Shri Hanuman Bhajan

विनय पत्रिका: भैरवरूप शिव स्तुति: पद 2 (Vinay Patrika: Bhairavroop Shiv Stuti: Pad 2)


Add To Favorites Change Font Size
सदा
शंकरं, शंप्रदं, शंप्रदंसज्जनानंददं, सज्जनानंददंशैल-कन्या-वरं, परमरम्यं ।
काम-मदमोचनं, मदमोचनंतामरस-लोचनं, लोचनंवामदेवं भजे भावगम्यं ॥ १ ॥
कंबु-कंबुकुंदेंदु-कर्पूर-गौरं शिवं, शिवंसुंदरं, सच्चिदानंदकंदं ।
सिद्ध-सनकादि-योगींद्र-वृंदारका, विष्णु-विष्णुविधि-वन्द्य चरणारविंदं ॥ २ ॥

ब्रह्म-कुल-वल्लभं, वल्लभंसुलभ मति दुर्लभं, दुर्लभंविकट-वेषं, वेषंविभुं, विभुंवेदपारं ।
नौमि करुणाकरं, गरल-गंगाधरं, निर्मलं, निर्गुणं, निर्गुणंनिर्विकारं ॥ ३ ॥

लोकनाथं, लोकनाथंशोक-शूल-निर्मूलिनं, निर्मूलिनंशूलिनं मोह-तम-भूरि-भानुं ।
कालकालं, कलातीतमजरं हरं, कठिन-कलिकाल-कानन-कृशानुं ॥ ४ ॥

तज्ञमज्ञान-पाथोधि-घटसंभवं, घटसंभवं सर्वगं, सर्वगं सर्वसौभाग्यमूलं ।
प्रचुर-भव-भंजनं, भंजनंप्रणत-जन-रंजनं, रंजनंदास तुलसी शरण सानुकूलं ॥ ५ ॥

Granth Vinaypatrika GranthVinay Pad GranthRam Vinayavali GranthTulsidas Ji Rachit Granth

अगर आपको यह ग्रंथ पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस ग्रंथ को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

विनय पत्रिका

गोस्वामी तुलसीदास कृत विनयपत्रिका ब्रज भाषा में रचित है। विनय पत्रिका में विनय के पद है। विनयपत्रिका का एक नाम राम विनयावली भी है।

श्री रामचरितमानस: सुन्दर काण्ड: पद 41

बुध पुरान श्रुति संमत बानी । कही बिभीषन नीति बखानी ॥ सुनत दसानन उठा रिसाई ।..

श्री रामचरितमानस: सुन्दर काण्ड: पद 44

कोटि बिप्र बध लागहिं जाहू । आएँ सरन तजउँ नहिं ताहू ॥ सनमुख होइ जीव मोहि जबहीं ।..

Hanuman Chalisa - Hanuman Chalisa
Achyutam Keshavam - Achyutam Keshavam
Bhakti Bharat APP