखा जा सकता है।
❀ कुछ क्षेत्र इसे मंगला गौरी व्रत परंपराओं से भी जोड़ते हैं।

सिन्दूर तृतीया का महत्व

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, सिन्दूर तृतीया तृतीया तिथि यानी कि नवरात्रि के तीसरे दिन मनाई जाती है। सिन्दूर तृतीया को महा तृतीया नवरात्रि दुर्गा पूजा, सौभाग्य तीज और गौरी तीज जैसे नामों से भी जाना जाता है। इस दिन विवाहित महिलाएं माता को सिन्दूर लगाने के बाद बचे हुए सिन्दूर को प्रसाद के रूप में अपने पास रख लेती हैं। कहा जाता है कि उसी सिन्दूर से घर के मुख्य द्वार पर स्वास्तिक चिन्ह बनाना चाहिए जिससे घर में शांति और समृद्धि बनी रहे। यह दिन माता चंद्रघंटा के विवाहित रूप में माता पार्वती का प्रतिनिधित्व करता है।

संबंधित जानकारियाँ

भविष्य के त्यौहार
2 October 202721 September 202810 October 202930 September 2030
आवृत्ति
वार्षिक
समय
1 दिन
शुरुआत तिथि
आश्विन शुक्ला तृतीया
महीना
सितंबर / अक्टूबर
पिछले त्यौहार
24 September 2025, 5 October 2024
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